Lok Sabha Election 2024: रविंद्र सिंह भाटी ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किलें, यहां समझे पूरा सियासी गणित

Lok Sabha Election 2024: शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी के निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने के ऐलान से भाजपा और कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें।

ravindra singh bhati 4 | Sach Bedhadak

Lok Sabha Election 2024: बाड़मेर-जैसलमेर-बालोतरा लोकसभा सीट पर शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) के निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद राजस्थान की सियासत में हलचल तेज हो गई। यहां भाजपा का दबदबा रहता है और भाटी के चुनाव लड़ने से बीजेपी को ज्यादा नुकसान होने की उम्मीद है। बीजेपी ने यहां से केंद्र में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी (Kailash choudhary) को मेदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने यहां आरएलपी पार्टी से आए उम्मेदाराम (UmmedaRam Beniwal) बेनीवाल को प्रत्याशी बनाया है।

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बीजेपी की साख दांव पर

रविंद्र सिंह भाटी ने जय नारायण विश्विविद्यालय में निर्दयलीय छात्र संघ का चुनाव जीतकर युवाओं में लोकप्रियता हासिल की। उन्होंने उस समय भी बीजेपी की सहयोगी इकाई मानी जाने वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से टिकट मांगी थी पर नहीं मिली। लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने भाटी को टिकट नहीं दिया और निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बने। अब भाटी ने लोकसभा में भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। भाटी के निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान ने भाजपा और कांग्रेस दोनों की हालत खराब कर दी है। हालांकि, लोकसभा चुनाव के लिए भाटी को मनाने की कई कोशिशें की गई, लेकिन बात नहीं बन पाई।

बीजेपी की हो गई थी जमानत जब्त

विधानसभा चुनाव से पहले भी भाटी बीजेपी जॉइन करना चाहते थे, लेकिन कुछ नेता रास्ते में रोड़ा बन रहे थे, लेकिन रविंद्र भाटी शामिल होने में कामयाब रहे। भाटी पार्टी से विधायक की टिकट मांग रहे थे, लेकिन बात नहीं बनी तो वो शिव विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते भी। टिकट नहीं मिलने के चलते भाटी का बीजेपी से 10 दिन में ही मोहभंग हो गया। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा नेताओं ने भाटी को मनाने के खूब कोशिश की है, लेकिन बात नहीं बनी है। विधानसभा चुनाव में भाटी के सामने चुनाव लड़ने वाले भाजपा प्रत्याशी स्वरूप संह खारा अपनी जमानत तक नहीं बचा सके थे।

‘भाटी ने सबकुछ दांव पर लगाया’

बाड़मेर-जैसलमेर-बालोतरा लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करने के लिए रविंद्र सिंह भाटी ने सर्व समाज की बैठक बुलाई। सर्व समाज की सहमति के बाद ही भाटी ने लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया। भाटी के जनसभा में वहां लगाया गया टैंट भी छोटा पड़ गया। वहां हजारों की संख्या में जनता उमड़ पड़ी। इससे पहले रविंद्र सिंह भाटी को जैसलमेर से आराधना यात्रा के दौरान भी खूब जनसमर्थन मिला था।

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भाटी के प्रभाव को देखते हुए बीजेपी के नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बन पाई। भाटी ने सर्व समाज महासभा में अपने जनता से समर्थन देने की अपील करते हुए कहा कि मैं मेरा सबकुछ दांव पर लगा रहा हूं। भाटी के मैदान में उतरते ही विपक्षी पार्टियों के हाथ पैर फूलने शुरू हो गए हैं।