धारीवाल ने बताया MLA-मंत्रियों को जयपुर के विकास में बाधा, खाचरियावास बोले- झूठे बयान देना उनकी आदत

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने जयपुर के ​विकास में यहां के जनप्रतिनिधियों को बाधा बताया जिसके बाद खाचरियावास ने पलटवार किया है.

sb 1 46 | Sach Bedhadak

जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में विधानसभा चुनावों से पहले एक नया राग छिड़ गया है जिसके बाद सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई है. कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने गुरुवार को उदयपुर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे एक कार्यक्रम में इसी प्रोजेक्ट के तहत जयपुर में चल रहे काम को लेकर तंज कसा जिसके बाद विवाद पैदा हो गया. यूडीएच मंत्री ने कहा राजधानी जयपुर के ​विकास में यहां के जनप्रतिनिधियों को बाधा बताते हुए कहा है कि जयपुर में सरकार में तीन मंत्री और 6 विधायक हैं जो कि सबसे बड़ी प्रॉब्लम है.

धारीवाल ने कहा कि मंत्री और विधायकों में आपसी विवाद के कारण काम में देरी हो जाती है लेकिन अगर फैसला लेने वाला कोई एक आदमी हो तो काम समय पर पूरा हो सकता है. इधर धारीवाल के गुरुवार को दिए बयान पर खाचरियावास ने पलटवार करते हुए कहा कि उनकी झूठे बयान देने की आदत है और वह झूठे बयान देकर माहौल बनाने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि जयपुर विकास में बहुत पीछे ना होकर एक नंबर है.

बता दें कि वर्तमान में प्रदेश के चार शहरों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत काम चल रहा है जहां उदयपुर, कोटा और अजमेर के काम को लेकर मंत्री खुश दिखे लेकिन जयपुर का काम धीमा चल रहा है जिस पर नाराजगी जताई. मंत्री ने कहा कि जयपुर में कांग्रेस के 6 विधायक है और उनमें से 3 मंत्री हैं लेकिन उनमें आपसी कॉर्डिनेशन की कमी है.

खाचरियारवास ने किया धारीवाल पर पलटवार

वहीं धारीवाल के बयान पर खाचरियारवास ने कहा कि झूठे बयान देना उनकी आदत है और वो ऐसे बयान देकर माहौल बनाते हैं. उन्होंने कहा कि धारीवाल ने कोटा का विकास करने में पूरा दम लगाया लेकिन जयपुर के तीन मंत्री और छह विधायकों में दम है जिनके चलते ही यहां मेट्रो से लेकर अंडरपास आए और जयपुर में बिसलपुर का पानी आया.

खाचरियावास ने कहा कि जयपुर में काम किसी एक मंत्री की मेहरबानी से नहीं हुआ है यहां सरकार में ताकत है और मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में हर विधायक और मंत्री को बराबर के अधिकार है. वहीं मंत्री ने कहा कि धारीवाल को पार्टी ने काफी कुछ दिया है और उन्हें ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जो सरकार और पार्टी के विरोध में होते हैं.

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