शहीदों के परिवार के धरने में शामिल हुए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, कहा – वीरांगनाओं को प्रदर्शन करना पड़े, यह बहुत गलत बात

जयपुर। भाजपा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा कल से शहीद स्मारक पर पुलवामा अटैक के शहीदों के परिवार के साथ धरने पर बैठे हुए हैं।…

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जयपुर। भाजपा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा कल से शहीद स्मारक पर पुलवामा अटैक के शहीदों के परिवार के साथ धरने पर बैठे हुए हैं। रात भर वे यहीं सोए और भोर होते हैं फिर से शहीदों के परिवारों की मांग उठाने लगे। आज सैनिक कल्याण राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी शहीदों के परिवार के धरने में शामिल हुए।

राजेंद्र गुढ़ा किरोड़ी मीणा के पास बैठे, शहीदों के परिजनों से बातचीत की और अभी तक दर्ज की हुई शिकायतों की कॉपी मांगी, तो परिवार में उन्हें वह भी उपलब्ध कराई।

वीरांगनाओं को मिले पैकेज

राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि अगर शहीद वीरांगनाओं को धरना तक देने की नौबत आ जाए तो हमारे लिए यह बहुत गलत बात है। कुछ स्थानीय विधायकों ने अगर शहीदों के लिए कुछ घोषणा की है तो उसे पूरा करना उनका कर्तव्य है, उसे पूरा करना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीद के भाई को नौकरी प्रदान की जाए ऐसा हमारे प्रावधान में नहीं है लेकिन नियम के मुताबिक जो भी वीरांगनाओं का पैकेज है, वह सरकार की तरफ से जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए।

वीरांगना का अपमान कर रही सरकार नष्ट होगी

इधर किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि शहीद जीतराम गुर्जर की पत्नी सुन्दरी देवी,शहीद रोहिताश लाम्बा की पत्नी मंजू जाट,शहीद हेमराज मीना की पत्नी मधुबाला मीना धरने पर बैठी हैं। वीरांगनाओं की जायज़ माँगो के सम्मान में दूसरे दिन धरने पर बैठा हूं। जिस शासन में शहीदों की वीरांगनाओं का अपमान होता है वह सत्ता नष्ट होती है। शहीदों का अपमान करने वाली कांग्रेस सरकार को वीरांगनाओं का सम्मान करना सीखना चाहिए।

शहादत के वक्त बातें तो बड़ी-बड़ी लेकिन हुआ कुछ नहीं

किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि पुलवामा अटैक अब तक के हुए आतंकी हमलों में सबसे भयानक था। जिसमें हमारे राजस्थान के भी 5 जवान शहीद हुए थे। शहादत के वक्त तो कई मंत्रियों और विधायकों ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए बड़ी-बड़ी घोषणा और वादे तो कर दिए लेकिन उनमें से एक भी वादा अभी तक पूरा नहीं हो सका।

मांगे हमारी वही है कि शहीदों के नाम पर जो स्कूल कॉलेज, गली, सड़कों का नामकरण होना है वह हो और जहां प्रतिमा स्थापित होनी है वह काम जल्द से जल्द हो जाना चाहिए जो कि नहीं हो रहा है। ऐसे में वीरांगनाए कैसे इस सरकार पर भरोसा करें।

भरतपुर, कोटा और शाहपुरा के शहीदों के परिवार के साथ बैठे किरोड़ी

किरोड़ी लाल मीणा भरतपुर, कोटा और शाहपुरा के शहीदों के परिवार के साथ धरने पर बैठे हैं। इनमें भरतपुर के शहीद जीतराम गुर्जर के पिता और 2 छोटी बच्चियां, कोटा के सांगोद के शहीद हेमराज मीणा की पत्नी और शाहपुरा के शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी शामिल हैं।

4 साल पहले तीन-तीन मंत्रियों ने प्रतिमा स्थापित करने का किया था वादा

बता दें कि कुछ दिनों पहले 12 फरवरी को भी कोटा के सांगोद के शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला ने इसी मामले को लेकर प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि जब उनके पति 4 साल पहले हुए पुलवामा अटैक में शहीद हुए थे तब राजस्थान के 3 मंत्रियों ने आकर उनकी प्रतिमा स्थापित करने की बात कही थी लेकिन अब तक इस और कुछ भी नहीं हो चुका है। जिसकी वजह प्रतिमा स्थापित करने वाले स्थान पर राजनीतिक रसूख रखने वाले कब्जा धारी हैं। जिसके चलते वहां पर प्रतिमा का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

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