RU में फूड सेफ्टी कॉन्फ्रेंस में 15 लाख के व्यय पर विवाद, विवि प्रशासन ने मामला ACB को भेजने का लिया फैसला

आर्थिक तंगी से जूझती राजस्थान यूनिवर्सिटी में पिछले दिनों हुई फूड सेफ्टी कॉन्फ्रेंस में हुए करीब 15 लाख रुपए का खर्च विवादों में आ गया है।

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(निरंजन चौधरी) :  जयपुर। आर्थिक तंगी से जूझती राजस्थान यूनिवर्सिटी (Rajasthan University) में पिछले दिनों हुई फूड सेफ्टी कॉन्फ्रेंस में हुए करीब 15 लाख रुपए का खर्च विवादों में आ गया है। होम साइंस विभाग की ओर से आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में ‘महंगे तोहफे’ और ‘गाला डिनर’ देने में हुई भारी वित्तीय अनियमितताओं को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामला जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपने का फैसला किया है। बता दें कि गाला डिनर को कई जगह ‘डिनर विद ड्रिंक’ भी कहा जाता है। जब तमाम खर्चे से जुड़ी फाइल को विश्वविद्यालय के वित्त विभाग और रजिस्ट्रार ने सूक्ष्मता से जांचा तो कई अनियमितताएं सामने आईं।

मामला पोद्दार कॉलेज में गत 3 और 4 मार्च को हुई कॉन्फ्रेंस और उसके बाद महारानी कॉलेज परिसर में हुए गाला डिनर का है। इसमें काॅन्फ्रेंस में शामिल हुए प्रतिनिधियों को महंगी साड़ियों का उपहार भी दिया गया, जो रूसा कमेटी के नियमों की अवहेलना है। और तो और, इस भारी खर्चे के बिलों को अधूरी डिटेल के साथ भुगतान के लिए भेज दिया गया तो संबद्ध अधिकारी भी हैरान रह गए। जांच में विश्वविद्यालय प्रशासन को पता चला कि कॉन्फ्रेंस में रिफ्रेशमेंट के नाम पर प्रति व्यक्ति 1029 रुपए का खर्च कर दिए गए।  

ऐसे हुआ गड़बड़ी का अंदेशा 

बताया जा रहा है कि मार्च 2023 में आयोजित इस इंटरनेशल कॉन्फ्रेंस में पचास से भी कम लोग उपस्थित हु ए थे। इस पर यहां आए स्पीकर ने भी कम संख्या देखकर नाराजगी जाहिर की थी। कॉन्फ्रेंस के बाद आयोजक ने बिल पास करवाने के लिए फाइल फाइनेंस ऑफिस भेजी तो गड़बड़ी का अंदेशा हुआ। प्रशासनिक अधिकारियों ने काॅन्फ्रेंस के खर्च के बारे में अधिक जानकारी मांगी, तो जवाब ही नहीं आया। प्रशासन ने जब खर्चे का सख्ती से जवाब मांगा तब तमाम खर्चों का खुलासा हुआ। आयोजक सिंह ने वित्त सलाहकार को भेजे पत्र में माना कि उनके द्वारा किया गया यह पहला आयोजन था, भविष्य में नियमों का ध्यान रखा जाएगा।

1 मोमेंटो 1286 रुपए का, 50 हजार टेंट के

फाइल में कई ऐसे खर्चे उल्लेखित किए गए हैं, जो यूनिवर्सिटी के नियमों की अवहेलना करते हैं। इसमें प्रति मोमेंटो 1286 रुपए के अलावा टेंट और कुर्सियों पर किया गया 50 हजार से अधिक का खर्चा शामिल है। इसके अलावा यहां 60 वाॅलंटियर के नाम पर भी राशि दर्शाई गई है, जिनके नाम रिकॉर्ड में तो हैं, लेकिन उनके बारे में पूरी जानकारी गायब है।

एसीबी को मामला भेजने की अनुशंसा

इन वित्तीय अनियमितताओं के बाद विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार की तरफ से फाइल को एसीबी में जांच केलिए दिए जाने की अनुशंसा की है। इस फाइल के साथ अभी तक आयोजक की ओर से खर्चे के बिल भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। बिल लगाते ही इनकी जांच और संबंधित आयोजक पर एक्शन लेने की संभावना है।

खास मेहमानों को महंगे गिफ्ट 

अधिकारियों ने आयोजक से जब प्रति व्यक्ति तीन हजार रुपए से भी अधिक कीमत की साड़ियां गिफ्ट करने के बारे जवाब मांगा तो उन्होंने खास मेहमानों को गिफ्ट देने की बात कही। ऐसा आरोप है कि आयोजकों ने चुनिंदा लोगों को खुश करने के लिए महंगे गिफ्ट दिए। 

जानें-किसने क्या दी सफाई

कॉन्फ्रेंस आयोजक निमाली सिंह ने कहा कि प्रशासन को जिन खर्चों पर संदेह है, उन्हें हटा सकते हैं। मैं अपनी जेब से उन खर्चों का भुगतान कर दूंगी। अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। होम साइंस विभागाध्यक्ष सुनीता अग्रवाल ने कहा कि काॅन्फ्रेंस से जुड़ी कोई भी चार्जशीट विभाग में पेश नहीं की गई। मुझसे इससे जुड़े कार्यक्रम की कोई परमिशन भी नहीं ली गई। इससे जुड़ी पत्रावली डीन ऑफ साइंस से चलवाई गई। बिना विभागाध्यक्ष की परमिशन के यह सब हुआ है। वहीं, रजिस्ट्रार प्रो. नीलिमा तक्षक का कहना है कि खर्च को लेकर भारी अनियमितता सामने आई है। फाइल को ऑडिट पर भेज दिया है। दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

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