RTH Bill : निजी डॉक्टर्स आज निकालेंगे मशाल जुलूस, हड़ताल से मरीज परेशान, इलाज के लिए दूसरे राज्यों की ओर कर रहे रुख

आरटीएच बिल के विरोध में निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की हड़ताल 14वें दिन भी जारी है। जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

rth03 | Sach Bedhadak

RTH Bill : जयपुर। आरटीएच बिल के विरोध में निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की हड़ताल 14वें दिन भी जारी है। जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर मरीज इलाज के लिए हड़ताल खत्म होने का इंतजार कर रहे। वहीं, दूसरी ओर अधिकतर मरीज अब इलाज के लिए दूसरे राज्यों का रुख कर रहे है। करना शुरू कर दिया है। इधर, डॉक्टर्स मशाल जुलूस आज निकलेंगे।

सुबह 9.30 बजे JMA से मशाल जुलूस एवं जागरूकता रैली सीकर के लिए रवाना होगी। 30 गाड़ियों में 150 डॉक्टर्स का दल सीकर जाते समय रास्ते में ढाणी-ढाणी लोगों को बिल के नुकसान को लेकर बताएंगे। विधेयक को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को लेकर राज्‍य में निजी अस्पताल पूरी तरह से बंद हैं- न ओपीडी है, न आपाता सेवा चल रही है।

सीएम ने फिर की हड़ताल खत्म करने की अपील

इधर, राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे निजी अस्पतालों के चिकित्सकों से सीएम अशोक गहलोत ने हड़ताल समाप्त कर मरीजों की सेवा करने की अपील की है। चिकित्सकों के 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सीएम गहलोत से गुरुवार को एमआर में पहुंच मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा डॉक्टर्स का पक्ष सुनेंगे। वे उन्हें सभी समस्याएं बता दें।

बता दें, सीएमआर करीब 20 डॉक्टर्स पहुंचे थे, जिनमें से सीएम ने डॉ.वीरेन्द्र सिंह, आईएमए के डॉ.सुनील चुग व डॉ.अशोक शारदा से वार्ता की। इस मुलाकात के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसाइटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने कहा कि उनकी सीएम से कोई मुलाकात नहीं हुई है। इसलिए कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।

रेजिडेंट्स भी अपने फैसले से पलटे

इधर, रेजिडेंट्सों के नदारद होने से सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है। अस्पतालों में महज औपचारिक इलाज मिल पा रहा है। पिछले 12 दिनों से अस्पतालों में केवल इंमरजेंसी केसे में ही इलाज हो पा रहा है। मंगलवार देर रात मेडिकल हेल्थ एज्युकेशन सेक्रेट्री और अन्य अधिकारियों संग हुई रेजीडेंट्स डॉक्टर्स की मीटिंग में सहमति बनने के बाद जयपुर रेजीडेंट्स समेत दूसरे जिलों के मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया था। लेकिन, रेजीडेंट अपने फैसले से पलट गए है।

रेजीडेंट बोले-जबरदस्ती करवाए हस्ताक्षर

उनका कहना है कि जबरदस्ती करवाए हस्ताक्षर है। जिन जार्ड पदाधिकारियों के हस्ताक्षर करवाए उनके फोन बंद है। रेजिडेंट्स ने कहा कि हम पूरी तरह से निजी डॉक्टर्स के समर्थन में हैं और हड़ताल जारी रहेगी। बता दे कि निजी डॉक्टर्स पिछले 13 दिन से बिल के विरोध में हड़ताल पर है और आज भी हड़ताल जारी है। निजी च‍िक‍ित्‍सक राज्य विधानसभा में पारित आरटीएच विधेयक को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस कानून से निजी अस्पतालों के कामकाज में नौकरशाही का दखल बढ़ेगा।

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