राजस्थान में अब भी मिल रहा है मुफ्त ईलाज, चिरंजीवी योजना को लेकर अधिकारियों ने दी बड़ी जानकारी

प्रदेश में शनिवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विकसित भारत संकल्प यात्रा की प्रगति, कोविड प्रबंधन सहित चिकित्सा विभाग से जुडे़ अन्य विषयों पर समीक्षा कर रही थीं।

Rajasthan Police 2023 12 24T085635.500 | Sach Bedhadak

Chiranjeevi Yojana: प्रदेश में शनिवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विकसित भारत संकल्प यात्रा की प्रगति, कोविड प्रबंधन सहित चिकित्सा विभाग से जुडे़ अन्य विषयों पर समीक्षा कर रही थीं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जन-जन से जुड़ा विभाग है। विभाग के सभी अधिकारी एवं कार्मिक मानवीय एवं संवेदनशील एप्रोच के साथ काम करते हुए आमजन को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाएं।

योजनाओं को मिले लाभ अंतिम छोर

उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में संचालित विकसित भारत संकल्प यात्रा में निर्धारित लक्ष्य शीघ्र पूरे किए जाएं। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं हो। उन्होंने निचले स्तर तक कोविड का प्रभावी प्रबंधन करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज स्तर से लेकर सीएचसी एवं पीएचसी स्तर तक स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता में किसी तरह की कमी नहीं रहे। राज्य सरकार के मूलमंत्र सबका साथ-सबका विश्वास-सबका विकास की सोच के साथ चिकित्सा विभाग से जुड़ी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ अंतिम छोर तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।

सुचारू रूप से मिल रहा है मुफ्त ईलाज

बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने प्रदेश में संचालित आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की भी समीक्षा की। समीक्षा के दौरान राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी शुचि त्यागी ने बताया कि योजना के तहत सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी अस्पतालों में उपचार सुचारू रूप से उपलब्ध करवाया जा रहा है। वर्तमान में पोर्टल सुचारू रूप से चल रहा है और सूचीबद्ध अस्पतालों में रोगियों को उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है।

15 दिन में 60 हजार लोगों को मिला लाभ

उन्होंने बताया कि विगत 15 दिवस में योजना के तहत 60 हजार से अधिक रोगियों को करीब 75 करोड़ रूपए का कैशलेस उपचार प्रदान किया गया है। योजना के तहत विगत 15 दिवस में प्रतिदिन औसतन 8 हजार एडमिशन अस्पतालों में हुए हैं। साथ ही, योजना में भुगतान का कार्य भी निर्बाध रूप से किया जा रहा है।