नकली को असली बता करते हैं ठगी, 4 राज्यों में ‘टटलू गैंग’ की दहशत…अब पुलिस ने 4 बदमाशों को दबोचा

झुंझुनूं। राजस्थान के झुंझुनूं में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। झुंझुनूं पुलिस ने टटलू गैंग का पर्दाफाश करते हुए 4 ठगों को…

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झुंझुनूं। राजस्थान के झुंझुनूं में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। झुंझुनूं पुलिस ने टटलू गैंग का पर्दाफाश करते हुए 4 ठगों को गिरफ्तार किया है। ये चारों शातिर ठग अलवर जिले के रहने वाले है और अब तक 6 वारदातें को अंजाम दे चुके है। इनमें से 4 वारदातें झुंझुनूं जिले की है। सभी बदमाश लोगों से ठगी कर करीब 40 लाख रुपए ऐंठ चुके है।

झुंझुनूं एसपी श्याम सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 10 मई को मुकुंदगढ़ निवासी रामचरण सोनी ने मामला दर्ज कराया था। रामचरण सोनी ने शिकायत में बताया कि मुकेश नाम का एक व्यक्ति जो खुद को सवाई माधोपुर का रहने वाला बताता था। वह 4-5 महीने से उसके यहां पर आता था। जो गहने के बदले ब्याज पर पैसे लेकर जाता था और वापिस लौटा देता था। मुकेश 4 मई को भी उसके पास आया और सोना रखकर 12 लाख रुपए ब्याज पर लेकर चला गया।

नियत समय के बाद जब वह नहीं आया तो उसने मुकेश के फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन उसका फोन लगातार स्वीच ऑफ आ रहा था। जिसके बाद शंका होने पर मुकेश ने जो सोने के गहनों की जांच करवाई तो वह चांदी जैसी धातु निकली। धोखे का शिकार होकर रामचरण सोनी ने पुलिस ने मुकदमा दर्ज करवाया।

पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद आरोपियों की तलाश में 4 राज्यों राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और मध्यप्रदेश के साथ-साथ देश के 9 शहरों दिल्ली, झुंझुनूं, कोटा, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, भरतपुर, अलवर, गुड़गांवा आदि शहरों में दबिश दी। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद मामले में अलवर जिले के कठूमर थाना इलाके के मीणा मोहल्ला ग्राम रेटी निवासी तीन सगे भाइयों गिरीराज उर्फ गोविंद (37) मुकेश नायक दौलत सिंह उर्फ राजू नायक (35) और डाल सिंह भोपा नायक (40) पुत्र स्व. हजारीलाल भोपा नायक के अलावा दौलत सिंह उर्फ राजू का रिश्तेदार अतर सिंह (44) उर्फ शिवकुमार पुत्र स्व. सुआराम भोपा नायक शामिल है।

आरोपियों ने एक ही दिन में की 4 वारदातें…

एसपी श्याम सिंह ने बताया कि आरोपियों ने 4 मई को ठगी की 4 बड़ी वारदातें करना कबूल की है। इनमें मुकुंदगढ़ थाना इलाके से 12 लाख रुपए, नवलगढ़ के बावड़ी गेट इलाके से 5 लाख व कारी गांव से 3 लाख रुपए, इसके अलावा गुढ़ागौड़जी थाना इलाके के रघुनाथपुरा गांव में 5 लाख रुपए की ठगी की वारदात की। आरोपियों ने इसके अलावा 3 मार्च को उद्योग नगर थाना कोटा से 12 लाख रुपए और अप्रैल-2023 में सिंगोली एमपी से 3 लाख रुपए की ठगी की वारदात को भी कबूल किया है।

ठगी से पहले डेरा डालकर रहते, विश्वास जमाते आरोपी….

एसएचओ सरदारमल जाट ने बताया कि ठग बड़े शातिर है। वारदात करने से पहले वे इलाके में डेरा डालकर मजदूरी का काम करते थे। इसके बाद सर्राफा कारोबारी को निशाना बनाते थे। जिससे दो-तीन महीने में व्यवहार बनाकर अपना विश्वास जमाते। इसके बाद एक दिन असली सोने के नाम पर नकली थमाकर फरार हो जाते थे।

आरोपियों का आधार कार्ड भी फर्जी निकला…

मुकुंदगढ़ वाले मामले में आरोपियों ने सर्राफा कारोबारी को एक आधार कार्ड भी दिया था। पुलिस की जांच में वह फर्जी मिला। इसके अलावा बदमाशों ने जो मोबाइल नंबर दिया था, उसकी सिम भी फर्जी कागजों पर जारी करवाई हुई मिली। जिसे वारदात के बाद ही आरोपियों ने नष्ट कर दी। ताकि कोई उनका पीछा ना कर सके।

एसएचओ सरदारमल ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि भरतपुर इलाके से आरोपियों ने नकली कागजात तैयार करवाए थे। जो वारदातों में काम लिए गए है। फर्जी कागजात तैयार करने वाले गिरोह अब पुलिस कार्रवाई करने की तैयारी में है। साथ ही इनकी गैंग में महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।

टटलू नाम में छुपा है धोखा, सभी बदमाश इसी गैंग के आरोपी…

एसपी श्याम सिंह ने जारी प्रेस नोट में गिरफ्तार आरोपियों के गैंग को टटलू गैंग करार दिया है। दरअसल, भरतपुर और अलवर में नकली को असली बताकर ठगी या फिर धोखा करने को टटूलबाजी कहते हैं। इसलिए पुलिस ने इस गैंग को टटलू गैंग का नाम देते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

एसएचओ सरदारमल ने बताया कि गैंग तकनीकी रूप से काफी सतर्क रहता है। हर व्यक्ति का अलग काम होता है। जो भी टटलूबाजी की श्रेणी में आता है। एक व्यक्ति काम लिया गया पुराना मोबाइल जुगाड़ करता है, एक फर्जी कागजातों पर सिम, एक फर्जी कागजात तैयार करवाता है। इस तरह से सभी अपने अपने तरीके से टटलूबाजी करते है।

पुलिस की इस टीम ने किया कमाल, ऐसे धरे गए ठग…

एसपी श्याम सिंह ने बताया कि इस कार्रवाई में मुकुंदगढ़ एसएचओ सरदारमल जाट के नेतृत्व तथा एएसपी डॉ. तेजपालसिंह के निर्देशन में टीम ने अपना सहयोग दिया। जिसमें खुद एसएचओ के अलावा हैड कांस्टेबल दामोदरप्रसाद, कांस्टेबल देवेंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार सिंह, बनवारीलाल तथा संदीप कुमार के अलावा साइबर टीम के हैड कांस्टेबल दिनेश कुमार, मोहन भूरिया, कांस्टेबल जितेंद्र थाकन तथा अरविंद कुमार शामिल रहे।

(इनपुट-सुजीत शर्मा)

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