PTI भर्ती 2022: डिप्लोमा की डिग्री को नहीं NCTE से मान्यता, बोर्ड ने 9 महीने बाद भी नहीं लिया कोई एक्शन

पीटीआई भर्ती 2022 लगातार सवालों के घेरे में है। अब सच बेधड़क पड़ताल में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ‘सब बेधड़क’ को एनसीटीई करे लगाई गई एक आरटीआई हाथ लगी है।

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Exclusive: (कुणाल भटनागर) जयपुर: पीटीआई भर्ती 2022 लगातार सवालों के घेरे में है। अब सच बेधड़क पड़ताल में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ‘सब बेधड़क’ को एनसीटीई करे लगाई गई एक आरटीआई हाथ लगी है। इसमें बाकायदा लिखा हुआ है कि 4 निजों यूनिवर्सिटियों को एनसीटीई से डीपीएड कराने को मान्यता नहीं है। इस बारे में बोर्ड के अधिकारियों को भी अवगत कराया गया। फिर भी, ऐसे अभ्यर्थियों को अभी तक बोर्ड के द्वारा अपात्र घोषित नहीं किया गया है।

जबकि कर्मचारी चयन बोर्ड की पीटीआई भर्ती 2022 की प्रेस विझप्ती में लिखा है कि बीपीएड, डीपीएड और सीपीएड की डिग्री को एनसीटीई से मान्यता प्राप्ता होनी चाहिए। अब बड़ा सवाल खड़ा होता है कि दस्तावेज सत्यापन के दौरान ही ऐसे अभ्यार्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर क्यों नहीं किया गया।

RSSB की प्रेस विज्ञप्ति

कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित पीटीआई भर्ती 2022 की प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि बीपीएड, डीएड और सीपीएड की डिग्री को एनसीटीई से मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। अब बड़ा सवाल साड़ा होता है कि दस्तावेज सत्यापन के दौरान ही ऐसे अभ्यधियों को चयन प्रक्रिया से बाहर क्यों नहीं किया गया।

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9 महीने बाद भी कार्रवाई नहीं

बोर्ड द्वारा मई 2023 में संदिग्द डिग्रीधारियों पर कार्रवाई करने की बात कही थी, लेकिन अफसोस कि 9 महीने बीत जाने के बाद भी बिना एनसीटीई से मान्यता प्राप्त डिग्रीधारियों पर बोर्ड द्वारा कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है जबकि कर्मचारी चयन बोर्ड RSSB की प्रेस विज्ञप्ति NCTE की डिग्री का जिक्र है।

डिग्रीयों में फर्जीवाड़े की आशंका

‘सच बेधड़क’ की पड़ताल में सामने आया कि कई अभ्यर्थियों ने आवेदन के समय जो डिग्रियों की जानकारी दी, वे दस्तावेज सत्यापन के दौरान अलग थी। एक ही अभ्यर्थी ने बोर्ड की अलग-अलग परीक्षाओं में आवेदन किया है। इन्होंने अलग-अलग डिग्रियां लगाई। सवाल उठता है कि इतनी डिग्रियां कहां से आईं।

बोर्ड को कराया अवगत

इस पूरे मामले में अभ्यार्थियों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बाद भी बिना एनसीटीई से डिग्री वाले अभ्यार्थियों को अपात्र घोषित नहीं किया गया। फर्जी डिग्रीधारी को लेकर बोर्ड को भी लगातार अभियार्थियों द्वारा अवगत कराया गया।

‘इस मामले को लेकर मुझे शिकायत मिली थी। इसके बाद मैने एनसीटीई को लेटर लिखा था। 6 से 7 यूनिवर्सिटी को मान्यता प्राप्त नहीं होने की जानकारी के बाद शिक्षा विभाग को ऐसे लोगों की ज्वाइनिंग रोकने के आदेश दिए। शिक्षा विभाग को इस बारें में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है जैसे ही रिपोर्ट आती है वैसे ही इन अभ्यार्थियों पर एक्शन लेते हुए अपात्र घोषित कर दिया जाएगा।’
आलोक राज, अध्यक्ष, कर्मचारी चयन बोर्ड