भजनलाल कैबिनेट गठन में देरी पर अब गहलोत ने उठाए सवाल, चिरंजीवी योजना को लेकर भी कही ये बात

Ashok Gehlot : नया मुख्यमंत्री मिलने के 13 दिन बाद भी राजस्थान में मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है। ऐसे में मंत्रिमंडल गठन में हो रही देरी को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

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Ashok Gehlot : जयपुर। नया मुख्यमंत्री मिलने के 13 दिन बाद भी राजस्थान में मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है। ऐसे में मंत्रिमंडल गठन में हो रही देरी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। विपक्षी दल लगातार बीजेपी पर हमला बोल रहे है। अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मंत्रियों के चयन में बीजेपी की अनिर्णय की स्थिति को लेकर सवाल खड़े किए है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान में मंत्रिमंडल गठन नहीं होने से शासन संचालन में ठहराव की स्थिति बनी हुई है।

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मंत्रिमंडल गठन में हो रही देरी पर सवाल उठाते हुए ट्वीटर पर लिखा कि जनता में अब निराशा व्याप्त होने लगी है। क्योंकि राजस्थान की जनता ने 3 दिसंबर को बीजेपी को स्पष्ट जनादेश दिया, लेकिन 22 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ है। जिससे शासन संचालन में ठहराव की स्थिति आ गई है।

हर विभाग में असमंजस की स्थिति

उन्होंने कहा कि हर विभाग भी असमंजस की स्थिति में है। जनता देख रही है कि अपनी समस्याओं के समाधान के लिए किन मंत्रियों के पास जाए। जल्द से जल्द मंत्रिमंडल गठन होना चाहिए जिससे सरकार का कामकाज सुचारू रूप से चल सके।

चिरंजीवी योजना को लेकर कही ये बात

पूर्व सीएम गहलोत ने ट्वीट किया कि मीडिया के माध्यम से ये भी जानकारी में आया है कि चिरंजीवी योजना में निजी अस्पतालों द्वारा इलाज नहीं किया जा रहा है। वर्तमान सरकार को हमारी सरकार की योजनाओं को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए जिससे जनता को परेशानी ना हो एवं कोई नई व्यवस्था लागू होने तक पूर्ववत व्यवस्था चालू रखनी चाहिए।

मंत्रिमंडल में देरी पर खान और डोटासरा ने भी उठाए थे सवाल

भजनलाल कैबिनेट गठन में देरी पर विधायक यूनुस खान और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी सवाल उठा चुके है। विधायक यूनुस खान ने रविवार को कहा था कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी। तब भी इसी तरह की स्थिति हुई थी। एक बार जनता में गलत मैसेज चला गया तो उसे सुधारने का कोई उपाय नहीं होता है। इससे पहले डोटासरा ने नई सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री बार-बार दिल्ली जा रहे हैं, अपने साथ दोनों उपमुख्यमंत्रियों को भी ले जा रहे हैं, लेकिन मंत्रिमंडल पर अपनी स्थिति साफ नहीं कर रहे हैं।

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