इनकम टैक्स का नया प्रवाधान, अगले महीने से बढ़ जाएगी नौकरीपेशा करने वाले लोगों की सैलरी! देखें

आयकर विभाग ने नौकरीपेशा करने वाले लोगों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए किराया-मुक्त आवास से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। आयकर विभाग ने कंपनी द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने वाले किराया-मुक्त घरों के मूल्यांकन के नियमों में बदलाव किया है।

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जयपुर। आयकर विभाग ने नौकरीपेशा करने वाले लोगों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए किराया-मुक्त आवास से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। आयकर विभाग ने कंपनी द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने वाले किराया-मुक्त घरों के मूल्यांकन के नियमों में बदलाव किया है।

इससे जो कर्मचारी बेहतर वेतन पाते हैं और नियोक्ता कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए किराए-मुक्त घरों में रहते हैं, वे अब अधिक बचत कर पाएंगे और वे वेतन के रूप में अधिक नकदी ले सकेंगे।

19 अगस्त को जारी की अधिसूचना जारी

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शनिवार, 19 अगस्त को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की। यह अधिसूचना नियोक्ताओं द्वारा प्रदान किए जाने वाले रेंट फ्री होम या बिना पैसों के ठहरने की जगह के संबंधित है।

एक सितंबर से लागू होगा प्रावधान

आयकर विभाग ने किराया-मुक्त आवास के लिए दी जाने वाली सुविधा के प्रावधानों में बदलाव किया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, जिन कर्मचारियों रेंट फ्री होम या बिना पैसों के ठहरने की सुविधा दी है, वे अब पहले से ज्यादा बचत कर पाएंगे और उनकी टेक होम सैलरी भी बढ़ने वाली है।

इसका मतलब है कि बदलाव से प्रभावित कर्मचारियों की टेक होम सैलरी अगले महीने से बढ़ जाएगी, क्योंकि नए प्रावधान 1 सितंबर 2023 से लागू हो रहे हैं।

अधिसूचना के अनुसार, ऐसे मामलों में जहां केंद्र सरकार या राज्य सरकार के कर्मचारियों के अलावा अन्य कर्मचारियों को असज्जित आवास प्रदान किया जाता है और उस आवास का स्वामित्व नियोक्ता के पास है, तो मूल्यांकन अब इस प्रकार होगा।

ऐसे बदला वैल्यू फॉर्मूला

  • 2011 की जनगणना के अनुसार 40 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में वेतन का 10%। (पहले यह 2001 की जनगणना के अनुसार 25 लाख की आबादी वाले शहरों में वेतन के 15 प्रतिशत के बराबर था।)
  • 2011 की जनसंख्या के अनुसार 40 लाख से कम लेकिन 15 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में वेतन के 7.5% के बराबर। (पहले 2001 की जनसंख्या के आधार पर 10 से 25 लाख की आबादी वाले शहरों में यह 10 प्रतिशत था।)

इस तरह होगा फायदा

इस फैसले का असर यह होगा कि जो कर्मचारी अपने नियोक्ताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए किराया मुक्त मकानों में रह रहे हैं, उनके लिए किराए की गणना अब बदले हुए फॉर्मूले के अनुसार की जाएगी। बदले हुए फॉर्मूले में मूल्यांकन की दर कम कर दी गई है। इसका मतलब है कि अब कुल सैलरी से कम कटौती होगी, जिसका मतलब अंततः हर महीने टेक होम सैलरी में बढ़ोतरी होगी।

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