विधानसभा से राजेंद्र गुढ़ा और मदन दिलावर को क्यों किया सस्पेंड? गहलोत के मंत्री ने बताई सही वजह

राजस्थान विधानसभा में ‘लाल डायरी’ को लेकर जमकर हंगामा हुआ। विधायकों के बीच तीखी तकरार व हाथापाई तक की नौबत आ गई।

Rajendra Gudha and Madan Dilawar

Rajendra Gudha and Madan Dilawar : जयपुर। राजस्थान विधानसभा में ‘लाल डायरी’ को लेकर जमकर हंगामा हुआ। विधायकों के बीच तीखी तकरार व हाथापाई तक की नौबत आ गई। मंत्रिपरिषद से निष्कासित विधायक राजेन्द्र गुढ़ा ने सदन में ‘लाल डायरी’ लहराते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल का माइक खींचा, तो नाराज विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने मार्शल के जरिए उन्हें सदन में बाहर निकलवा दिया। वहीं, भाजपा विधायक मदन दिलावर को हंगामे के बीच अपनी सीमा को लांघते हुए सत्ता पक्ष की तरफ जाना भारी पड़ गया। स्पीकर जोशी ने उन्हें बार-बार चेतावनी दी, लेकिन वे नहीं माने तो दिलावर को भी मार्शल के जरिए बाहर निकालने का आदेश दे दिया गया।

दिलावर को निकालने आए मार्शल और भाजपा विधायकों के बीच मारपीट होती नजर आई। वहीं सत्ता और विपक्ष के विधायक भी इस मामले में आमने-सामने हो गए। बाद में विधानसभा में संसदीय मंत्री शांति धारीवाल के प्रस्ताव पर गुढ़ा और दिलावर को 15 वीं विधानसभा की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। इससे पहले सदन में मचे हंगामे के चलते तीन बार कार्यवाही स्थगित हुई और बाद में शाम 4:03 बजे कार्यवाही को दो अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

मंत्री शांति धारीवाल ने बताया-गुढ़ा और दिलावर को क्यों किया सस्पेंड? 

संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि गुढ़ा ने उनके साथ मारपीट करने की कोशिश की और अगर मार्शल वहां नहीं आते तो बड़ी घटना हो सकती थी। उन्होंने कहा कि गुढ़ा का व्यवहार बेहद शर्मनाक और असंसदीय था। भाजपा विधायक मदन दिलावर के लिए धारीवाल ने कहा कि वे उनकी ओर बढ़े थे और उन पर हमला करने की योजना बना रहे थे। 

संसदीय मंत्री धारीवाल ने कहा कि यह सही है कि गुढ़ा ने संकट काल में हमारी सरकार का साथ दिया, लेकिन अब वे ऐसी मांग कर रहे हैं, जिसे माना जाना कतई उचित नहीं है। वे अब भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सदन में जो भी हरकत हुई, उसकी पूरी रिकॉर्डिंग सदन में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद है। सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग में पुख्ता सबूत है जिसमें राजेंद्र गुढ़ा और मदन दिलावर के व्यवहार को देखा जा सकता है।

विधानसभा में ऐसे हुई हंगामे की शुरुआत

राजेंद्र गुढ़ा शून्यकाल के दौरान आसन के सामने पहुंच गए और एक लाल रंग की डायरी लहराते हुए मांग की कि उन्हें बयान देने की अनुमति दी जानी चाहिए। जोशी ने गुढ़ा के व्यवहार पर आपत्ति जताई और उनके कक्ष में मिलने के लिए कहा। इस बीच भाजपा विधायकों ने गुढ़ा के समर्थन में नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया और लाल रंग की ‘प्रतीकात्मक’ डायरियां लहराईं। इस मामले में संसदीय कार्य मंत्री धारीवाल बयान देने के लिए उठे तो गुढ़ा आक्रामक मुद्रा में उनकी ओर बढ़े और उनके माइक पर हाथ मार दिया। विधायक रफीक खान ने तुरंत गुढ़ा को धक्का दिया तो मंत्री रामलाल जाट और अन्य कांग्रेस विधायक भी आगे आ गए और इनके बीच धक्का- मुक्की होती दिखी। यह देख जोशी ने मार्शलों को गुढ़ा को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

दिलावर बोले… मैं ध्यान से सुनने गया था धारीवाल के पास 

इसके बाद जब कार्यवाही शुरू हुई तो संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने मणिपुर के हालात को लेकर संकल्प प्रस्ताव रखा। जब वे प्रस्ताव पढ़ रहे तो भाजपा के विधायक मदन दिलावर ने उनके पास आने की कोशिश की। सत्ता पक्ष के कु छ और विधायक मंत्री भी वहां आ गए। अध्यक्ष जोशी ने भाजपा विधायक को बाहर निकालने के लिए मार्शलों से कहा। दिलावर को बाहर निकालने आए मार्शलों और भाजपा के विधायकों में तनातनी हो गई और अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही फिर आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। दिलावर ने मीडिया को सफाई दी कि हंगामे में उन्हें कुछ सुनाई नहीं दे रहा था, इसलिए मैं धारीवाल के पास गया थे।

गुढ़ा का आरोप- मंत्रियों ने पीट कर बाहर निकाला

सदन के बाहर गुढ़ा ने कहा कि मेरी डायरी छीन ली गई। मुझ पर हमला कर मुझे नीचे गिरा दिया गया। मुझे मार्शल ने नहीं, बल्कि कांग्रेस के मंत्रियों ने मुझे मारपीट कर बाहर निकाला। डायरी का आधा हिस्सा विधानसभा में मुझसे छीन लिया गया, लेकिन इसका आधा हिस्सा अभी मेरे पास है। उन्होंने कहा कि मैं कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं। मैं लड़ाई लड़ूं गा, जनता के बीच जाऊं गा, लेकिन किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटूंगा।

बर्खास्त मंत्री ने कहा कि यह डायरी उन्हें आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के आवास पर आयकर विभाग के छापे के दौरान मिली थी। तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें डायरी सुरक्षित करने के लिए राठौड़ के आवास पर जाने के लिए कहा था और उन्होंने ऐसा ही किया। गुढ़ा ने दावा किया कि धर्मेंद्र राठौड़ की लिखी गई डायरी में ‘अनियमित वित्तीय लेन देन’ का ब्योरा है और इसमें मुख्यमंत्री तथा उनके बेटे का नाम है। उन्होंने कहा कि वे अपनी ‘लाल डायरी’ टेबल करना चाहते थे। हालांकि, मीडिया के बार-बार कहने के बावजूद गुढ़ा ने अपने पास मौजूद डायरी खोलकर नहीं दिखाई।

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