कम बारिश और तापमान के कारण गहराया फसल खराबे का संकट, कई जगह जलने लगी फसल

हनुमानगढ़ समेत कई जिलों में कम बारिश की वजह से खरीफ की फसलों पर खराबे का संकट गहरा गया है, कई जगह फसल जलनी भी शुरू हो गई है।

image 23 1 | Sach Bedhadak

जयपुर। इस महीने में कम हुई बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। हनुमानगढ़ समेत कई जिलों में कम बारिश की वजह से खरीफ की फसलों पर खराबे का संकट गहरा गया है, कई जगह फसल जलनी भी शुरू हो गई है। किसानों और जानकारों का कहना है कि एक हफ्ते में अगर बारिश नहीं हुई और ऐसे ही तापमान बढ़ता रहा तो फसलें तबाह हो सकती हैं। 

इधर, मौसम केंद्र जयपुर का यह पूर्वानुमान भी चिंता पैदा कर रहा है कि प्रदेशभर में आगामी सप्ताह में बारिश होने की संभावना नहीं के बराबर है। वहीं, तापमान के तेवर लगातार तीखे होते जा रहे हैं। रविवार को सर्वाधिक तापमान श्रीगंगानगर में 38.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इसके अलावा राजधानी जयपुर समेत अधिकतर जगह तापमान 35 डिग्री के आसपास दर्ज हुआ।

बारिश काफी दिन रुकने से किसानों चिंता बढ़ी 

लंबे समय से बारिश थमने के कारण जहां खरीफ की फसलें सर्वाधिक प्रभावित हुई हैं उन इलाकों में हनुमानगढ़, झुंझुनूं, चूरू, बीकानेर, बाड़मेर के अधिकतर इलाके शामिल हैं। हनुमानगढ़ के नोहर, भादरा, संगरिया के अलावा कई इलाके ऐसे हैं जहां फसल जलने लगी है। गौरतलब है कि इन इलाकों में सिंचाई के पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पाई है। कमोबेश यही स्थिति पश्चिमी राजस्थान के लगभग सभी जिलों में है।

पूर्वी राजस्थान में हालात उलट 

प्रदेश के पूर्वी इलाकों में इस वर्ष अच्छी बरसात होने का कारण है कि खरीफ की अच्छी पैदावार होने की संभावना है।  किसानों का कहना है कि इस महीने भी अच्छी बारिश हुई।

सामान्य से 18 फीसदी अधिक बारिश

जल संसाधन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में इस मानसून में अब तक सामान्य से 18 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है। गौरतलब है कि राज्य में मानसून के सीजन में (1 जून से 26 अगस्त तक) औसत बारिश 353.7 एमएम होती है, जो इस वर्ष रविवार तक 415.7 एमएम दर्ज की जा चुकी है। चूरू, हनुमानगढ़ ऐसे जिले हैं, जहां सामान्य से कम बारिश हुई है। 

सूखी ग्वार और मूंग की फसल

हनुमानगढ़ निवासी किसान पोखराम नायक ने बताया कि 25 बीघा में ग्वार और 3 बीघा में मूंग की फसल थी, बरसात के अभाव में अधिकतर सूख चुकी है। फसल देखकर लगता है कि इस वर्ष तो उत्पादन से बीज की भी पूर्ति नहीं होगी। वहीं, जयपुर के देवांशु अग्रवाल ने कहा कि राजधानी में अगस्त में ऐसा लग रहा है जैसे गर्मी का महीना अपने पीक पर हो।

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