Rajasthan: कांग्रेस MLA पर दलित से मारपीट कर जूते चटवाने का आरोप, पुलिस बोली- मामला झूठा निकला

राजस्थान में पेशाब करने और जूते चटाने का मामला झूठा निकला, पुलिस ने बताया क्या है मामला…

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जयपुर। राजधानी जयपुर के जमवारामगढ़ विधायक और डिप्टी एसपी द्वारा एक दलित बुजुर्ग का अपहरण कर मारपीट करने, पेशाब करने और जूते चटाने मामले में नया मोड़ सामने आया है। पुलिस की जांच में यह पूरा मामला झूठा पाया गया। इस मामले में शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता ने प्रेसनोट जारी कर जानकारी दी कि जांच में दलित बुजुर्ग के अपहरण कर मारपीट करने, पेशाब करने व जूते चटाने जैसी घटना पूर्णतः मिथ्या व निराधार पाई गई।

बता दें कि जमवारामगढ़ तहसील के जयचंदपुरा निवासी 51 वर्षीय बुजुर्ग ने थाने में मामला दर्ज कराया कि वह टोडालड़ी गांव के एक खेत पर सार-संभाल का काम करता है। 30 जून की दोपहर जब वह खेत पर काम कर रहा था। तभी करीब 1 बजे कुछ पुलिसकर्मी आए। वो जबरन गाड़ी में डालकर जमवारामगढ़ विधायक गोपाल मीणा के घर पर ले गए।

यहां पर उन्होंने एक कमरे में बंद कर दिया। कुछ देर बाद डिप्टी एसपी शिवकुमार भारद्वाज और चार-पांच पुलिसकर्मी भी वहां पर आ गए। इसके बाद सभी पुलिसकर्मियों ने लात घूसों से मारपीट की और जमीन पर पटक दिया। इस दौरान पुलिसवालों ने जातीसूचक शब्दों से भी अपमानित किया।

डिप्टी एसपी पर मुंह पर पेशाब करने का आरोप

लाख मन्नतें करने के बाद भी पुलिसवाले नहीं रूके और मारपीट करते रहे। तभी डिप्टी शिव भारद्वाज ने उसके मुंह पर पेशाब कर दिया। डिप्टी ने धमकाया कि तुम गोपाल मीणा के इलाके में बिना पूछे कैसे आ गया। नजराना दिए बिना टोडालड़ी के खेत में काम करने की हिम्मत कैसे हुई। फिर उसे हॉल में ले गए। जहां पर विधायक मीणा एक कुर्सी पर बैठा हुआ था। तभी मेरा साथी शंकर भी वहां आ गया।

विधायक के खुद के जूते चटवाने का आरोप

मेरे साथी ने विधायक के सामने गिड़गिड़ाते हुए मुझे छोड़ने की अपील की। जिस पर विधायक ने कहा कि जब तक ये मेरे जूते जीभ से साफ नहीं करेगा। तब तक नहीं जाने दूंगा। ऐसे में अपनी जान बचाने के लिए विधायक के जूते जीभ से साफ किए। तब जाकर उसे छोड़ा। साथ ही धमकी दी कि अगर इस बारे में किसी को बताया तो अंजाम इससे भी बुरा होगा। क्योंकि सरकारी हमारी है। विधायक ने धमकाया कि दोबारा टोडालडी वाले खेत पर दिखा तो जान से मार देंगे। बुजुर्ग व्यक्ति ने मामला इस्तगासे के जरिए रिटायर्ड डीजी नवदीप सिंह की शह पर दर्ज कराया था।

बता दें कि रिटायर्ड डीजी नवदीप सिंह का कई वर्षों से इलाके के गांव टोडालड़ी आंधी में इस जमीन पर निवास कर रहे स्थानीय कब्जाधारी आदिवासी व दलित समुदाय के लोगों से विवाद चल रहा है। नवदीप सिंह इनसे कब्जा लेने के लिए अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल करते हुए दूसरे हल्के के पटवारी को बुलाकर पत्थरगढ़ी करवाना चाहते थे। इन्होंने पुलिस अधिकारियों पर भी दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन अधिकारी नहीं माने।

इधर, पूर्व डीजी नवदीप सिंह का कहना है कि विधायक और डिप्टी एसपी के खिलाफ प्रकरण की जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस से मिली है। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाला व्यक्ति मेरे खेत में काम करता था, लेकिन पत्थरगढ़ी के दौरान हुई घटना के बाद मेरे से नहीं मिला। अब लोग बेवजह बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

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