घर में बुरे फंसे BJP चीफ! कहीं निकाली शवयात्रा तो कहीं सीपी जोशी के पोस्टर फाड़े, जानें-विवाद क्यों?

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी अपने ही गृह जिले में बुरी तरह घिर गए है।

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जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी अपने ही गृह जिले में बुरी तरह घिर गए है। बीजेपी ने चित्तौड़गढ़ विधानसभा से विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या का टिकट काटकर भैरौंसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को दिया है। ऐसे में राजवी की तो 20 साल बाद चित्तौड़गढ़ में एंट्री हो गई है। लेकिन, बीजेपी चीफ सीपी जोशी का विरोध शुरू हुआ है। आक्या का टिकट कट जाने से खफा समर्थक कहीं जोशी का पोस्टर फाड़ रहे हैं तो कहीं शव यात्रा निकालकर विरोध जता रहे है।

सीपी जोशी के खिलाफ लगातार दूसरे दिन भी आक्या समर्थक विरोध जता रहे है। समर्थकों का आरोप है कि सीपी जोशी के कारण ही आक्या का टिकट कटा है। वहीं, सीपी जोशी का कहना है कि टिकट का चयन का फैसला पार्टी नेतृत्व करता है। रविवार को भी आक्या समर्थकों ने कई जगह सीपी जोशी का पुतला दहन किया। साथ ही शव यात्रा निकालकर विरोध जताया।

सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे है। जिसमें लोग सीपी जोशी की शवयात्रा निकालते नजर आ रहे है। आक्या का टिकट कटने से समर्थक इस कदर खफा है कि सीपी जोशी के घर पर पत्थरबाजी तक कर दी। ऐसे में सवाल ये है कि बीजेपी विरोधियों को मनाने में कैसे कामयाब हो पाएगी?

क्या विद्याधर नगर से तैयार हुई विवाद की स्क्रीप्ट?

दरअसल, बीजेपी में कलह की ये शुरूआत जयपुर से शुरू हुई। बीजेपी ने पहली सूची में विद्याधर नगर से भैरोसिंह शेखावत के दामाद नरतपसिंह राजवी का टिकट काटकर राजसमंद सांसद दीया कुमारी को चुनावी रण में उतार दिया। इससे खफा राजवी ने बगावती सुर अख्तयार किए तो डैमेज कंट्रोल में जुटी बीजेपी ने उनको बीकानेर पूर्व या चित्तौड़गढ़ का ऑफर दिया।

राजवी को मिला टिकट तो मच गया बवाल

बीजेपी ने साल 2013 व 2018 में विधायक चुने गए चन्द्रभान सिंह आक्या का टिकट काट दिया और राजवी को चित्तौड़गढ़ से चुनावी रण में उतार दिया। यहां राजूपतों को दबदबा है और यहां से राजवी तीन बार चुनाव लड़ चुके है। राजवी यहां से साल 1993 और 2003 में वे विधायक बने थे। लेकिन, साल 1998 के विधानसभा चुनाव में राजवी चुनाव हार गए थे। इधर, टिकट कटने से शाक्या समर्थक बुरी तरह भड़ गए है।

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