Rajasthan Election 2023: जनसभा में विरोध देख इंदिरा ने अपने ही प्रत्याशी के लिए कहा था- ये तो हार गया

राजस्थान में जब इंदिरा गांधी जब प्रचार कर गाड़ी में बैठने के लिए आगे बढ़ी तो उन्होंने झल्लाहट में कांग्रेस प्रत्याशी लड्ढा को इंगित करते हुए कहा कि यह तो चुनाव हार गया। चुनाव परिणाम से इंदिरा की बात सही निकली। कालवी 11443 मतों से जीते।

Indira Gandhi | Sach Bedhadak

Rajasthan Election 2023 : चुनाव चाहे लोकसभा के हों अथवा विधानसभा के- चुनाव प्रचार के लिए राजनैतिक दलों के नेता चुनावी सभाओं के साथ रैली-रोड शो तथा जनसम्पर्क इत्यादि माध्यमों से अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को विजयी बनाने की अपील मतदाताओं से करते हैं। पिछले दशकों में चुनाव प्रचार के तौर-तरीकों में गुणात्मक परिवर्तन हुआ है। अब तो सोशल मीडि‌या भी चुनाव प्रचार की रणनीति का एक महत्वपूर्ण भाग बन चुका है। चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में पार्टी के प्रमुख नेता- अध्यक्ष अथवा पार्टी प्रवक्ता चुनाव में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का दावा करने से नहीं चूकते।

कई मर्तबा तो अलगअलग दलों के नेताओं के चुनावी जीत के दावों की चर्चा करें तो संबंधित सदन की सीटों की संख्या से कहीं अधिक सीटों का योग बनता है जो हास्यास्पद लगता है। लेकिन कई बार ऐसे दावे कसौटी पर खरे उतरते हैं। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान तथा मतदान से पहले संभावित चुनाव परिणाम के विषय में किसी निर्वाचन विशेष से संबंधित भविष्यवाणी सही होने के उदाहरण यदा- कदा देखने को मिलते हैं। राजस्थान के संबंध में तत्कालीन प्रधानमंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा गांधी की दो निर्वाचन क्षेत्रों के भावी परिणाम से जुड़ी भविष्यवाणी फलीभूत होने के प्रसंग की आज चर्चा करेंगे। इनमें एक विधानसभा और दूसरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित है।

यह खबर भी पढ़ें:-13 जिलों की 83 सीटों पर नजर…प्रियंका गांधी आज दौसा में, ERCP पर प्रदेशवासियों की आवाज करेंगी बुलंद

इंदिरा की सभा में हुई थी हूटिंग

चुनाव परिणाम से जुड़ी पहली भविष्यवाणी के संदर्भ में राजस्थान की तत्कालीन राजनीतिक परिस्थिति को ध्यान में रखना होगा। आपातकाल के पश्चात केन्द्र में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में गठित पहली गैर कांग्रेस सरकार ने 29 अप्रैल 1977 को प्रदेश में कांग्रेस की हरिदेव जोशी सरकार को बर्खास्त कर दिया था। जून 1977 में सम्पन्न विधानसभा चुनाव के पश्चात भैरों सिंह शेखावत के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार का गठन हुआ।

इस चुनाव में भीलवाड़ा जिले के बनेड़ा विधानसभा क्षेत्र से जनता पार्टी के उमराव सिंह ढाबरिया 68.17 प्रतिशत वोट लेकर विजयी हुए। वे 1962 में भी बतौर निर्दलीय जीते थे। ढाबरिया के निधन के पश्चात बनेड़ा में 22 मई 1978 को उपचुनाव कराया गया। जनता पार्टी के प्रत्याशी थे कल्याण सिंह कालवी। कांग्रेस ने सिंचाई मंत्री रहे रामप्रसाद लड्ढा को चुनाव मैदान में उतारा। कालवी के समर्थन में केन्द्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नान्डीस तथा प्रदेश के गृहमंत्री प्रो. के दार सहित अन्य नेता चुनाव प्रचार में आए।

यह खबर भी पढ़ें:-दावेदारी पर आज की भाग दौड़…एक समय कांग्रेस ने चप्पल की दुकान चलाने वाले कार्यकर्ता को दिया टिकट,

कालवी के जोशीले समर्थकों ने चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने के हरसंभव प्रयास किए। ऐसे माहौल में इंदिरा गांधी पार्टी प्रत्याशी का प्रचार करने बनेड़ा आईं। तब सड़कें इतनी सुविधाजनक नहीं थी। बनेड़ा तक की कष्टप्रद यात्रा से इंदिरा असहज थीं। सभा में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कुछ लोगों ने इंदिरा की सभा में जोरदार हूटिंग की। विरोधी नारों से उनका चेहरा तमतमा गया। यही नहीं सभा मंच को हिलाने का भी प्रयास किया गया। अपना भाषण पूरा करके इंदिरा गाड़ी में बैठने के लिए आगे बढ़ी तो उन्होंने झल्लाहट में कांग्रेस प्रत्याशी लड्ढा को इंगित करते हुए कहा कि यह तो चुनाव हार गया। चुनाव परिणाम से इंदिरा की बात सही निकली। कालवी 11443 मतों से जीते।

गहलोत के लिए भी सही निकली थी भविष्यवाणी

जनवरी 1978 में कांग्रेस में विभाजन के समय इंदिरा के नेतृत्व में एक धड़ा अलग हो गया था। राजस्थान मे भी कांग्रेस दो फाड़ हो गई। तब जोधपुर से हिन्दुस्तान समाचार एजेंसी से हमने खबर जारी की थी कि बनेड़ा उपचुनाव से पहले विधायक दल नेता रामनारायण चौधरी कांग्रेस (ई) के साथ दूसरे धड़े के 14 नेता शामिल हो जाएं गे। मजबूत हुए कांग्रेस (ई) विधायक दल के बावजूद पार्टी उपचुनाव हार गई। बाद में 1980 के लोकसभा चुनाव में जोधपुर में हुई सभा के अगले दिन बाड़मेर जाते समय इंदिरा ने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक गहलोत की जीत की बात कही थी। इंदिरा
की दोनों बातें सही निकलीं।

गुलाब बत्रा, वरिष्ठ पत्रकार