RPSC Paper Leak : कटारा के घर से मिला 51 लाख कैश…करोडों की जमीन के कागज…लाखों के गहने…अब तक बेटे और उसके दोस्त का पता नहीं

वरिष्ठ अध्यापक भर्ती पेपर लीक (RPSC Paper Leak) मामले में आरपीएससी के मेंबर बाबूलाल कटारा के घर की तलाशी के दौरान एसओजी को 50 लाख…

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वरिष्ठ अध्यापक भर्ती पेपर लीक (RPSC Paper Leak) मामले में आरपीएससी के मेंबर बाबूलाल कटारा के घर की तलाशी के दौरान एसओजी को 50 लाख से ज्यादा की नकदी और लाखों के जेवर मिले हैं इसके अलावा कटारा के घर से करोड़ों रुपए की जायदाद के कागज भी मिले हैं। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

परिवार के सामने और परिवार से हुई पूछताछ

बाबूलाल कटारा को रिमांड में लेने के बाद एसओजी उन्हें डूंगरपुर जिले के सुभाष नगर में स्थित उनके घर पर लेकर आई। जहां परिवार के सामने और परिवार के सदस्यों से SOG ने 4 घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान घर की तलाशी ली गई। जिसमें यह सब सामान मिला, जितने समय तक एसओजी घर के अंदर रही, उस दौरान कटारा के आवास की चारों तरफ से कड़ी सुरक्षा की गई थी। यहां तक कि बाहर से किसी को ना अंदर आने दिया, ना ही घर से किसी को बाहर जाने दिया। इस सर्च ऑपरेशन में 51 लाख 20 हजार रुपए नकद और 541 ग्राम सोने के गहने जिनकी कीमत लाखों में है, बरामद किए गए हैं।

उदयपुर, डूंगरपुर में ली है करोड़ों की जमीन

 इसके अलावा प्रॉपर्टी के संबंधित कुछ कागज भी मिले हैं। जिनकी कीमत करोड़ों में है। एसओजी अंदेशा लगा रही है कि जो कैश मिला, ये वही पैसे हैं जो पेपर के बदले में 60 लाख रुपए मिले थे। जो प्रॉपर्टी के कागज बरामद किए गए हैं उनसे यह भी सामने आ रहा है कि कटारा ने डूंगरपुर उदयपुर समेत कई जगहों पर करोड़ों की जमीन खरीदी हुई थी । हालांकि सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है एसओजी के किसी भी अधिकारी ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है।

दीपेश और उसका दोस्त गौतम कहां हैं…

वहीं दूसरी सबसे बड़ी बात यह कि एसओजी ने कल कटारा के बेटे दीपेश कटारा और उसके दोस्त गौतम कटारा को गिरफ्तार किया था लेकिन गिरफ्तार करने के बाद एसओजी उन दोनों को कहां लेकर गई है, इसकी भी जानकारी अब तक नहीं मिली है।

बता दें कि अभी तक एसओजी ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती मामले में आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा उसके भांजे विजय कटारा, ड्राइवर गोपाल सिंह को गिरफ्तार किया था। जिन्हें अजमेर लाया जाएगा। बाबूलाल कटारा पर आरोप है कि पेपर लीक की शुरुआत बाबू लाल कटारा ने ही की। क्योंकि प्रश्न पत्रों का कामकाज बाबूलाल कटारा को दिया गया था। इसके साथ ही वह क्वेश्चन पेपर के छह सेट अपने घर भी लेकर गए थे। उसने अपने भांजे विजय कटारा से हर सेट के सवाल लिखवा कर बेचे थे। बाबूलाल कटारा को अभी पद से निलंबित नहीं किया है इसकी कार्यवाही चल रही है। 

अध्यक्ष आयोग के सदस्यों से कराने लगे के सीक्रेट काम

RPSC  में पिछले कुछ समय से आयोग अध्यक्ष क्वेश्चन पेपर संबंधित सीक्रेट काम भी अपने अलावा  आयोग के सदस्यों से कराने लगे थे। इसी के तहत बाबूलाल कटारा को भी प्रश्नपत्र से संबंधित काम सौंपे गए थे।

दरअसल बाबू लाल कटारा 15 अक्टूबर 2020 से RPSC के मेंबर हैं। इनका कार्यकाल 14 अक्टूबर 2026 तक है। जानकारी है कि आयोग के अध्यक्ष ने जिन अलग-अलग सदस्यों को अलग-अलग परीक्षाओं के काम दिए थे, उनमें से वरिष्ठ मेंबर जो आयोग में नहीं है, उनको भी इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। इसलिए इस बात पर गौर किया जा सकता है कि इस समय जो आयोग के अध्यक्ष हैं, उन्होंने भी अलग-अलग परीक्षाओं के लिए अलग-अलग सदस्यों को पेपरों की जिम्मेदारी दी है।

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