सरकारी नौकरी नहीं लगी तो शुरू की ‘ऑनलाइन गर्लफ्रेंड स्कीम’ 5 युवकों ने 200 लोगों को बनाया शिकार

उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। उदयपुर पुलिस ने तीन राज्यों के 5 युवकों के एक गैंग का पर्दाफाश किया…

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उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। उदयपुर पुलिस ने तीन राज्यों के 5 युवकों के एक गैंग का पर्दाफाश किया है। यह गैंग लड़कों के लिए गर्लफ्रेंड और लड़कियों के लिए बॉयफ्रेंड का ऑफर देते थे। जब पुलिस को इस बात की भनक लगी तो पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए इन्हें पकड़ा है।

उदयपुर एसपी भुवन भूषण यादव ने गैंग का भंडाफोड़ करते हुए बताया कि राजस्थान, एमपी, और यूपी के पांच युवकों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र की बलीच स्थिति वीडियो कॉलोनी की एक गैंग इंस्टाग्राम और वॉट्सएप के माध्यम से लड़के-लड़कियों से दोस्ती करवाते हैं। साथ ही डेट करने का झांसा देकर धोखाधड़ी करते हैं। मुखबीर की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां पांच युवक मिले।

उन्होंने अपना नाम यूपी के आगरा निवासी भानु प्रताप सिंह (27), सत्यम सिंह (28), राजस्थान करौली निवासी राहुल व्यास (26), मध्य प्रदेश छत्तरपुर निवासी अमुल अहिरवार (24) और आगरा निवासी मोहित सिंह (25) बताया। पुलिस ने सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से मोबाइल और टैबलेट भी जब्त किया।

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासा किया है। आरोपियों ने बताया कि वो कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी कर रहे थे। सरकारी नौकरी के एग्जाम में फेल होने के बाद सभी आरोपियों ने जल्दी अमीर बनने के लिए ठगी का अनोखा प्लान बनाया। आरोपियों ने ठगी के लिए इंटरनेट पर कई तरीके ढूंढे। जिस तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिए मेंबरशिप लेनी पड़ती है। उसी तरह इन युवकों ने ऑनलाइन गर्लफ्रेंड स्कीम शुरू कर दी।

ये लोग सोशल मीडिया पर विज्ञापन डालकर युवाओं को लड़कियों से फ्रेंडशिप करवाने का झांसा देते थे। इसके लिए हेलो ऐप के जरिए और इंस्टाग्राम पर यूजर्स को निशाना बनाते थे। आरोपी उन्हें वॉट्सएप या इंस्टाग्राम पर अश्लील फोटो भेजकर पहले लालच देते। उन्हें मेंबरशिप लेने को कहते और जैसे ही यूजर रुपए ट्रांसफर करता, ये लोग उसे ब्लॉक कर देते थे। डेढ़ महीने में इन आरोपियों ने करीब 200 से ज्यादा लोगों से लाखों रुपए ऐंठ लिए। बदनामी के डर से कोई भी पीड़ित सामने नहीं आता था।

कॉम्पिटिशन एग्जाम में फेल हुए तो अपनाया ये तरीका…

पुलिस के अनुसार, पढ़ाई के दौरान सभी 5 आरोपियों की एक-दूसरे से मुलाकात हुई थी। ये लोग बैंक पीओ, एसएससी समेत कई सरकारी एग्जाम की तैयारी कर रहे थे। पूरे मामले के मास्टरमाइंड सत्यम सिंह ने ही इन्हें आपस में एक साथ जोड़ा। सत्यम ने पूछताछ में बताया कि वह कई सरकारी एग्जाम दे चुका था, लेकिन पास नहीं हुआ तो उसने ठगी करने की योजना बनाई। उसने अपने साथ भानु और राहुल को भी जोड़ा।

करीब डेढ़ महीने पहले ही सभी आरोपियों ने पढ़ाई का बहाना बनाकर उदयपुर के बलीचा स्थित बीडीओ कॉलोनी में किराए का मकान किया था। यहां से वे ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। ये अलग-अलग फोन से पांचों चैटिंग करते और लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे।

फर्जी स्क्रीनशॉट के जरिए जीत लेते थे लोगों का भरोसा…

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने इंस्टाग्राम और हेलो ऐप पर अकाउंट बनाए। इसके बाद ये अकाउंट पर एक लिंक डालते थे। जो सीधा व्हाट्सएप चैट या इंस्टा चैट से लिंक होता था। इसमें जो भी यूजर इस लिंक पर क्लिक करता तो एक चैट बॉक्स ओपन होता था। पहले हाय का मैसेज आते ही ये सोशल मीडिया यूजर को 6 महीने की मेंबरशिप लेने को कहते थे।

इसके जरिए यूजर को बताया जाता था कि अगर आप मेम्बरशिप लेंगे तो आपको 6 महीने तक चैट करने को मिलेगा। इसके लिए वे यूजर को फर्जी चैट का स्क्रीनशॉट भी भेजते थे। ताकि सामने वाले को यकीन हो जाए कि वास्तव में ये कोई असली डेटिंग साइट है। इन स्क्रीनशॉट में युवक-युवतियों की चैट के स्क्रीनशॉट्स होते थे।

वहीं महिलाओं और युवतियों को भेजने के लिए भी इनके पास ऐसे ही फर्जी स्क्रीनशॉट थे। ये फ्रेंडशिप हो जाने पर पीड़ितों को कमाई लालच भी देते थे। पुलिस ने जब इन्हें पकड़ा तो इनके फोन से यूजर को भेजी जाने वाली अश्लील तस्वीरें और स्क्रीनशॉट मिले थे।

डेढ़ महीने में 200 से ज्यादा लोगों को बनाया शिकार

पूछताछ में सामने आया कि उदयपुर आते ही ये लोग ठगी में जुट गए थे। आरोपियों ने शिवानी के नाम से ट्रूकॉलर की आईडी बना रखी थी। वहीं रिया नाम से इंस्टाग्राम पर एक अकाउंट भी बना रखा था। पूछताछ में सामने आया कि ये लोग लड़की बनकर लड़कों से चैट करते थे। अब पुलिस आरोपियों के फोन खंगाल रही है, ताकि कितने लोगों से ठगी हुई और ठगी की रकम क्या थी इसका पता लगाया जा सके।

डेढ़ महीने में इन आरोपियों ने करीब 200 से ज्यादा लोगों से लाखों रुपए ऐंठ लिए। बदनामी के डर से कोई भी पीड़ित सामने नहीं आता था। वहीं मास्टरमाइंड सत्यम ने पूछताछ में बताया कि ये लोग छोटे-छोटे अमाउंट में रुपए लेते थे ताकि ठगी होने के बाद अगर कोई शिकायत करना भी चाहे तो छोटी रकम होने के कारण नहीं कर पाए।