Sachin Pilot: 26 साल की उम्र में बने सांसद, विरासत में मिला राजनीतिक मंत्र…ऐसा रहा सियासी सफर

राजस्थान में कांग्रेस नेता और टोंक से विधायक सचिन पायलट के जन्मदिन को लेकर समर्थकों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। बहुत ही कम उम्र में सचिन पायलट ने राजनीति में अपनी अच्छी पकड़ बना ली।

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Sachin Pilot Birthday: राजस्थान में कांग्रेस नेता और टोंक से विधायक सचिन पायलट के जन्मदिन को लेकर समर्थकों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। बहुत ही कम उम्र में सचिन पायलट ने राजनीति में अपनी अच्छी पकड़ बना ली।

सचिन पायलट को राजनीति विरासत में मिली है। महज 26 साल की उम्र में सबसे युवा सांसद बने। 40 साल तक आते आते प्रदेश अध्यक्ष और बाद में उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई। अब जानते हैं सचिन पायलट के सियासी सफर के बारे में…

सहारनपुर में जन्मे पायलट

साल 1977 में सचिन पायलट का जन्म उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ था। सचिन के पिता राजेश पायलट एयर फोर्स में थे। बाद में उनकी गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होने लगी। पायलट की मां रमा पायलट भी विधायक रहीं। पायलट को परिवार में ही राजनीति माहौल मिला।

पायलट की प्रारंभिक शिक्षा

जानकार बताते है कि पायलट कभी नेता नहीं बनना चाहते थे। पायलट ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल से की। दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने अमरीका के पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय के व्हॉर्टन स्कूल से एमबीए की डिग्री भी हासिल की।

2002 में हुए कांग्रेस में शामिल

सचिन पायलट ने अपने पिता के जन्मदिन 10 फरवरी 2002 के दिन कांग्रेस में शामिल हुए। इसी साल एक सड़क हादसे में 11 जून को राजेश पायलट की मौत हो गई। दो साल बाद 2004 में वह दौसा से सांसद चुने गए। इस समय सचिन पायलट की उम्र सिर्फ 26 साल थी। इस दौरान वह गृह मामलों पर लोकसभा की स्थायी समिति के सदस्य भी बनाए गए। 2006 में पायलट नागरिक उड्डयन मंत्रालय में सलाहकार समिति के सदस्य भी बने।

मोदी लहर में करना पड़ा हार का सामना

2009 के लोकसभा चुनाव में पायलट भाजपा उम्मीदवार किरण माहेश्वरी को हराकर अजमेर से सांसद चुने गए। 2012 में मनमोहन सरकार में पायलट को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी केंद्रीय मंत्री बनाया । 2014 के लोकसभा चुनाव की मोदी लहर में पायलट अपनी अजमेर सीट नहीं बचा पाए और चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा।

राजनीति पर पायलट का राय

राजनीति में आने को लेकर एक बार पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, पिता से मैंने कभी अपने राजनीतिक सफर के बारे में बात नहीं की, लेकिन उनके निधन के बाद जिंदगी एकदम बदल गई थी।

इसके बाद मैंने सोच-समझकर राजनीति में आने का फैसला किया। राजनीति मेरे ऊपर थोपी नहीं गई है, पायलट ने कहा था, राजनीति कोई सोने का कटोरा नहीं है, जिसे कोई आगे बढ़ा देगा। इस क्षेत्र में आपको अपनी जगह खुद बनानी होती है।

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