गजब! 2 दुल्हन को पसंद आया एक ही दूल्हा, 2 बच्चों के पिता की अनोखी शादी को देखने उमड़े लोग

बांसवाड़ा। राजस्थान के बांसवाड़ा में अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक अनोखी शादी देखने को मिली। जहां एक दूल्हे की दो दुल्हन थीं। दूल्हे…

New Project 2023 06 25T143525.168 | Sach Bedhadak

बांसवाड़ा। राजस्थान के बांसवाड़ा में अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक अनोखी शादी देखने को मिली। जहां एक दूल्हे की दो दुल्हन थीं। दूल्हे ने दोनों दुल्हन के साथ पूरी रीतिरिवाज से विवाह किया। हैरान करने वाली बात यह है कि कमलाशंकर को दोनों दुल्हन से एक बेटा और एक बेटी है। दोनों ही बच्चे अपने पिता की शादी में शामिल हुए।

बताया जा रहा है कि एक दुल्हन का लव अफेयर करीब 20 साल पुराना था और दूसरी का अफेयर करीब 9 साल पुराना है। दो पत्नियों के साथ कमलाशंकर ने परिणय सूत्र में बंधकर दोनों जीवन संगनियों के साथ सात फेरे लिए। इस अनोखी शादी को देखने के लिए आस पास के सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ रही। यह मामला बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी ब्लॉक की ग्राम पंचायत मुंदरी के उपलापाड़ा गांव का है। सोशल मीडिया पर इस शादी की जमकर चर्चा हो रही है।

New Project 2023 06 25T143918.488 | Sach Bedhadak

दूल्हा कमलाशंकर के जीजा हितेश पारगी ने बताया कि साल 2002 में जब कमलाशंकर 13 वर्ष का था तब मकन गांव से नानीदेवी को नातरा (एक प्रथा) कर ले आया था। इसके बाद साल 2014 में कमलाशंकर ने ओबला निवासी टीना से भी नातरा किया। कमलाशंकर नाबालिग होने के कारण और आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार विवाह नहीं कर पाया था। लेकिन, अब वह बालिग हो गया है। इसके साथ ही उसकी आर्थिक स्थिति भी सुधरी तो शुक्रवार को सामाजिक रीति रिवाज से उसने नानीदेवी और टीना से विवाह किया है। कमलाशंकर को नानी देवी से एक बेटी (8) और टीना से बेटा (6) है। दोनों बच्चे अपने पिता की शादी में शामिल हुए।

जानिए क्या है नातरा प्रथा…

संप सभा के कानूनी सलाहकार मंत्री एडवोकेट विनोद डामोर ने बताया कि नातरा प्रथा राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में काफी पुरानी है। इस प्रथा में बिना शादी के ही जोड़े साथ रहते हैं और पति पत्नी की तरह जीवन यापन करते हैं। कई जोड़े तो बुजुर्ग होने पर शादी करते हैं। नातरा प्रथा में लड़का-लड़की अपने माता-पिता से बिना इजाजत के शादी कर लेते हैं। कई बार पैसों का भी लेनदेन होता है। संप सभा इस नातरा प्रथा को समाप्त करने का प्रयास कर रही है। शिक्षा के साथ-साथ इस प्रथा का चलन धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।

आदिवासियों में नायरा प्रथा क्यों है खास…

राजस्थान में यह प्रथा बांसवाड़ा, डूंगरपुर, झालावाड़, उदयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी चल रही है। इन क्षेत्रों में अधिकतर आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। यह नए जमाने की लिव-इन प्रथा की तरह ही है। ऐसा बताया जाता है कि आदिवासी व्यक्ति को यदि कोई महिला भा जाए और दोनों एक-दूसरे के साथ रहने के लिए राजी हों तो महिला अपने पहले पति और परिवार को छोड़कर दूसरे के साथ रहने के लिए चली जाती है। इसी नातरे प्रथा के तहत यहां पर बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनकी एक से ज्यादा पत्नियां हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *