‘राज्यपाल का अभिभाषण दिल्ली से आई पर्ची…’ जूली बोले- सरकार गलत करेगी तो सड़कों पर उतरेंगे

Rajasthan Assembly Session: राजस्थान में चल रही 16वीं विधानसभा के पहले सत्र में मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के बाद सरकार ने अपना…

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Rajasthan Assembly Session: राजस्थान में चल रही 16वीं विधानसभा के पहले सत्र में मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के बाद सरकार ने अपना जवाब सदन में दिया जहां भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री के तौर पर बोलने से पहले प्रतिपक्ष की ओर से टीकाराम जूली ने अपनी बात रखी. जूली ने ईआरसीपी पर सरकार को घेरते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने बिना पढ़े ही ईआरसीपी पर एमओयू कर दिया और पहली बार सदन में बिना कोई दस्तावेज के बहस हुई.

इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण को दिल्ली से आई पर्ची बताया. जूली ने आगे कहा कि राजस्थान में अब तक केवल एक कैबिनेट बैठक हुई है और राज्यपाल के अभिभाषण के लिए ऐसे में हम पूछना चाहते हैं कि सरकार 100 दिन में आगे जनता के लिए क्या करेगी? वहीं जूली ने सदन में राजीव गांधी युवा मित्रों को फिर से बहाल करने की भी मांग उठाई.

‘बिना पढ़े कर लिया ईआरसीपी MOU’

जूली ने सदन में कहा कि मुख्यमंत्री जी, आपने बिना पढ़े ही ईआरसीपी पर एमओयू कर दिया और यह पहली हो रहा है सदन में बिना किसी दस्तावेज के आज ईआरपीसी पर चर्चा की गई. जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि ईआरसीपी का एमओयू सदन में रखवाएं. इसके अलावा कांग्रेस ने कहा कि ईआरसीपी वाले जिलों से 83 विधायक आते हैं उन्हें तो उस एमओयू की कॉपी भी देनी चाहिए.

‘सरकार में क्यों बना हुआ है असमंजस’

वहीं जूली ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी आप सज्जन और सौम्य व्यक्ति हैं और आपके साथी नहीं चाहते आप ज्यादा दिनों तक इस पद पर बने रहें. उन्होंने कहा कि आपके मंत्री आपके सामने पॉइंट लेने के लिए बस सदन में ऐसे करते हैं.

जूली ने कहा कि इतना टाइम होने के बाद भी अभी तक सरकार में इतना असमंजस क्यों बना हुआ है जहां सीएस और डीजी तक किराए के हैं और एजी की अभी तक नियुक्ति नहीं हो रही है. जूली ने कहा कि अभी तक ज्यादातर अफसरों को एडिशनल चार्ज दिया हुआ है और सरकार की 100 दिन की कार्य योजना कब तक तैयार होगी?

‘राजीव गांधी युवा मित्रों को बहाल करें’

वहीं नेता प्रतिपक्ष जूली ने सदन में राजीव गांधी युवा मित्रों का भी मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनका क्या दोष है जो हजारों की संख्या में युवा मित्र सर्द रात में सड़क पर बैठे हैं. जूली ने कहा कि अगर वर्तमान सरकार को राजीव गांधी का नाम पसंद नहीं है तो मैं प्रस्ताव करता हूं कि इन्हें अटल युवा मित्र नाम दे दीजिए लेकिन उन बच्चों का रोजगार मत छीनिए.