MLA की मौजूदगी में महिला पार्षद ने अध्यक्ष पर फेंकी चप्पल, जानें-मेड़ता नगर पालिका में क्यों बरपा हंगामा?

विधायक लक्ष्मण राम कलरू की मौजूदगी में एक महिला पार्षद ने चेयरमैन पर चप्पल फेंक दी वहीं एक अन्य पार्षद ने चेयरमैन से हाथापाई कर दी। इस दौरान चेयरमैन ने भी पार्षद पर माइक मारने का प्रयास किया।

Merta Nagar Palika Meeting | Sach Bedhadak

Merta Nagar Palika : नागौर। मेड़ता नगर पालिका की गुरुवार को हुई बैठक में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान विधायक लक्ष्मण राम कलरू की मौजूदगी में एक महिला पार्षद ने चेयरमैन पर चप्पल फेंक दी वहीं एक अन्य पार्षद ने चेयरमैन से हाथापाई कर दी। इस दौरान चेयरमैन ने भी पार्षद पर माइक मारने का प्रयास किया।

दरअसल, गुरुवार को नगर पालिका की बैठक बुलाई गई थी। बैठक शुरू होते ही भाजपा पार्षदों ने हंगामा कर दिया। भाजपा पार्षदों ने पालिकाध्यक्ष पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। इस दौरान भाजपा समर्थित निर्दलीय पार्षद शोभा लाहोटी ने पिछली बैठक के प्रस्तावों और कामों की फाइल दिखाने को कहा।

इस पर चेयरमैन ने कहा कि आप कौन होते हैं, फाइलें मांगने वाले। तभी पार्षद लाहोटी का पारा चढ़ गया और उन्होंने अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए अध्यक्ष की तरफ चप्पल फेंक दी। इसके बाद देखते ही देखते माहौल गरमा गया। इसी बीच पार्षद मोहित निंबावत चेयरमैन की तरफ गए और बहस करते हुए वहां रखी माला चेयरमैन पर दे मारी।

विकास के मुद्दे उठाए तो बैठक कर दी स्थगित

इस पूरे मामले पर विधायक लक्ष्मण राम कलरू ने कहा कि हमने विकास के मुद्दे उठाए थे और पुरानी फाइलें मांगी थीं। इसके बाद चेयरमैन बैठक स्थगित कर चले गए। हमने लीगल चीजों की मांग की थी। इसके बाद दोबारा बैठक हुई, उसमें भी लीगल मुद्दे उठाते हुए बात करनी चाही तो बैठक स्थगित कर दी। नेता प्रतिपक्ष पवन परतानी ने बताया कि गुरुवार की बैठक में कुल 34 सदस्य उपस्थित और 6 अनुपस्थित थे।

ऐसे में 34 में से 19 सदस्य बैठक जारी रखने के पक्ष में हमारे साथ थे। हम शहर का विकास चाहते हैं, लेकिन पालिका अध्यक्ष ने जो भ्रष्टाचार किए हैं, उन पर बात होते ही वे बैठक को स्थगित कर देते हैं, यह गलत है। शहर के विकास के लिए बैठक होनी चाहिए और विकास कार्यों पर चर्चा होनी चाहिए।

दोबारा बैठक शुरू होते ही फिर हंगामा

नगरपालिका के ईओ जितेंद्र सिंह ने बताया कि बैठक में मुद्दों को लेकर पक्ष-विपक्ष के पार्षदों के बीच हंगामा शुरू हो गया था। इस दौरान पालिकाध्यक्ष ने बैठक एक घंटे के लिए स्थगित कर दी थी। कुछ देर बाद वापस बैठक शुरू हुई थी। पालिकाध्यक्ष और विपक्ष के बीच फिर से अलग-अलग मुद्दों को लेकर हंगामा बढ़ गया।

इस पर पालिकाध्यक्ष ने बैठक स्थगित कर दी थी। विपक्ष की मांग पर अब 7 दिनों में फिर से बैठक बुलाई जाएगी। अगर अध्यक्ष नहीं बुलाते हैं तो ईओ की ओर से बैठक आयोजित कर बहुमत के आधार पर कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा।