Atiq Ahmed : बरेली जेल में अशरफ से उमेशपाल के शूटर्स ने की थी अवैध मुलाकात, कई पुलिस अधिकारी जांच के घेरे में

प्रयागराज। अतीक अहमद हत्याकांड (Atiq Ahmed) मामले की जांच में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब सोशल मीडिया पर उमेश पाल हत्याकांड…

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प्रयागराज। अतीक अहमद हत्याकांड (Atiq Ahmed) मामले की जांच में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब सोशल मीडिया पर उमेश पाल हत्याकांड से जुड़ा हुआ एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें देखा जा रहा है कि अतीक अहमद का बेटा असद और इस हत्याकांड में शामिल सभी शूटर्स अशरफ अहमद से जेल से मुलाकात कर बाहर निकल रहे हैं। ये वीडियो 12 फरवरी का बताया जा रहा है और यह जेल बरेली जिला जेल है।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

पुलिस ने इस वीडियो को संज्ञान में लेकर इसकी जांच की जिसमें पता चला कि उमेश पाल हत्याकांड से पहले इस मर्डर की साजिश के लिए बरेली जेल में बंद अशरफ अहमद से अतीक अहमद के बेटे असद, शूटर गुड्डू मुस्लिम, शूटर गुलाम समेत सभी शूटर्स मिलने गए थे। वहां पर उन्होंने अशरफ से काफी देर तक बातचीत की और उसके बाद बाहर निकल आए। इस वीडियो की जांच में यह भी सामने आया है कि इन शूटर्स ने अशरफ के साथ जो बातचीत की थी वह अवैध मुलाकात थी। जिसे लेकर जेल के अधिकारियों पर भी शक गहरा गया है। पुलिस उन अधिकारियों पर भी नकेल कसने की शुरुआत कर चुकी है।

पुलिस ने बताया कि जिस वक्त का यह वीडियो है उस वक्त अतीक का भाई अशरफ अहमद बरेली की जिला जेल में बंद था। इस अवैध मुलाकात को लेकर बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में अशरफ, उसके साले सद्दाम, जेल वार्डन शिव हरी अवस्थी, कैंटीन संचालक दयाराम उर्फ नन्हे, जिला अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ साजिश रचने रंगदारी और अपराधियों को संरक्षण देने समेत कई गंभीर धाराओं में एफ आई आर दर्ज की गई थी, लेकिन जेल में मुलाकात करने वालों पर कोई FIR नहीं दर्ज की गई।

जेल में मिलने वाले शूटर्स पर कोई FIR दर्ज नहीं

 इस मामले में 9 आरोपितों को जेल भेजा गया था। हैरानी की बात यह है कि जेल में भी अशरफ के साले सद्दाम के इशारे पर अशरफ को सारी सुख सुविधाएं भेजी जाती थी और इसी के जरिए अवैध रूप से उस दिन 12 फरवरी को असद, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम समेत सभी शूटर्स ने अशरफ के साथ अवैध मुलाकात की थी।

तत्कालीन सीओ भी जांच के घेरे में

इस वीडियो में देखा जा सकता है कि असद, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, उस्मान और एक अन्य शूटर एक साथ जेल से बाहर निकलते हुए नजर आ रहे हैं। इस मामले पर बरेली पुलिस और प्रयागराज पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पाया कि बरेली में जो दर्ज किया गया मामला था उसकी विवेचना सीओ आशीष प्रताप सिंह ने की थी लेकिन उन्होंने इस अवैध मुलाकात में शामिल शूटर्स और असद का नाम नहीं लिखा था। ऐसे में सीओ आशीष प्रताप सिंह भी अब पुलिस के शक के घेरे में आ गए हैं। अब पुलिस सीओ से पूछताछ करने की तैयारी में है। 

अफसरों की मिलीभगत से बरेली पुलिस करती रही इनकार

जानकारी में ये भी पता चला है कि बरेली पुलिस भी इस पूरे मामले में आरोपी नजर आ रही है। क्योंकि जब उमेश पाल और पुलिसकर्मियों की हत्या की साजिश बरेली जिला जेल में ही  रची गई थी। उसके बाद भी बरेली पुलिस ने इस मामले में कोई भी एफ आई आर दर्ज नहीं की। और तो और इस अवैध मुलाकात और साजिश की बात से और अफसरों के मिलीभगत की बात से पुलिस इनकार करती रही। 

लेकिन अब प्रयागराज पुलिस इन सभी आरोपियों से पूछताछ करने में जुट गई है अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस हत्याकांड में बड़े-बड़े सफेदपोशो को भी धरा जाएगा।

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