राजस्थान की ‘लाल डायरी’ जिसके इर्द-गिर्द मचा है इतना हल्ला! क्या बिगड़ेगा कांग्रेस का चुनावी गणित?

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव का प्रचार अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है। राजस्थान में चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे…

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जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव का प्रचार अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है। राजस्थान में चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे ही पार्टियों का चुनाव प्रचार आक्रामक होता जा रहा है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचार में जी जान लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए हर बार ‘लाल डायरी’ का जिक्र किया। ऐसे में राजस्थान की राजनीति में ‘लाल डायरी’ ने एक बार फिर तूफान खड़ा कर दिया है।

दरअसल, राजस्थान की राजनीति में लंबे अरसे से नेता लाल डायरियों की कहानियां सुनाते आए हैं, लेकिन अब इस बारे में खुलकर बातें होने लगी हैं। बता दें कि पिछले दिनों राजस्थान सरकार से बर्खास्त किए जा चुके मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी ‘लाल डायरी’ में विधायकों के खरीद-फरोख्त का लेखा-जोखा होने की बात कह चुके हैं। विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि लाल डायरी लेकर विधानसभा पहुंचे बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। इससे पहले उन्हें मार्शलों के जरिए विधानसभा से बाहर तक निकलवा दिया गया।

लाल डायरी में कौन से राज?

राजेंद्र गुढ़ा से जब लाल डायरी को लेकर बातचीत की और उसमें छुपे राज के बारे में पूछा। ऐसे में गुढ़ा ने डायरी में छिपे राज को लेकर खुलकर कुछ नहीं बता रहे हैं, लेकिन वो यह कह रहे हैं कि इसमें विधायकों के लेन-देन का हिसाब है। राजस्थान क्रिकेट एसोशिएसन के चुनाव का हिसाब-किताब भी है। इसमें बीजेपी का हेलिकॉप्टर खाली क्यों गया था और बीजेपी के विधायक अपनी पार्टी के बाड़ेबंदी से क्यों भागे थे उसका भी जिक्र है। वो कहते हैं कि चुनाव से पहले सब सामने आ जाएगा।

आखिर क्या है लाल डायरी की कहानी…

राजस्थान सरकार से बर्खास्त किए जा चुके मंत्री राजेंद्र गुढ़ा से हुई बातचीत और मौके पर मौजूद चश्मदीदों के मुताबिक जिस वक्त सचिन पायलट की बगावत की वजह से कांग्रेस की सियासत में बवाल मचा हुआ था, तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ के यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा। उस समय धर्मेंद्र राठौड़ सिविल लाइन के सोमदत्त अपार्टमेंट में मौजूद थे। दरअसल, धर्मेंद्र राठौड़ डायरियों में अपनी दिनचर्या लिखते हैं। ऐसे में राजेंद्र गुढ़ा का कहना है कि धर्मेंद्र राठौड़ ने पहले पुलिस से मदद मांगी कि किसी तरह से उनकी डायरियों को यहां से निकाला जाए, लेकिन पुलिस ने ज्यादा मदद नहीं की।

फ्लैट में थे सिर्फ कई अधिकारी…

राजेंद्र गुढ़ा के दावे के मुताबिक पुलिस से बार-बार मदद मांगने पर एक एडिशनल एसपी पहुंचे। उस वक्त इनकम टैक्स के अधिकारी मनोज यादव, अनिल ढाका सिर्फ 5 सुरक्षाकर्मियों के साथ फ्लैट में मौजूद थे। एएसपी ने कहा कि हमें पता चला है कि यहां एक विधायक को छुपाकर रखा गया है। हमें तलाशी लेनी है, लेकिन इनकम टैक्स के अधिकारियों ने उन्हें लौटा दिया।

करणी सेना के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी

उन्होंने आगे बताया गया कि बाद में वह, धीरज गुर्जर और एक पुलिस अधिकारी को भेजा गया। गुढ़ा के साथ करणी सेना के 30-40 कार्यकर्ता हंगामा करते हुए आए। गुढ़ा उपर गए और कमरे का दरवाजा खटखटाया। कमरे का दरवाजा जैसे ही खुला तो गुढ़ा ने अपने पैर दरवाजे पर लगा दिए। इसके बाद गुढ़ा और धीरज गुर्जर अंदर दाखिल हो गए। धीरज गुर्जर इनकम टैक्स के अधिकारियों से उलझ गए और अंदर मौजूद धर्मेंद राठौड़ के कर्मचारियों ने डायरी के बारे में बता दिया। डायरियों की तस्वीरें खींच-खींच कर अधिकारी उपर वाले अधिकारी को भेज रहे थे।

चाकू से काटी बालकनी की जालियां…

बातचीत के मुताबिक, गुढ़ा ने उन सारी डायरियों को छीनकर बाहर निकलना चाहा तो देखा कि सामने की तरफ सीआरपीएफ का बड़ा दस्ता सोमदत्त अपार्टमेंट में दाखिल हो गया है। गुढ़ा ने अपने कर्मचारी से पीछे की तरफ आने को कहा और डायरियों को नीचे फेंकने चले गए। बालकनी में जालियां लगी हुई थी। गुढ़ा ने किचन से चाकू लाकर जालियां काटीं और डायरियां फेंक दीं।

CCTV के DVR ले गए पुलिस अधिकारी

नीचे उनके कर्मचारी ने डायरियां ले लीं। जब वह नीचे आ रहे थे तो इनकम टैक्स अधिकारियों ने वहां पहुंच चुके सुरक्षाकर्मियों को इस बारे में बताया। तब वहां पर इनकी पिटाई भी हुई। पुलिस अधिकारी CCTV के DVR ले गए। गुढ़ा ने कहा कि हमने वो लाल डारियां जला दी हैं, लेकिन उनके पास कुछ डायरियां मौजूद हैं। गुढ़ा का यह भी दावा है कि उन्होंने जब पूरी कहानी सीएम अशोक गहलोत को सुनाई तो उन्होंने कहा कि तुम्हें तो हॉलीवुड में होना चाहिए था।

अधिकारियों को किसने रोका…

हालांकि, इस एक्शन के बीच एक सवाल यह भी है कि इनकम टैक्स के अधिकारी उस वक्त राजकाज में बाधा का मुकदमा दर्ज करवाना चाह रहे थे तो उन्हें किसने रोका था। इस मामले में इनकम टैक्स के अधिकारियों की पूरी रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने कोई कारर्वाई क्यों नहीं की? गुढ़ा कहते हैं कि केंद्रीय एजेंसियों को कारर्वाई करनी चाहिए। मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं, लेकिन डायरी में जिनके नाम थे, वो भी जेल जाएं।