‘मैं राव शेखा का वंशज हूं…माफी का सवाल ही नहीं’ अपने बयान पर कायम है पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा

बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा है कि उन्होंने अब संघर्ष का रास्ता चुना है.

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Rajendra Gudha: राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के बर्खास्तगी के बाद पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. गुढ़ा मंत्री पद गंवाने के बाद अपने बयान पर कायम है और उन्होंने माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया है. सोमवार को विधानसभा जाने से पहले गुढ़ा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “मैंने कुछ गलत नहीं कहा, प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, मैं सदन में जवाब दूंगा, हमें बोलने नहीं दिया गया लेकिन अब मैं आजाद हूं. वहीं माफी मांगने के सवाल पर गुढ़ा ने कहा कि उन्होंने माफी की बजाय लड़ने का फैसला किया है.

बता दें कि मंत्री पद छोड़ने के बाद गुढ़ा लगातार बयान दे रह हैं जहां रविवार को उन्होंने कहा कि मेरा चुनाव बीजेपी के खिलाफ होता है और यहां कांग्रेस 4 बार से हार रही है और मैं अगला चुनाव भी बीजेपी के खिलाफ ही लडूंगा. उन्होंने कहा कि मैंने तो सिर्फ इतना कहा था कि मणिपुर की बात करना ठीक है मगर अपने गिरेबां में भी झांककर देखो कि हमारे यहां क्या हो रहा है.

मैं विधानसभा में बोलूंगा – गुढ़ा

गुढ़ा ने विधानसभा जाने से पहले कहा कि आज सारी अफवाहें सदन में दूर हो जाएगी क्योंकि हाउस चल रहा है. उन्होंने कहा कि अभी हमारा हाउस चल रहा है तो मैं सारे जवाब हाउस में ही देना चाहता हूं. गुढ़ा ने कहा कि मुझ पर कई केस है ऐसे में मुझे जेल में भी डाला जा सकता है लेकिन मैंने संघर्ष करने का फैसला किया है.

गुढ़ा ने कहा कि रंधावा जी ने माफी मांगने का कहा है लेकिन मैं राव शेखा का वंशज हूं ऐसा कभी नहीं करने वाला हूं. उन्होंने कहा कि मुझे बहन बेटियों ने एक उम्मीद के साथ विधानसभा में भेजा था लेकिन वो मैं नहीं कर पाया हूं और अब मैं आजाद हो गया हूं.

‘मैंने गहलोत सरकार को बचाया’

वहीं इससे पहले गुढ़ा ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहले मंत्री था तो नहीं बोल पाता था अब विधायक हूं तो मैं खुलकर बोलूंगा. वहीं रंधावा से मुलाकात पर गुढ़ा ने कहा कि मेरी प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से एक बार ही मुलाकात हुई है और उसके बाद मैं उनसे कभी नहीं मिला. वहीं गुढ़ा ने कहा कि मैंने दो-दो बार गहलोत सरकार को बचाया है.

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