Exclusive : खाटूधाम में आस्था अपार, सुविधाएं बेजार…

खाटू नरेश के दरबार में प्रतिदिन प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कोने- कोनेसे लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

khatu shyam mandir | Sach Bedhadak

(निरंजन चौधरी) : जयपुर/सीकर। खाटू नरेश के दरबार में प्रतिदिन प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कोने- कोनेसे लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। खाटू कस्बे में भक्तों की श्याम बाबा के प्रति अपार आस्था उमड़ती है, लेकिन सुविधाएं नहीं होने से श्रद्धालुओं को निराश होना पड़ता है। सुविधाएं नहीं होने का यहां के होटल संचालक फायदा उठा रहे हैं। टॉयलेट सुविधा के नाम पर श्रद्धालुओं से अवैध वसूली का खेल खाटू कस्बे में चल रहा है। श्रद्धालुओं की परेशानी का कारण है सार्वजनिक शौचालय का नहीं होना।

कस्बे में तोरणद्वार के आगे सिर्फ एक सार्वजनिक शौचालय बना हुआ है। इसके चलते लोगों को सुविधाओं की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ता है। महिला भक्तों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। उधर, कस्बे की होटलों और धर्मशालाओं में शौचालय सुविधा के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। जबकि सराय अधिनियम, 1867 के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को किसी भी होटल में मुफ्त में पानी पीने और शौचालय की सुविधा का इस्तेमाल करने की अनुमति है।

‘सच बेधड़क’ ने इस बारे में यहां आए कई भक्तों से बात की तो उन्होंने अपनी पीड़ा बताई। भक्तों का कहना है कि इस समस्या पर न तो मंदिर कमेटी का कोई ध्यान है, ना ही जिला प्रशासन का कोई अधिकारी इस पर ध्यान दे रहा है। हालांकि कस्बेसे बाहर तोरणद्वार के पास नगरपालिका की ओर से बने शौचालय के जब हाल जाने तो वहां बीस से तीस भक्त नहाते हुए नजर आए। गौरतलब है कि प्रदेश में आस्था का केंद्र बन चुके खाटू धाम में एकादशी और वीकेंड पर करीब पांच लाख सेभी अधिक भक्त आतेहैं, जो तोरण द्वार से श्याम मंदिर तक करीब दो से तीन किलोमीटर पैदल जातेहैं।

प्रति व्यक्ति 20 से 50 रुपए चार्ज

‘सच बेधड़क’ ने खाटू कस्बे में गली-गली घूमकर करीब बीस होटलों में शौचालय सुविधा इस्तेमाल करने के बारे में पूछा तो उन्होंने 20 से 50 रुपए प्रति व्यक्ति चार्ज लेने की बात कही। खाटू में सैकड़ों होटल बने हुए हैं, जिनमें चार्ज लिया जा रहा है। होटल संचालकों को इस बात का अनुमान है कि कस्बे में शौचालय तो हैं नहीं ऐसे में भक्तों को मजबूरी में पैसा देना ही होगा। सूत्रों का कहना है कि प्रशासन को इस वसूली का पता है, लेकिन किसी पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती।

मेले में बनाए थे अस्थाई शौचालय

श्याम बाबा के फाल्गुनी लक्खी मेले में रींगस से खाटूश्यामजी तक अस्थाई शौचालय बनाए गए थे। मेला खत्म होते ही प्रशासन की ओर से इन्हें हटा लिया गया। लाखों भक्तों की आस्था से जुड़े खाटूधाम में मेले के बाद भी हजारों पदयात्री रोजाना इस मार्ग से निशान लेकर गुजरते हैं। भक्तों का कहना है कि इस मार्ग पर प्रशासन की ओर से सार्वजनिक शौचालय के स्थाई इंतजाम किए जाने चाहिए।

आधा दर्जन ठेके खुले, शौचालय एक भी नहीं

रींगस से खाटू के पैदल मार्ग में पिछले दो वर्षों में आधा दर्जन शराब के ठे के खुल गए, लेकिन इस दौरान एक भी स्थाई शौचालय नहीं बनाया गया। इस 16 किलोमीटर लंबे मार्ग से पैदल यात्री बाबा के दरबार तक निशान लेकर पहुंचते हैं। मार्ग में एक भी शौचालय नहीं होने की स्थिति में भक्तों को या तो खुले में टॉयलेट के लिए जाना पड़ता है या होटल में चार्ज देना होता है।

जानें-किसने क्या कहा?

सीकर कलेक्टर अमित यादव ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर आगामी 20 जून की बैठक में चर्चा की जाएगी। अगर होटलों की तरफ से टॉयलेट के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। खाटूश्यामजी मंदिर कमेटी के अध्यक्ष प्रताप सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। हम नगरपालिका से बात करके जल्द ही इस समस्या का समाधान करेंगे। मंदिर कमेटी भक्तों के लिए हमेशा तत्पर है। वहीं, मंदिर कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मोहनदास महाराज का कहना है कि प्रशासन की तरफ से होटल संचालकों को शौचालय की व्यवस्था के लिए दिशा-निर्देश दिए जाने चाहिए। अगर नगरपालिका मंदिर कमेटी को जगह उपलब्ध करवाती है तो हम शौचालय बनाने के लिए तैयार हैं। जब मैं कमेटी में मंत्री था, तब इस विषय पर काम किया था, लेकिन उसके बाद अधिकारी बदलते ही व्यवस्था पहले जैसी हो गई।

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