70 बसंत पार..लेकिन ‘टिकट’ का मोह बरकरार! क्या बेटे-बेटियों के लिए बुजुर्ग नेता खुद हो रहे साइडलाइन?

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत और श्रीकरणपुर से कांग्रेस विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर ने अगला चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है.

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जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले दल-बदल और जनता की नब्ज टटोलने के अलावा नेता अपने बेटों के लिए भी चुनावी जमीन तैयार करने में जुटे हैं जिसका बानगी उनके सत्ता का मोह छोड़ने के रूप में देखी जा रही है. बीते गुरुवार को दो कांग्रेस विधायकों ने एक ही दिन में चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया जहां सचिन पायलट गुट के माने जाने वाले विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत और श्रीकरणपुर से पूर्व मंत्री ओर कांग्रेस विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर ने अगला चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया.

वहीं कुन्नर ने खुद ही अपने बेटे के लिए टिकट की पैरवी की और शेखावत का बेचा भी चुनावी रेस में बना हुआ है. इधर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने उम्र के 70 साल पार करने के बाद भी कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा. माना जा रहा है कि बुजुर्ग नेता सक्रिय राजनीति से दूर होकर अपने बेटों-बेटियों के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं.

बता दें कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत (72) के चुनाव नहीं लड़ने से फैसले से पहले का वन मंत्री व गुढ़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी (75) और सांगोद से कांग्रेस के विधायक भरत सिंह कुंदनपुर (73) भी चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. हालांकि माना जा रहा है कि 70 साल से अधिक की उम्र वाले नेता सक्रिय राजनीति से दूर होकर अपनी बेटों और बेटियों के लिए रास्ता साफ कर रहे हैं जहां शेखावत के बेटे और हेमाराम की बेटी पहले से ही चुनावी मैदान में तैयारी कर रहे हैं.

बेटे को टिकट दे दे तो मेरी जान छूटे : कुन्नर

वहीं श्रीकरणपुर से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर ने गुरुवार को कहा कि जो मंत्री बने हैं उन्हें रोते देखते हैं रोज और मैं तो कहता हूं अच्छा हुआ मैं खुद मंत्री नहीं बना केवल एमएलए हैं तो सुखी हैं. उन्होंने कहा कि मैं भी कह कर आया हूं, बेटे को टिकट दे दे तो मेरी जान छूटे, वह काम करने लायक है और मैं मेरे मन से इस बार चुनाव नहीं लड़ना चाहता हूं.

सांगोद विधायक बोले…..दूसरों को मिले मौका

वहीं बीते दिनों कोटा के सांगोद से विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि अगर मैं ही चुनाव लड़ता रहूंगा तो दूसरों को मौका कैसे मिलेगा ? मालूम हो कि विधायक ने 2018 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ही भविष्य में आगे चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया था.

बीडी कल्ला बोले, मैं चुनाव के लिए फिट हूं

वहीं इन उम्रदराज नेताओं के संन्यास के ऐलान के बीच शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कल कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा और वहां से जीतने वाला उम्मीदवार हूं. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी में उनके सामने कोई टिकट मांगने वाला भी नहीं है. वहीं जब उनसे उन नेताओं के बारे में पूछा गया जो इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे तो मंत्री ने कहा कि चुनाव लड़ना एक व्यक्ति की इच्छा है.

खुद नहीं तो अपनों के लिए पैरवी

गौरतलब है कि कांग्रेस में ज्यादातर उम्रदराज नेता अपने बेटे-बेटियों को टिकट देने के एवज में चुनावी राजनीति से दूर होने के लिए तैयार हैं. वहीं ज्यादातर नेताओं के बेटे-बेटियां या दूसरे परिजन राजनीति में लगातार सक्रिय हैं और टिकट के लिए ताल ठोक रहे हैं जहां मंत्री हेमाराम चौधरी की बेटी, दीपेंद्र सिंह शेखावत के बेटे बालेंदु सिंह शेखावत टिकट की रेस में बताए जा रहे हैं.

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