राजस्थान में 3 दिन बाद फिर प्रशासनिक सर्जरी, 17 RAS अधिकारियों के तबादले, 11 नए जिलों में लगाए ADM

राजस्थान में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले का दौर जारी है।

Personnel Department

Rajasthan RAS Transfer List : जयपुर। राजस्थान में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले का दौर जारी है। राजस्थान में 19 नए जिलों के गठन के बाद एक बार फिर आरएएस अफसरों के तबादले किए गए हैं। कार्मिक विभाग ने गुरुवार देर रात आरएएस अफसरों की तबादला लिस्ट जारी की। इन लिस्ट के मुताबिक 17 आरएएस अफसरों को इधर-उधर किया गया है। इनमें से 11 अफसरों को नए जिलों में अति. जिला कलक्टर लगाया गया है। साथ ही तीन जिलों राजसमंद, श्रीगंगानगर और धौलपुर के एडीएम भी बदले हैं।

जानें-किस अधिकारी को कहां लगाया

कार्मिक विभाग की ओर से जारी लिस्ट के मुताबिक दिनेश कुमार शर्मा को जयपुर ग्रामीण, रवि विजय को दूदू, नरेश कुमार मालव को राजसमंद, डा. बजरंग सिंह को खैरथल, ओमप्रकाश-प्रथम को जोधपुर ग्रामीण, अरविंद कुमार जाखड़ को श्रीगंगानगर, जितेंद्र सिंह राठौर को प्रतापगढ़, कपूर शंकर मान को अनूपगढ़, बालकृष्ण तिवारी को धौलपुर, चंदन दुबे को शाहपुरा, राकेश कुमार गुप्ता- प्रथम को ब्यावर, कालूराम खौड़ को फलौदी, चंद्रशेखर भंडारी को सांचौर, राजकुमार कस्वां को दौसा, दिनेश चंद धाकड़ को केकड़ी और दुर्गाशंकर मीणा को सलूंबर में अति. जिला कलक्टर लगाया गया है।

कैलाश चंद बने श्रीगंगानगर नगर विकास न्यास में सचिव

इसके अलावा कैलाश चंद को श्रीगंगानगर नगर विकास न्यास में सचिव लगाया गया है। नवीन यादव एवं अशोक सांगवा को पदस्थापन आदेशों की प्रतीक्षा में रखा गया है। वहीं दिनेश कुमार शर्मा को अति. जिला कलक्टर, जयपुर प्रथम का अति. कार्यभार भी सौंपा गया है।

3 दिन पहले भी जारी हुई थी तबादला सूची

बता दे कि राज्य सरकार ने 3 दिन पहले भी 22 आईएएस और 24 आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी की थी। इस तबादला सूची के जरिये प्रदेश के सभी नवगठित जिलों में जिला कलेक्टर और एसपी की नियुक्ति की गई थी। साथ ही तीन नवगठित संभाग सीकर, पाली और बांसवाड़ा में भी संभागीय आयुक्तों की नियुक्ति की गई थी।

क्यों बार-बार जारी की जा रही लिस्ट?

बता दे कि नए जिले बनने से अक्सर एक सूची में पर्याप्त प्रशासकीय अधिकारी नहीं लग पाए। इसी वजह से बार-बार सूचियां जारी हो रही हैं। इन तबादलों में जनप्रतिनिधियों की राय को महत्व दिया जा रहा है। यही वजह है कि चुनाव से पहले गुरुवार देर रात जारी हुई लिस्ट नए और पुराने जिलों में एडीएम लगाने पर केंद्रित रही है।

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