मुनेश गुर्जर पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार, हेरिटेज में भी ग्रेटर निगम वाला फॉर्मूला अपना सकती है कांग्रेस

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Mayor Munesh Gurjar

Munesh Gurjar case : जयपुर। हेरिटेज नगर निगम के महापौर पद से मुनेश गुर्जर के निलंबन के बाद सरकार ग्रेटर निगम जैसा माहौल बनाकर भाजपा के पार्षद को कार्यवाहक महापौर बनाने का दांव भी खेल सकती है। ग्रेटर निगम में भी सौम्या गुर्जर के निलंबन के बाद सरकार ने भाजपा की ही शील धाबाई को कार्यवाहक बना सबको चौंका दिया था। हालांकि, बाद में सौम्या फिर से महापौर के पद पर आ गई, लेकिन कांग्रेस के उस निर्णय से भाजपा में बड़ी फूट सामने आ गई थी।

वहीं, इस मामले में मुनेश फिर से कोर्ट में जाने की तैयारी कर रही है। इसलिए सरकार भी अब केविएट लगाने की तैयारी में जुट गई है। पिछली बार कोर्ट में कमजोर पैरवी और कार्यवाहक महापौर बनाने में देरी के चलते सत्ताधारी कांग्रेस मुनेश गुर्जर के मामले में बेकफुट पर आ गई थी, लेकिन इस बार मुनेश गुर्जर के 14 साल के बच्चे का मंत्री प्रताप सिंह के खिलाफ बयान दिलवाना सरकार को नागवार गुजरा है। ऐसे में इस घटना को कांग्रेस ने अनुशासनहीनता मानते हुए महापौर मुनेश को फिर से निलम्बित करने का कदम उठाया है।

कार्यवाहक महापौर शीघ्र

जानकारों की मानें तो इस बार मुनेश गुर्जर के निलम्बन के बाद सरकार जल्द ही कार्यवाहक महापौर नियुक्त कर सकती है। इस प्रकरण से कांग्रेस शहर की विधानसभा सीटों पर चुनाव में वोट भुनाने का काम कर सकती है। इसके लिए सरकार ग्रेटर निगम जैसा कदम उठा भाजपा के कियी पार्षद को कार्यवाहक महापौर बना सकती है। इससे परकोटे के अलावा शहर की अन्य विधानसभाओं में भी सरकार हिन्दुओं के प्रति सोफ्ट कॉर्नर दिखा भाजपा के वोट बैंक में सेंध मार सकती है।

इस मामले में संभावना है कि सरकार निर्दलीय पार्षद राबिया गुडएज या भाजपा समर्थित निर्दलीय पार्षद कु सुम यादव में से किसी एक का नाम फाइनल कर सकती है। हालांकि, मुस्लिम वोट बैंक खिसकने के डर से किशनपोल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्षद नसरीन बानो का नाम भी मंथन चल रहा है।

होगी न्यायिक जांच

हालांकि, सरकार ने मुनेश गुर्जर के खिलाफ न्यायिक जांच भी शुरू करवा दी है। न्यायिक जांच प्रभावित नहीं हो इसे देखते हुए सरकार ने मुनेश गुर्जर को पद से निलंबित किया है। कानून से जुड़े जानकारों की माने तो अगर मुनेश गुर्जर न्यायिक जांच में दोषी पाई जाती है तो उनको पद से बर्खास्त करते हुए 6 साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

कोर्ट स्टे आने के बाद से हमलावर हो रही थी मुनेश

पहले निलम्बन पर 23 अगस्त को कोर्ट ने रोक लगा दी थी। कोर्ट से राहत मिलते ही मुनेश गुर्जर लगातार निगम अधिकारियों और प्रतापसिंह गुट पर हमालावर हो रही थी। मुनेश गुर्जर ने 5 सितंबर को सफाई व्यवस्था और अतिक्रमण को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई थी। उन्होंने अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र वर्मा के खिलाफ दोबारा मोर्चा खोलते हुए उनके ट्रांसफर को मुद्दा बनाया और सरकार से शिकायत की।

वहीं, सिविल लांइस विधानसभा से भी विधायक प्रत्याशी के लिए दावेदारी जताकर मंत्री प्रताप सिंह को खुली चुनौती दे दी थी। अब मुनेश के 14 साल से बेटे ने प्रताप सिंह और पार्षद मनोज मुद्गल पर आरोप लगा फिर से विवाद को ताजा कर दिया।