पिता की डांट पर ‘बेटे’ ने 14 साल की उम्र में घर छोड़ा, 24 साल बाद मिला…कहानी फिल्मी लेकिन है हकीकत

दौसा। किसी अपने के खोने और लंबे अरसे बाद मिलने की अहसास परिवार के लिए पुनर्जन्म जैसा होता है। कोई खोया हुआ घर का सदस्य…

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दौसा। किसी अपने के खोने और लंबे अरसे बाद मिलने की अहसास परिवार के लिए पुनर्जन्म जैसा होता है। कोई खोया हुआ घर का सदस्य अगर 2 दशक बाद मिले तो खुशी के मारे परिजनों के आंसू नहीं रूकते। फिल्मों में भी अक्सर देखा जाता है कि बपचन में बच्चा खो जाता है, और जवानी में जाकर मिलता है। सुनने में यह कहानी आपको फिल्मी लग रही होगी, लेकिन यह हकीकत है। दौसा से ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां 24 साल पहले घर से लापता हुआ नित्यकिशोर उर्फ सुनील जब परिजनों को मिला है, तो परिजनों के आंसू नहीं रूके।

दरअसल, ये कहानी 24 जनवरी 1999 को धौलपुर से शुरू हुई। धौलपुर में 8वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्र की कंपार्टमेंट आई थी। पिता ने डांट लगाई तो 14 साल का एक मासूम घर छोड़कर भाग गया था। अपनी गलती पर पछताए पिता ने अपने बेटे को हर जगह ढूंढा, लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चल पाया। 24 साल तक बेटा इधर-उधर काम करके अपना जीवन यापन करता रहा। उसे अपने परिवार की याद तो बहुत आई, लेकिन वह घर का रास्ता भूल गया। वहीं कई साल बीत गए और पिता ने अपने बेटे के मिलने की आशा ही छोड़ दी, लेकिन अचानक 24 साल बाद पुलिस युवक के मामा रमाशंकर के घर पहुंची। उन्हें बताया कि उनका भांजा नित्यकिशोर उर्फ सुनील अवैध शराब के मामले में जेल में बंद है। पुलिस ने सुनील की फोटो दिखाई, तो रमाशंकर ने इसकी जानकारी अपने जीजा कीर्तिराम बघेल को दी। यह खबर सुनकर परिवार के लोग उलझन में आ गए। परिजनों को खुशी इस बात की थी कि उनका बेटा जिंदा है और वे उसे दोबारा देख सकेंगे, लेकिन दुख इस बात का था कि बेटा जेल में बंद है।

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24 साल बाद घर लौटा नित्यकिशोर…

इसके तुरंत बाद पिता कीर्तिराम अपने साले रमाशंकर के साथ दौसा पहुंचे और बेटे नित्यकिशोर की जमानत करवाकर उसे घर वापस ले आए। 24 साल बाद बेटे मिलने पर परिवार के लोगों की आंखें भर आईं।

बेटे को मिलाने में दौसा पुलिस की रही अहम भूमिका…

दरअसल, राजस्थान की दौसा पुलिस ‘गुमशुदा व्यक्ति को तलाश’ अभियान चला रही थी। इसके तहत होटलों और ढाबों की जांच की जा रही थी। इसी क्रम में यहां 27 मई को नेशनल हाईवे पर संचालित ढाबे पर जांच करने पहुंचे। यहां नित्‍यकिशोर काम करता मिला। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने खुद को धौलपुर जिले के जाटोली गांव निहालगंज निवासी सुनील बताया, लेकिन सुनील अपने घर के बारे में दस्‍तावेज नहीं दिखा सका।

पुलिस ने युवक के घर का पता ऐसे लगाया…

इसके बाद दौसा की मानपुर पुलिस ने युवक की ओर से दी गई सूचना पर धौलपुर पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया। कंट्रोल रूम के जरिए दौसा पुलिस ने निहालगंज पुलिस थाना से बात की। यहां दौसा पुलिस को जवाब मिला कि निहालगंज पुलिस थाने इलाके में इस नाम-पते का कोई शख्‍स नहीं है। इसके बाद फिर से मानपुर पुलिस ने सुनील से दोबारा तसल्ली से पूछताछ की तो उसने इस बार खुद को गांव लोहारी निवासी सुनील बताया।

इसके बाद सुनील के कहने पर दौसा पुलिस ने लोहारी पुलिस चौकी पर बात की। यहां कांस्‍टेबल धारा सिंह के जरिए गांव के एक शख्स से जानकारी जुटाई गई। गांव के व्यक्ति रमाशंकर को सुनील का हुलिया बताया गया। इसके बाद उसने बताया कि सुनील उनके यहां के कीर्तिराम बघेल का लड़का है, जो 24 साल से लापता है। उसका वास्‍तविक नाम नित्‍यकिशोर है। घर पर सुनील भी बुलाते हैं। इस आधार पर पुलिस ने नित्‍य किशोर के घर वालों को सूचना दी। इसके बाद पिता ने उसकी जमानत कराई और नित्‍यकिशोर को लेकर आए। घर आकर नित्यकिशोर ने बताया कि पेट भरने के लिए उसने लोगों के झूठे बर्तन भी धोए। इस दौरान उसका दिमाग पूरी तरह से खराब हो गया था। जिसकी वजह से अपना घर का रास्ता भूल गया था।

बता दें कि कीर्तिराम बघेल 24 साल पहले धौलपुर शहर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में किराए के मकान में रह रहे थे। उनके बेटे नित्यकिशोर की आठवीं कक्षा में कंपार्टमेंट आई थी और दूसरी बार के प्रयास में भी कम नंबर आए। 24 जनवरी 1999 को परीक्षा में कम नंबर आने पर पिता कीर्तिराम ने बेटे नित्यकिशोर की पिटाई कर दी और उसे फटकार लगाई थी। पिता की डांट से नाराज नित्यकिशोर घर छोड़कर चला गया। उस समय नित्यकिशोर की उम्र करीब 14 साल थी।

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ढाबों और होटलों पर झूठे बर्तन साफ किए…

नित्यकिशोर ने बताया कि घर छोड़कर चले जाने के बाद उसने बाल मजदूरी करते हुए कई होटल और ढाबों पर काम किया। इस दौरान खाना बनाने का कारीगर बन गया। घर छोड़ने के बाद पहले जयपुर गया। तीन साल तक बानसूर के सैनी के पास था और उसने कुछ नहीं दिया। चौमूं रोड पर बाबू होटल है। उसके यहां भी काम किया और उसने भी एक रुपया नहीं दिया।

इसके बाद दौसा जिले के सिकंदरा गया। यहां पर 5 महीने रहा और मालिक से जब भी पैसे मांगे उसने दिए और काफी मदद की, लेकिन होटल में पुलिस के छापे के दौरान होटल का मालिक अवैध शराब बेचते हुए मिला। मालिक को बचाने के चक्कर में नित्यकिशोर भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया। बेटे की जमानत कराने के बाद जब नित्यकिशोर परिजनों से मिला तो परिवार में खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। जमानत पर आने के बाद नित्यकिशोर गांव में अपने बचपन के दोस्तों से भी मिल रहा है।

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अब बेटे की शादी कराना चाहते हैं पिता…

नित्यकिशोर के पिता कीर्तिराम सरकारी कर्मचारी थे। साल 2019 में सेवानिवृति होने के बाद उन्होंने अपनी एक बेटी और दो बेटों की शादी की। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के इरादत नगर में रहने लगे थे। अब सबसे बड़े बेटे नित्यकिशोर के मिल जाने के बाद वह उसकी शादी कराना चाहते हैं।

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