Dev Uthani Ekadashi: देवउठनी एकादशी पर मांगलिक कार्य हुए शुरू, प्रदेश में आज होंगी 50 हजार शादियां

Dev Uthani Ekadashi: आज देवउठनी एकादशी है। इस दिन चातुर्मास का समापन होता है और भगवान विष्णु योग समस्‍त देवताओं के साथ निद्रा से जागते…

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Dev Uthani Ekadashi: आज देवउठनी एकादशी है। इस दिन चातुर्मास का समापन होता है और भगवान विष्णु योग समस्‍त देवताओं के साथ निद्रा से जागते हैं। इस दिन भगवान विष्‍णु के साथ मां लक्ष्‍मी और तुलसी की भी पूजा की जाती है। इसके बाद से सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं।

देश में करीब 140 दिन बाद फिर से शादियों का सीजन भी शुरू होने जा रहा है। अधिमास की वजह से इस बार चार की बजाय पांच महीने बाद गुरुवार को देवउठनी एकादशी पर शादी-विवाह सहित दूसरे मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो रही है। इस दिन स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त होने से देश भर में शहनाइयां गूंजेगी। वहीं देवउठनी एकादशी पर प्रदेश में करीब 50 हजार शादियां होंगी। इससे पहले घंटे-घड़ियाल बजाकर भगवान को जगाया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, देव उठानी एकादशी सभी एकादशी में श्रेष्ठ मानी गई है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और एक बार फिर सृष्टि का कार्य भार संभालते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी के विवाह का भी आयोजन किया जाता है। देवउठनी एकादशी को देव दिवाली, देव प्रबोधिनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं।

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि वैदिक पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को रात 11:03 से शुरू होगी और इसका समापन 23 नवंबर रात 9:01 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार देवउठनी एकादशी व्रत 23 नवंबर को रखा जाएगा।

देवउठनी एकादशी मुहूर्त…

कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ 22 नवंबर 2023 की रात 11.03 से शुरू होगा। वहीं कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि का समापन 23 नवंबर 2023 की रात 09.01 पर होगा।

देवउठनी एकादशी शुभ योग…

एकादशी के शुभ योग की बात करें तो ये दिन पूजा पाठ के लिए उत्तम माना जाता है। इस बार रवि योग, सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनने जा रहे हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11:55 से शुरू होगा। वहीं रवि योग सुबह 6:50 से शाम 5:16 तक रहेगा। इसके बाद सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू हो जाएगा।

20 जून से मांगलिक कार्यों पर लगी थी रोक…

बता दें कि 29 जून को देवशयनी एकादशी के दिन मांगलिक कार्यों पर रोक लग गई थी। करीब 140 दिन बाद अब कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी (देवप्रबोधिनी एकादशी) पर शादी समारोह और दूसरे मांगलिक कार्य शुरू हो रहे हैं। देवउठनी एकादशी पर स्वयं सिद्ध अबूझ सावा है। इसके बाद 24 नवंबर को 8 रेखीय, 25 नवंबर को 6 रेखीय, 27 नवंबर को 7 रेखीय, 28 नवंबर को 9 रेखीय, 29 नवंबर को 10 रेखीय, 4 दिसंबर को 8 रेखीय, 6 दिसंबर को 6 रेखीय, 7 दिसंबर को 6 रेखीय और 8 दिसंबर को 8 रेखीय सावा रहेगा। इसके बाद 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक धनु मलमास रहेगा। इसके बाद दोबारा शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा।

प्रदेश में आज 50 हजार शादियों की धूम…

मैरिज गार्डन और टेंट एसोसिएशन से जुड़े लोगों के अनुसार, पूरे प्रदेश में देवउठनी एकादशी पर करीब 50 हजार शादियां होंगी। जबकि जयपुर जिले में ये आंकड़ा 20 हजार के करीब रहेगा। देवउठनी एकादशी पर होने वाली इन शादियों को लेकर करीब 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की गार्डन, होटल, केटरिंग, ज्वेलरी और कपड़े का बाजार बताया जा रहा है।