पहली बार बाहर से लाया गया हार्ट…जयपुर में 9 घंटे तक चला ऑपरेशन, मरीज को मिला नया जीवन

ट्रांसप्लांट के लिए ऑर्गन राजस्थान से दिल्ली सहित अन्य राज्यों में अक्सर भेजे जाते थे। लेकिन, हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए पहली बार दिल जयपुर लाया गया।

Heart Transplant in Jaipur

Heart Transplant in Jaipur : जयपुर। ट्रांसप्लांट के लिए ऑर्गन राजस्थान से दिल्ली सहित अन्य राज्यों में अक्सर भेजे जाते थे। लेकिन, हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए पहली बार दिल जयपुर लाया गया। ऐसे में महात्मा गांधी अस्पताल के डॉक्टरों ने हार्ट पेंशेंट मरीज का सफलतापूर्णक हार्ट ट्रांसप्लांट कर नई जिंदगी दी। करीब 9 घंटे की ऑपरेशन प्रक्रिया के बाद कोटा निवासी मोहम्मद जफर को यह नया हार्ट लगाया गया। इस ट्रांसप्लांट में खास बात ये हैं कि रेसीपिएंट (अंग लगाए जाने वाला मरीज) के हार्ट का छह माह पहले भी बाइपास ऑपरेशन चुका था।

वहीं, एक चुनौती यह भी थी कि जयपुर में चल रहे वीआईपी मूवमेंट के चलते एयर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं होने पर ग्रीन कॉरिडोर के जरिए हार्ट को सड़क मार्ग से चार घंटे में जयपुर लाया गया। रोगी अब अच्छे से बात कर रहा है। जानकारी के अनुसार दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में ब्रेन डैड हुए एक 37 वर्षीय रोगी सुशील कुमार के परिजनों स्वैच्छिक तौर पर हार्ट का अंगदान किया गया था। इसके बाद यह हार्ट महात्मा गांधी अस्पताल लाया गया।

हार्ट सर्जरी निदेशक तथा मुख्य हार्ट सर्जन डॉ. मुर्तजा अहमद चिश्ती के नेतृत्व में ऑपरेशन में डॉ. आशीष शर्मा, कार्डिएक एनेस्थीसिया विषेषज्ञ डॉ. सौरभ गुप्ता, डॉ. वरूण छाबडा, डॉ आशीष जैन, फिजीशियन असिस्टेंट पवन गुप्ता, मोहन सिंह, राजवीर मिश्रा, ओटी इंचार्ज उमेश, नरोत्तम, कुसुम समेत तीन दर्जन चिकित्साकर्मियों ने उल्लेखनीय सहयोग दिया। मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट डॉ. आर सी गुप्ता, सीओओ सुकान्ता दास, ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर शशांक ने नोटो तथा पुलिस के सहयोग से ग्रीन कोरिडोर तथा ट्रांसप्लांट सम्बन्धित कार्यवाही पूर्ण की।

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