खतरे में हेरिटेज निगम महापौर मुनेश गुर्जर की कुर्सी! अब तक यूं चला विवाद 

भले ही मानसून की बारिश से चारों ओर सर्दी सा एहसास हो गया है, लेकिन हेरिटेज नगर निगम में सावन के महीने में भी गर्माहट ही बनी हुई है।

Mayor Munesh Gurjar

Mayor Munesh Gurjar : जयपुर। भले ही मानसून की बारिश से चारों ओर सर्दी सा एहसास हो गया है, लेकिन हेरिटेज नगर निगम में सावन के महीने में भी गर्माहट ही बनी हुई है। महापौर और अतिरिक्त आयुक्त विवाद को लेकर एक बार फिर से सरगर्मियां तेज हो गई है। पुलिस में महापौर और पार्षदों के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र वर्मा अब आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। महापौर और पार्षदों पर राजकार्य में बाधा और एसटी एससी एक्ट में मामला दर्ज होने के बाद मामले में आगे बढ़ते हुए अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र वर्मा ने पुलिस को अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। 

उन्होंने जांच अधिकारी माणक चौक एसीपी हेमन्त जाखड़ के समक्ष घटना वाले दिन के साक्ष्य भी उपलब्ध कराए हैं और सम्पूर्ण घटनाक्रम की जानकारी भी दी है। अतिरिक्त आयुक्त के बयानों के बाद पुलिस मामले में आरोपी बनाई गईं महापौर मुनेश गुर्जर और अन्य पार्षदों को जल्द नोटिस जारी कराएगी। 

ऐसे में मामला सुलझने के बजाए और उलझता दिखाई दे रहा है और महापौर की कुर्सी पर संकट की आशंका बन रही है। मामले पर गौर करें तो हेरिटेज का मामला भी ग्रेटर जैसा ही बनता जा रहा है। वहां सरकार ने जांच होने तक महापौर को तत्काल निलंबित कर दिया था, लेकिन हेरिटेज में कोई निर्णय नहीं ले पाई है।

आरोप एक साथ, लेकिन कार्रवाई में वर्मा आगे निकले 

महापौर और अतिरिक्त आयुक्त के बीच हुए विवाद के बाद से ही दोनों ही पक्ष सरकार और जनता के सामने अपने आप को सही बताने में लग गए थे। राजेन्द्र वर्मा ने महापौर और पार्षदों पर बंधक बनाने और अभद्रता का आरोप लगाया तो महापौर और पार्षदों ने भी वर्मा पर पार्षदों के साथ अभद्रता करने और निगम में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाकर निलम्बित करने की मांग की थी। 

इस मांग को लेकर वे करीब 7 दिन तक धरने पर बैठे थे, लेकिन दोनों ही पक्षों में कार्रवाई के मामले में अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र वर्मा आगे निकल गए। उन्होनें ना सिर्फ आरोप लगाया, अपितु सरकार से स्वाकृति लेकर पुलिस में मामला भी दर्ज करा दिया, जबकि महापौर और पार्षद आलाकमान के निर्देश के इंतजार में ही रह गए।

अब तक यूं चला विवाद 

16 जून: बीट पत्रावली पर साइन नहीं करने पर महापौर के कमरे में शुरू हुआ विवाद, महापौर मुनेश और पार्षद बैठे धरने पर।

19 जून: भाजपा पार्षदों ने अतिरिक्त आयुक्त के समर्थन में दिया सांकेतिक धरना।

22 जून: कांग्रेस प्रभारी के आश्वासन के बाद धरना स्थगित। 

28 जून: राजेन्द्र वर्मा आईएएस प्रमोट, महापौर व अन्य पार्षदों के खिलाफ माणक चौक में मामला दर्ज।

30 जून: महापौर ने राजेन्द्र वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की फाइल शांति धारीवाल को सौंपी। 

10 जुलाई: अतिरिक्त आयुक्त ने पुलिस को दिए बयान और साक्ष्य उपलब्ध कराए।

इनका कहना है…

माणक चौक एसीपी हेमंत जाखड़ ने कहा कि हेरिटेज के अतिरिक्त आयुक्त ने पुलिस को मामले में अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। घटनास्थल का दौरा किया है। अब मामले में दूसरे पक्ष को भी जल्द बुलाया जाएगा। वहीं, हेरिटेज  उप महापौर असलम फारूकी का कहना है कि अतिरिक्त आयुक्त की ओर से पुलिस को दिया मामला सिर्फ झूठ का पुलिंदा है। इसकी निष्पक्ष जांच में सच सामने आ जाएगा। हमने हमारी मांग के लिए सरकार को दुबारा लिखा है। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद हम भी जवाबी कार्रवाई के लिए आलाकमान के निर्देश के इंतजार में हैं। 

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