चुनाव में कम खर्च व प्रक्रिया को सरल बनाने को जुटेंगे स्टेट लेवल कमिश्नर

चुनावी प्रक्रिया में पंचायती राज संस्थाओं की नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब 7 मई को चुनाव होंगे।

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बेधड़क । जयपुर राज्य स्तर पर होने वाले स्थानीय चुनावों को कम खर्चीला बनाने के साथ ही प्रक्रिया को सरल करने जैसे महत्वपूर्ण  मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 5 और 6 जून को स्टेट लेवल कमिश्नर की नेशनल कॉन्फ्रेंस माउंट आबू में आयोजित होगी। प्रदेश में 20 वर्षों बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इस तरह की कॉन्फ्रेंस का आयोजन होगा। राज्य चुनाव आयुक्त मधुकर गुप्ता ने शुक्रवार को पंचायती राज संस्था के उपचुनावों की जानकारी भी दी। प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं और नगरीय निकायों के रिक्त सदस्यों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उपचुनाव आयोजित कराए जा रहे हैं। 

चुनावी प्रक्रिया में पंचायती राज संस्थाओं की नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब 7 मई को चुनाव होंगे। यह उपचुनाव 31 जनवरी तक रिक्त चार जिलों के जिला परिषद सदस्यों, 13 जिलों के 24 पंचायत समिति सदस्यों के लिए हो रहे हैं। राज्य चुनाव आयुक्त मधुकर गुप्ता ने चुनावी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया की चार जिलों के जिला परिषद सदस्यों के लिए 10 उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं 24 पंचायत समिति में से 23 पंचायत समिति सदस्यों के लिए नामांकन आए हैं, जिसमें से 7 पंचायत समिति सदस्य निर्विरोध चुनने के बाद अब 16 पंचायत समिति सदस्यों के लिए 41 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। 

बैजूपाड़ा में चुनावों का बहिष्कार 

दौसा जिले की पंचायत समिति बैजूपाड़ा में चुनावों का बहिष्कार किया गया है। मधुकर गुप्ता नेबताया कि बैजूपाड़ा में तीसरी बार चुनावों का बहिष्कार किया गया है। उन्होंने बताया कि 2020 से बैजूपाड़ा में चुनाव का बहिष्कार किया जा रहा है। परिसीमन गलत होने के आरोप के बाद से लोग लगातार चुनाव उपचुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों सेकई बार समझाइश और वार्ता की जा चुकी है, लेकिन हर बार परिसीमन के विवाद को लेकर चुनावों का बहिष्कार किया जा रहा है।

लापरवाही अधिकारियों पर पड़ रही भारी 

राज्य चुनाव आयुक्त मधुकर गुप्ता ने बताया कि चुनावों के दौरान लापरवाही और गलती करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ हर स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। जो अधिकारी आयोग की बात नहीं सुनते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्रीगंगानगर, जैसलमेर, चित्तौड़गढ़ सहित कई जिला निर्वाचन अधिकारियों पर एक्शन हुआ है। हालांकि उनका जवाब आना बाकी है। अगर अधिकारी आयोग की बात नहीं मानते हैंतो राज्य सरकार को पत्र लिखकर कार्रवाई की बात करेंगे।

ईवीएम-बैलेट बॉक्स का हो विकेन्द्रीकरण

गुप्ता नेबताया कि राज्य निर्वाचन आयोग चुनावी प्रक्रिया को सरल करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा चुनावों मेंटेक्नोलॉजी का उपयोग कर उन्हें कॉम्प्लिके ट कर रहे हैं। जबकि जिस प्रक्रिया से सरल और कम खर्चे पर चुनाव हों, उससे चुनाव होने चाहिए। उन्होंने कहा कि ईवीएम और बैलेट बॉक्स का विकेन्द्रीकरण होने चाहिए। साथ ही सीट खाली होनेके बाद हमारा प्रयास है कि 2 माह मेंचुनाव कराया जाए।

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