राजस्थान में अब ‘भजनराज’…मंत्रिमंडल में होंगे चौंकाने वाले नाम! सोशल इंजीनियरिंग में आएंगे कई पुराने चेहरे

राजस्थान के मनोनीत सीएम भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर पदभार ग्रहण करने जा रहे हैं.

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Rajasthan CM Bhajanlal Sharma: राजस्थान को आज 14वां मुख्यमंत्री मिल जाएगा जहां बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. वहीं राज्य के दो उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी एवं प्रेमचंद बैरवा भी आज शपथ लेंगे जहां राज्यपाल कलराज मिश्र तीनों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलवाएंगे. राजस्थान में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह जयपुर में अल्बर्ट हॉल के सामने आयोजित किया जा रहा है.

वहीं शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री सहित अन्य बड़े नेता शामिल होंगे. इधर भजनलाल सरकार बनने के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का भी गठन किया जाएगा.

हालांकि शुक्रवार को सिर्फ 3 नेताओं की ही शपथ होगी और इसके कुछ दिनों बाद मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह किया जाएगा. बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल में शुरूआती तौर पर 12 से 15 विधायकों को मौका मिल सकता है.

CM की तरह मंत्रीमंडल भी चौंकाएंगा

प्रदेश में बीजेपी की सरकार के शुक्रवार को गठन के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद शुरू हो जाएंगी जहां मंत्रिमंडल में चौंकाने वाले नाम शामिल होंगे. माना जा रहा है कि पार्टी के अंदरुनी स्तर पर लगभग नाम सारे तय कर लिए गए हैं और दिल्ली से हरी झंडी मिलने के बाद ऐलान किया जाएगा.

हालांकि सूत्रों का कहना है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में गुजरात मॉडल की तर्ज पर ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है जिसके बाद मंत्रियों में अधिकांश नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं. इसके अलावा संगठन में काम-काज, उम्र और साफ-सुथरी छवि जैसे मापदंडों के आधार पर भी मंत्री बनाए जा सकते हैं.

30 मंत्री ले सकते हैं शपथ

वहीं सरकार के गठन के बाद माना जा रहा है कि सीएम सहित 30 मंत्रियों का एक मंत्रीमंडल हो सकता है जिसमें दो उप-मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. ऐसे में सरकार में अब 27 और जगह मंत्रियों के लिए खाली रहेगी जहां सीएम और पार्टी अध्यक्ष दिल्ली जाकर नामों पर फाइनल मुहर लगाएंगे.

सोशल इंजीनियरिंग में आएंगे पुराने चेहरे!

वहीं बताया जा रहा है कि गुजरात मॉडल की तरह जहां नए चेहरों को मौका मिलेगा तो इसके साथ ही सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए कुछ पुराने चेहरों को भी फिर से मौका दिया जा सकता है. इसके अलावा 3-4 से बार जीते हुए विधायक या जो पूर्व में मंत्री रहे हुए हैं उनको भी कोई मंत्रालय दिया जा सकता है.