Rajasthan Election 2023 : 5 साल सरकार से जवाब मांगना है तो आज बिना चूके करें मतदान

राजस्थान के लिए आज लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार है। प्रदेश की जनता संविधान की ओर से मिले सबसे बड़े हथियार और अिधकार ‘मतदान’ का प्रयोग कर प्रदेश की सत्ता की चाबी किसी के हाथ में सौंपेगी।

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Rajasthan Election 2023 : जयपुर। राजस्थान के लिए आज लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार है। प्रदेश की जनता संविधान की ओर से मिले सबसे बड़े हथियार और अिधकार ‘मतदान’ का प्रयोग कर प्रदेश की सत्ता की चाबी किसी के हाथ में सौंपेगी। जनता की ओर से चुने जाने वाले विधायक मुख्यमंत्री के रूप में अपना नेता चुन उसके निर्देशन में अगले पांच साल राज्य की सरकार चलाएंगे।

इस बार प्रदेश के 5 करोड़ 26 लाख 90 हजार 146 मतदाता सरकार चुनेंगे। इनमें से 22 लाख 61 हजार 8 मतदाता ऐसे हैं जो इस चुनाव में अपने जीवन का पहला वोट डालेंगे। पिछले चुनावों के आंकड़े देखें तो केवल 2013 के विधानसभा चुनाव में 75.06 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था जो अब तक का सर्वाधिक है। पिछले चुनाव में 74.04 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे।

देखा जाए तो मतदान को लेकर एक चौथाई योग्य मतदाता या तो उदासीन रहते हैं या किसी कारण से मतदान नहीं कर पाते। जरूरी है कि सभी मतदाता अपनी जिम्मेदारी समझें और टिकाऊ, जवाबदेह व अपनी पसंद की सरकार बनाने के लिए मतदान करें। मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने भी कई इनीशिएटिव लिए हैं जिनकी सार्थकता तभी है जब हर नागरिक मतदान की जिम्मेदारी को पूरे उत्साह के साथ निभाए।

वोट जरूर करें… क्योंकि हर एक वोट जरूरी है

जो लोग ये कहते हैं कि मेरे एक वोट से क्या होगा, उनके लिए राजस्थान ने 15 साल पहले नजीर पेश कर दी थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उस समय मुख्यमंत्री के रूप में संभावित उम्मीदवाल डाॅ. सीपी जोशी उस चुनाव में महज एक वोट के अंतर से हार गए थे। साफ है, एक-एक वोट कीमती है। हर वोट चुनाव का परिणाम बदलने की ताकत रखता है। पिछले चुनाव में प्रदेश की 9 सीटों पर हार-जीत का अंदर एक हजार वोट से कम का रहा है। आसींद में जीते हुए प्रत्याशी को महज 154 वोट तो मारवाड़ जंक्शन में 251 वोट ज्यादा मिले थे। इसलिए हर वोट का महत्व समझते हुए अपना मतदान हर किसी को करना चाहिए।

कई देशों में मतदान अनिवार्य, न करने पर सजा का प्रावधान

भारत में अनिवार्य मतदान का मसला लंबे समय से चल रहा है और संसद में अनिवार्य मतदान संबंधी बिल विचाराधीन है। दुनियाभर की बात करें तो कुल 33 देश ऐसे हैं जहां मतदान करना अनिवार्य है। 19 देशों में तो मतदान न करने पर सजा तक का प्रावधान है। ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, अर्जेंटीना, सिंगापुर, बेल्जियम, साइप्रस, पेरू और बोलीविया समेत दुनिया के 33 देशों ऐसे हैं जहां वोट देना कानूनन जरूरी है।

ऑस्ट्रेलिया में 18 वर्ष या इससे ऊपर आयु वाले हर व्यक्ति के लिए मतदान करना अनिवार्य है, चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो। ऐसा न करने पर उस पर जुर्माना लगाया जाता है। जुर्माना न भरने पर मामला अदालत में जाता है और उस व्यक्ति को अदालत का खर्च का भी भुगतान करना होता है। बेल्जियम में भी वोट न देने पर जुर्माना लगाने का नियम है।

ब्राजील में मतदान ना करने पर पासपोर्ट जब्त कर लिया जाता है तो बोलीविया में मतदान ना करने पर तीन महीने का वेतन वापस देना पड़ता है। सिंगापुर में कोई मतदान न करे तो उसका मताधिकार छीन लिया जाता है, वहीं ब्रिटेन में मतदान न करने के लिए पहले ही सूचना देना जरूरी है।

अर्जेंटीना का कोई नागरिक मतदान न कर पाए तो उसे पुलिस के सामने ये क्लेरिफिकेशन देना होता है कि मतदान के दिन वह कहां था। पेरू और ग्रीस में मतदान न करने पर कुछ दिनों के लिए सार्वजनिक सुविधाओं के इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगा दी जाती है। न्यूजीलैंड में चुनाव आयोग की टीम उन लोगों के घर पहुंच जाती है जो वोट नहीं डालते, ऐसे लोगों से पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करवाया जाता है।

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