बाबा की फोटो देख भड़की सांसद, किसने कुरेदे पुराने घाव? ऐसे शुरू हुई थी किरोड़ी-जसकौर की अदावत

बीजेपी सांसद जसकौर मीणा एक कार्यक्रम के दौरान पोस्टर पर अपनी ही पार्टी के विधायक किरोड़ीलाल मीणा की फोटो देखकर भड़क गई.

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Jaskaur Meena vs Kirodilal Meena: आपने सुना होगा कि राजनीति में ना तो कोई स्थायी दोस्त और ना ही कोई स्थायी दुश्मन होता है चाहे वह एक दल के नेता हो या किसी विरोधी दल से राजनीति कर रहे हों. ताजा मामला राजस्थान से बीजेपी खेमे के दो दिग्गज नेताओं से जुड़ा है जिसके बाद दौसा की सियासत में एक बार फिर भूचाल आ गया है. दरअसल दौसा से बीजेपी सांसद जसकौर मीणा एक कार्यक्रम के दौरान पोस्टर पर अपनी ही पार्टी के विधायक किरोड़ीलाल मीणा की फोटो देखकर भड़क गई जिसके बाद सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई.

जानकारी के मुताबिक बीजेपी सांसद जसकौर मीणा के संसदीय क्षेत्र में शक्ति वंदन स्वंय सहायता समूह सखी सम्मान समारोह आयोजित किया गया था जहां इस कार्यक्रम के पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल और विधायक किरोड़ीलाल मीणा की फोटो लगी हुई थी. इसके बाद मीणा की फोटो देखकर सांसद जसकौर को गुस्सा आ गया और उन्होंने मंच से ही राजीविका मिशन अधिकारी बलदेव गुर्जर को फोन लगाकर जमकर फटकार लगाई.

जसकौर मीणा का अधिकारी को फटकार लगाते हुए एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें वो कह रही हैं कि इस कार्यक्रम के पोस्टर में ना तो स्थानीय विधायक रामबिलास का फोटो है और ना मेरा है पर इसमें किरोड़ी का फोटो लगा रखा है उसका यहां क्या लेना-देना है. बता दें कि किरोड़ीलाल मीणा और जसकौर मीणा की सियासी अदावत आज की नहीं है, 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले भी दोनों के बीच तकरार खुलकर सामने आई थी. वहीं इसके बाद कई मौकों पर दोनों एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते रहे.

2019 में दौसा सीट पर मचा था घमासान

बात 2019 के लोकसभा चुनावों की है, बीजेपी ने सभी सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया था सिवाय दौसा को छोड़कर, दौसा से किरोड़ीला मीणा खुद या खुद के परिवार से किसी को टिकट दिलवाना चाह रहे थे. वहीं से उनके विरोधी बागी निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला भी दावेदारी कर रहे थे. दोनों की खींचतान लंबी चली, प्रकाश जावड़ेकर डैमेज कंट्रोल के लिए आए, मोदी शाह तक बात पहुंच गई, गोलमा देवी के निर्दलीय उतरने की चर्चाएं थी.

लेकिन काफी दिनों तक चली इन दोनों की रस्साकस्शी के बीच टिकट की लॉटरी जसकौर मीणा के हाथ लग गई. किरोड़ी और जसकौर की अदावत उसी दिन से शुरू हो गई थी. बताया जाता है कि जसकौर को टिकट मिलने से किरोड़ी लाल मीणा की सबसे मज़बूत पकड़ वाली दौसा सीट उनके हाथ से खिसकने का डर उन्हें सता रहा था जहां से वो एक बार सांसद रहे थे.

वहीं उस टाइम एक इंटव्यू में किरोड़ीलाल ने कहा कि चार बार पहले भी टिकट कटा है और पहले भी जसकौर की वजह से टिकट कटा और इस बार भी. जसकौर ने अब तक तीन बार सांसद का चुनाव लड़ा जहां 2004 में उनकी हार हुई. वहीं 2008 में सवाईमाधोपुर से विधानसभा चुनाव मैदान में उतरी लेकिन नहीं जीती, वहीं से किरोड़ीलाल अब विधायक हैं.

आरक्षण पर भी भिड़े थे किरोड़ी और जसकौर

इसके अलावा आरक्षण को लेकर जसकौर मीणा ने सक्षम लोगों से आरक्षण का लाभ छोड़ने के बात कही तो किरोड़ी ने कहा ऐसे बयानों का कोई तुक नहीं है, अगर वे सांसद की आरक्षित सीट छोड़ें तो इस्तीफा दें. दरअसल जसकौर मीणा ने कहा था कि जब मैं सांसद बन गई तो मैंने अपने बच्चों को आरक्षण का लाभ नहीं दिलवाया और समाज के सक्षम लोगों को भी आरक्षण का लाभ छोड़ देना चाहिए था.

इस पर किरोड़ीलाल मीणा ने पलटवार करते हुए कहा था कि ऐसे बेतुका बयानों का कोई मतलब नहीं है और अगर वह आरक्षण छोड़ रही हैं तो उन्हें संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए जिसके बाद वहां उपचुनाव हो जाएंगे और किसी दूसरे को मौका मिलेगा.