DRI की चूरू रेलवे स्टेशन पर बड़ी कार्रवाई, दो तस्करों से पकड़ा 2.68 करोड़ का सोना

चूरू। राजस्थान की डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की टीम ने चूरू रेलवे स्टेशन पर बड़ी कार्रवाई की है। डीआरआई ने सोने की तस्करी करते…

gold caught At Churu railway station | Sach Bedhadak

चूरू। राजस्थान की डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की टीम ने चूरू रेलवे स्टेशन पर बड़ी कार्रवाई की है। डीआरआई ने सोने की तस्करी करते हुए दो तस्करों को पकड़ा है। डीआरआई ने दोनों तस्करों से करीब 2.68 करोड़ रुपए का सोना जब्त किया है, जो बिस्किट के आकार में थे। इसका कुल वजन 4.200 किलोग्राम है।

डीआरआई के अधिकारियों ने बताया कि मुखबीर से सूचना मिली थी कि उनके कोलकाता से बीकानेर जाने वाली सियालदाह एक्सप्रेस ट्रेन से दो तस्कर भारी मात्रा में सोना लेकर चूरू उतरने वाले हैं। सूचना मिलने के बाद डीआरआई की टीम ने तस्करों पर नजर रखाना शुरू किया। 28 फरवरी को इंटेलिजेंस की मदद से डीआरआई की टीम ने दोनों तस्करों को चूरू स्टेशन से पकड़ लिया। डीआरआई टीम के सर्च के दौरान दोनों तस्करों के पास से बिस्कुट के आकार में 4.200 किलोग्राम सोना मिला। डीआरआई की टीम दोनों तस्करों को लेकर जयपुर पहुंची और कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों तस्करों को अभी जेल भेज दिया हैं।

तस्करी करने वाली गैंग में सदस्यों की संख्या बड़ी

गोल्ड तस्करी करने वाली गैंग में सदस्यों की संख्या बड़ी है। इसलिए हर किसी को अलग-अलग काम दिया जाता है। इस गैंग के बदमाश इतने शातिर है कि यह तस्करी से पहले सोने को गला दिया करते थे। जिससे सोने पर लिखे नाम और मार्क हट जाया करते थे। फिर ये उसे सोने के बिस्किट बना दिया करते थे। इससे किसी को नहीं पता चलता था कि यह सोना किस देश से लाया गया है।

पहले भी कर चुके तस्करी हैं दोनों आरोपी

डीआरआई की पूछताछ में तस्करों ने बताया कि वह यह सोना कोलकाता से लेकर आए थे और इसकी डिलीवरी चूरू में देनी थी। चूरू के पास फतेहपुर (सीकर) में इस सोने की तस्करी दूसरे बदमाश को करनी थी। दोनों बदमाश पहले भी सोने की तस्करी कर चुके हैं। डीआरआई की टीम ने बदमाशों से मिली जानकारी के बाद गैंग के अन्य सदस्यों के ठिकानों पर रेड करना शुरू कर दिया हैं।

काले धन के व्यापार को रोकने का काम करती है DRI

राजस्व आसूचना निदेशालय या राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), एक भारतीय खुफिया एजेंसी है। यह भारत की प्रमुख तस्करी विरोधी खुफिया, जांच और संचालन एजेंसी है। इस एजेंसी को निदेशालय केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अधिकारियों द्वारा चलाया जाता है, जो इसकी विभिन्न जोनल इकाइयों के साथ-साथ विदेशों में भारतीय दूतावासों में सीमा शुल्क प्रवासी खुफिया नेटवर्क के हिस्से के रूप में तैनात रहते हैं। इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के विशेष सचिव रैंक के महानिदेशक करते हैं।

डीआरआई एजेंसी सोना, मादक पदार्थों, नकली भारतीय मुद्रा, प्राचीन वस्तुओं, वन्यजीवों और पर्यावरण उत्पादों जैसे निषिध्द की तस्करी को रोककर भारत की राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा को सुरक्षित करने का काम करता है। इसके अलावा, यह काले धन, वाणिज्यिक धोखाधड़ी और व्यापार आधारित काले धन के व्यापार के प्रसार को रोकने के लिए भी काम करता है।