‘पैसे डलवा दो…लड़की भेज देंगे…’ सेक्सटॉर्शन गैंग के चंगुल में फंसा पूर्व DGP का बेटा, 1.42 लाख की चंपत

राजस्थान में भी अश्लील विडियो के जाल में फंसाकर वसूली करने वाले गिरोह से तेजी फलफूल रहे हैं। अब राजस्थान पुलिस के पूर्व डीजीपी उमेश मिश्रा के बेटे के सेक्सटॉर्शन गैंग के जाल में फंसने का मामला सामने आया है।

sextortion racket | Sach Bedhadak

Sextortion Racket : जयपुर। राजस्थान में भी अश्लील विडियो के जाल में फंसाकर वसूली करने वाले गिरोह से तेजी फलफूल रहे हैं। अब राजस्थान पुलिस के पूर्व डीजीपी उमेश मिश्रा के बेटे के सेक्सटॉर्शन गैंग के जाल में फंसने का मामला सामने आया है। सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे सिद्धार्थ शंकर को ब्लैकमेल कर सायबर ठगों ने 1.42 लाख रुपए ऐंठ लिए। चौंकाने वाली बात ये है केस दर्ज होने के एक महीने बाद भी पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ लगा पाई है। लेकिन, जांच में सामने आया है कि बांग्लादेश से ऑपरेट हो रहे गिरोह ने पूर्व डीजीपी के बेटे को अपने जाल फंसाया था।

पुलिस के मुताबिक साइबर ठगों ने इंटरनेट के जरिए पूरे प्रदेश में फ्रेंडशिप क्लब का जाल फैला रखा है, जो बांग्लादेश से ऑपरेट हो रहा है। पूर्व डीजीपी के बेटे साथ भी सेक्सटॉर्शन गैंग ने अपने जाल में फंसाया और 1.42 लाख रुपए ऐंठ लिए। कॉल डिटेल और ट्रांजैक्शन डिटेल के आधार पर आरोपियों की तलाश के लिए पश्चिम बंगाल के कई जिलों में जयपुर पुलिस की टीम भेजी गई है। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

ऐसे फंसाया जाल में

पुलिस के मुताबिक जांच में सामने आया कि बांग्लादेशी गिरोह के लोगों ने वॉइस चेंजर के जरिये पीड़ित से लेडीज की आवाज में बात की। फ्रेंडशिप क्लब में एंट्री के लिए पहले दस्तावेज लिए और फिर लाखों रुपए ऐंठ लिए। पीड़ित ने कोलकाता के एक बैंक के अलग-अलग खातों में यूपीआई के जरिए पैसे ट्रांसफर किए। जिनकी पहचान कर कर उन्हें सीज कर दिया गया है। फिलहाल, पुलिस आरोपियों की धरपकड़ में जगह-जगह छापेमारी कर रही है।

ये है पूरा मामला

बता दें कि जयपुर के हनुमान नगर में रहने वाले पूर्व डीजीपी उमेश मिश्रा के बेटे सिद्धार्थ शंकर ने 24 दिसंबर को कमिश्नरेट के साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि कुछ सायबर ठगों ने ब्लैकमेल कर उससे 1.42 लाख रुपए ऐंठ लिए है और अभी भी और रूपयों की डिमांड कर रहे है। सिद्धार्थ ने पुलिस को बताया कि क्लब फ्रेंडशिप का लालच देकर अलग-अलग लड़कियों के नाम से कॉल करके रजिस्ट्रेशन के बहाने उसे दस्तावेज लिए गए। पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, वसूली सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच साइबर क्राइम थाने के पुलिस निरीक्षक चंद्र प्रकाश को सौंप दी, जो लगातार इस मामले की जांच में जुटे हुए है।