मंत्री के सामने खोला मोर्चा, गायों के लिए नहीं पहनी चप्पल…कौन है मुनेश गुर्जर, जिन पर लगे घूस के छींटे!

जयपुर हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर के पति को एसीबी ने पट्‌टे देने के बदले 2 लाख रुपए की घूस मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

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Jaipur Heritage Mayor Munesh Gurjar: राजधानी जयपुर में शुक्रवार की रात सियासी गलियारों में तब हलचल मच गई जब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा. एसीबी की टीम ने मेयर के पति सुशील गुर्जर के साथ 2 दलालों को रंगे हाथों दबोचा जहां सुशील पर पट्‌टे देने के बदले 2 लाख रुपए की घूस मांगने का आरोप है. वहीं मेयर के घर से एसीबी की टीम को 40 लाख रुपए नकद भी बरामद हुए. इसके अलावा एक दलाल के घर 8 लाख नकद मिले.

हालांकि पूरे मामले में मेयर की भूमिका को लेकर एसीबी की टीम जांच कर रही है. मालूम हो कि हेरिटेज निगम में कांग्रेस का बोर्ड और मेयर है और मुनेश गुर्जर बीते दिनों सुर्खियों में रही जब उन्होंने अपनी ही सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.

एसीबी के एक्शन के मुताबिक अतिरिक्त महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने जानकारी दी कि एसीबी की स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट (एसआईयू) जयपुर इकाई को शिकायत मिली थी कि पट्टा देने के बदले सुशील गुर्जर की ओर से दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे के मार्फत 2 लाख रुपए की डिमांड की गई है जिसके बाद एसीबी ने पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया.

2 लाख की घूस, 40 लाख नकद मिले

बता दें कि एसीबी की कार्रवाई से पहले जयपुर के उप महानिरीक्षक रणधीर सिंह के सुपरविजन में शिकायत को सत्यापित किया गया जिसके बाद शुक्रवार रात ASP ललित शर्मा के नेतृत्व में टीम ने दलाल नारायण सिंह को परिवादी से 2 लाख रुपए की घूस लेते दबोचा. वहीं मामले में मेयर पति सुशील गुर्जर और दलाल अनिल दुबे को भी गिरफ्तार किया गया. इधर मेयर के घर छापेमारी के बाद बीजेपी एक बार फिर सरकार पर हमलावर हो गई है.

मंत्री के खिलाफ खोला था मोर्चा

मुनेश इससे पहले भी चर्चा में रही जब उन्होंने कैबिनेट मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था जहां हेरिटेज के एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा को लेकर मेयर और कैबिनेट मंत्री आमने-सामने हो गए थे. मेयर जहां वर्मा के निलंबन की मांग कर रही थी वहीं खाचरियावास एडिशनल कमिश्नर के समर्थन में उतर गए थे. वहीं इस मामले में 7 दिनों तक महापौर ने अपने पार्षदों के साथ धरना भी दिया और बाद में प्रदेश प्रभारी से भी मुलाकात की थी.

इसके अलावा मेयर मुनेश गुर्जर ने बीते दिनों रोते हुए एक ऑडियो भी जारी किया था जिसमें उन्होंने प्रतापसिंह खाचरियावास और पार्षद दशरथ सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे. मेयर ने उस दौरान कहा था कि मंत्री और पार्षद दलित बच्ची के पिता को डराकर और प्रलोभन देकर मेरे खिलाफ एससी एसटी के बयान दिलवाना चाहते हैं. दरअसल गुर्जर ने एक दलित बच्ची गोद ले रखी है जिसको लेकर उन्होंने राजनीति करने का आरोप लगाया था.

लंपी में नहीं पहनी थी चप्पल

वहीं बीते साल महापौर मुनेश गुर्जर ने प्रदेश में गौ माता को लंपी बीमारी से मुक्त होने तक चप्पल-जूते नहीं पहनने का संकल्प लिया था जिसके बाद वह सुर्खियों में आई थी. इसके बाद गुर्जर ने दो महीनों तक अपना संकल्प जारी रखा और बाद में गणेश मंदिर में पूजा अर्चना कर पैरों में चप्पल पहनी थी. इस दौरान महापौर ने अपने संकल्प को पूरा करते हुए 60 दिनों तक नंगे पैर अपने काम को जारी रखा.

गौरतलब है कि जयपुर हेरिटेज नगर निगम चुनाव में महापौर पद पर कांग्रेस का परचम लहराने के बाद कांग्रेस की प्रत्याशी मुनेश गुर्जर को महापौर बनाया गया था जहां उन्हें 156 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी की कुसुम यादव को 44 वोटों से संतुष्ठ होना पड़ा था.

खतरे में मेयर मुनेश की कुर्सी !

इधर अब माना जा रहा है कि मेयर पति के घूसकांड में पकड़े जाने के बाद मेयर मुनेश गुर्जर का पद भी जा सकता है जहां सियासी गलियारों में चर्चा है कि खाद्य मंत्री प्रतापसिंह से पंगा लेना मेयर को भारी पड़ गया. बताया जा रहा है कि खाचरियावास ने ही मुनेश गुर्जर को मेयर बनवाया था लेकिन हाल के दिनों में दोनों के संबंधों में खटास आ गई थी.

मेयर के पति पर एक्शन के बाद खाचरियावास ने कहा कि लंबे समय से शिकायतें मिल रही थी कि पट्टे जारी करने के बदले पैसे मांगे जा रहे हैं और मेरे पास भी कई बार शिकायत आई थी. मंत्री ने कहा कि रिश्वतखोर किसी भी पार्टी का हो भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा और राजस्थान की एसीबी इन मामलों को उजागर करने में नंबर वन है.

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