कांग्रेस-भाजपा को कड़ी चुनौती देने की बेनीवाल की तैयारी, किसानों के मुद्दे पर ये है RLP की रणनीति

बीकानेर। राजस्थान चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा जातीय समीकरण के साथ ही किसानों को भी साधने की भरपूर कोशिश कर रही है लेकिन इनकी…

image 52 | Sach Bedhadak

बीकानेर। राजस्थान चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा जातीय समीकरण के साथ ही किसानों को भी साधने की भरपूर कोशिश कर रही है लेकिन इनकी रणनीति में RLP अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने सेंध लगा दी है। बेनीवाल आज बीकानेर के लूणकरनसर में किसान महापंचायत में शामिल हुए। उन्होंने यहां किसानों के मुद्दे उठाकर दोनों ही पार्टियों कांग्रेस और भाजपा दोनों को आड़े हाथ लिया और इन्हें किसान विरोधी करार दिया।

इस किसान महापंचायत में बड़ी संख्य़ा में किसान नेता और किसान शामिल हुए थे। बेनीवाल के आने पर सभी में गजब का जोश जाग गया। बेनीवाल और RLP जिंदाबाद के नारे भी लगे। बेनीवाल की रणनीति को देखकर ऐसा लगता है कि उन्होंने भाजपा और कांग्रेस की बने-बनाए माहौल को बिगाड़ने का काम किया है।

कांग्रेस ने बीकानेर में ही किया था किसान महासम्मेलन

हाल ही में 26 अप्रैल को कांग्रेस ने बीकानेर में ही किसान महासम्मेलन का आयोजन किया था। जिसमें करीब 1 लाख से ज्यादा किसानों ने हिस्सा लिया था। इस महासम्मेलन में सीएम अशोक गहलोत समेत सभी नेताओं ने किसानों से उनकी चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया और किसानों के लिए बजट और उनके लिए किए गए अब तक के कार्यों को गिनाया, जिससे साफ हो गया था कि कांग्रेस सभी वर्गों के बाद अब किसानों को भी साधने की भरपूर कोशिश कर रही है।

कांग्रेस को घर रही भाजपा, RLP के लिए क्या?

इधर भाजपा लगातार कांग्रेस पर किसान विरोधी सरकार होने का आरोप लगाती रही है, चाहे वह कर्जा माफी की बात हो, चाहे उन्हें पर्याप्त और फ्री बिजली की बात तो या फिर सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की बात हो, भाजपा किसानों के हर मुद्दे पर कांग्रेस को घेर रही है। लेकिन RLP ने इन दोनों की रणनीति पर पानी फेर दिया है।

दरअसल बीकानेर संभाग को किसान बाहुल्य बेल्ट माना जाता है औऱ RLP इन्हीं क्षेत्रों पर अपनी मजबूत पकड़ा बनाना चाहती है, इसलिए वो इस बेल्ट में लगातार अपने कार्यक्रम आयोजित करती हैं, बेनीवाल खुद इन कार्यक्रमों में शामिल होकर जनता और किसानों के बीच अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं। इसलिए किसानों के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ RLP अपनी रणनीति से इन दोनों पार्टियों के लिए कड़ी चुनौती बनती दिखाई दे रही है।

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