जयपुर एक्सप्रेस खूनी तांडव: बुर्का पहनी महिला पर तान दी थी बंदूक, कांस्टेबल ने लगवाए ‘जय माता दी’ के नारे

जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन में फायरिंग कांड में अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है।

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Jaipur-Mumbai train firing case : जयपुर। जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन में फायरिंग कांड में अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है। ट्रेन के अंदर चार लोगों को मौत के घाट उतारे वाले रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कॉन्स्टेबल चेतन सिंह चौधरी ने बुर्का पहनी एक महिला पैसेंजस को भी बंदूक का भय दिखाकर ‘जय माता दी’ कहने के लिए मजबूर किया था। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है। अब पुलिस ने इसी महिला को मुख्य गवाह बनाते हुए, उसके बयान दर्ज किए है।

ट्रेन में हुए फायरिंग हत्याकांड की जांच में जुटी बोरीवली जीआरपी ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो चौंकाने वाला खुलासा सामने आया। दरअसल, यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जिसमें चार लोगों को गोली मारने के बाद कॉन्स्टेबल चेतन सिंह चौधरी B-3 कोच में पहुंचा। जहां उसके बुर्का पहनी एक महिला पर बंदूक तान दी।

इसके बाद जांच में जुटी पुलिस उस महिला की पहचान की और उसके बयान दर्ज किए। महिला ने बयान देते हुए कहा कि आरोपी कांस्टेबल ने उस पर बंदूक तानते हुए जय माता दी कहने के लिए कहा। ऐसा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी। जब जय माता दी कहा तो उसने चिल्लाते हुए कहा कि जोर से बोलो। इस पर उसकी बंदूक को दूर करते हुए पूछा कि तुम कौन हो? लेकिन, उसने धमकी दी कि अगर हथियार को छुआ तो वह उसे मार देगा।

भारत में रहना है तो कहना होगा मोदी-योगी

31 जुलाई को ट्रेन में हुई घटना के अगले दिन भी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें आरोपी चेतन सिंह कहा रहा था कि हिंदुस्तान में रहना है तो मोदी-योगी कहना होगा। वीडियो में वह शवों के पास खड़ा नजर आ रहा था और कह रहा था कि पाकिस्तान से ऑपरेट हुएं ये, और मीडिया यही कवरेज दिखा रही है, उनको सब पता चल रहा है कि ये क्या कर रहे हैं… अगर वोट देना है, हिंदुस्तान में रहना है तो मैं कहता हूं मोदी-योगी ये दो हैं। जांच में सामने आया है कि चौधरी की आवाज का नमूना वीडियो क्लिप की आवाज से मेल खाता है।

आरोपी के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज

सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), इसके अलावा 302 (हत्या), 363 (अपहरण), 341, 342 (ग़लत तरीके से बंदी बनाना), और आर्म्स एक्ट और रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि, शुरूआती जांच में सामने आया था कि आरोपी मानसिक तौर से बीमार है। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में रहने वाले आरोपी के परिजनों ने भी यही बात कही थी।

आरोपी को पिता की जगह मिली थी नौकरी

परिजनों का कहना है कि चेतन को करीब 12 साल पहले पिता बच्चू सिंह के स्थान पर मृतक आश्रित में नौकरी मिली थी। चेतन अक्सर यह शिकायत करता था कि अधिकारी बार-बार तबादला कर उसे परेशान करते रहते है। पहले उज्जैन फिर बड़ौदा और अब मुंबई उसका तबादला कर दिया। इस कारण वह अधिकारी से नाराज था और मानसिक रूप से परेशान था। उसका इस बीमारी का इलाज भी चल रहा था। रतलाम में जन्मा चेतन अपने परिवार के साथ मथुरा में रहता था।

31 जुलाई को ट्रेन में हुई थी वारदात

जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस (12956) में 31 जुलाई की सुबह आरपीएफ के कॉन्स्टेबल ने अपनी ऑटोमैटिक राइफल से साथी एएसआई सहित 3 पैसेंजर्स की गोली मारी थी। इस कांड में एएसआई टीकाराम मीणा सहित पैसेंजर्स अब्दुल कादर मोहम्मद हुसैन भानपुरावाला, सैयद सैफ़ुद्दीन और असगर अब्बास शेख की मौत हो गई थी। पुलिस को चारों शव अलग-अलग कोच से मिले थे। पुलिस ने दो शव B5, एक पैंट्री कार और एक बी 1 कोच से बरामद किया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।

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