‘रेवड़ी कल्चर’ या वेलफेयर स्टेट मॉडल? क्या अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही है गहलोत सरकार की योजनाएं

सीएम अशोक गहलोत की एलपीजी, बिजली आदि पर सब्सिडी की योजनाओं के बाद विपक्ष का आरोप है कि वह राज्य की अर्थव्यवस्था बर्बाद कर रहे हैं लेकिन गहलोत सरकार पर लग रहे इन आरोपों के पीछे हकीकत कुछ और है.

cm 1 1 | Sach Bedhadak

जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार लगातार जनता के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर काम कर रही है जहां बीते दिनों फ्री बिजली की यूनिट बढ़ाई गई, गैंस सिलेंडर पर सब्सिडी दी गई और आने वाले दिनों में 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को मोबाइल फोन दिए जाएंगे लेकिन इस बीच सरकार पर लगातार आरोप लग रहे हैं कि सीएम गहलोत की यह योजनाएं राज्य की वित्तीय स्थिति को नुकसान पहुंचा रही है.

हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सरकार की वेलफेयर स्कीमों को ‘रेवड़ी कल्चर’ का नाम दिया था. हालांकि, राजस्थान की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण और इसकी तुलना अन्य राज्यों से करने पर पता चलता है कि सूबे की वित्तीय स्थिति अपेक्षाकृत मजबूत है और सीएम गहलोत के नेतृत्व में स्थिति में पिछले सालों में सुधार ही हुआ है.

न्यूज वेबसाइट ‘द प्रिंट’ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार न केवल राजस्थान का राजकोषीय घाटा गिर रहा है (इसका व्यय इसके राजस्व से अधिक है), बल्कि हाल के दिनों में देश के सभी राज्यों के औसत से भी तेजी से गिर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार ‘सब्सिडी’ को लेकर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सस्ती गैस, मुफ्त साइकिल, या मुफ्त सिलाई मशीन के रूप में वृद्धि सब्सिडी प्राकृतिक गैस, साइकिल और सिलाई उद्योगों को समान प्रोत्साहन के रूप में काम कर सकती है.

अन्य राज्यों के औसत से अधिक GSDP

वहीं अगर हम राजस्व पक्ष की बात करें तो राजस्थान का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का प्रतिशत, पिछले एक दशक में सभी राज्यों के औसत से अधिक रहा है और हाल में यह अंतर और बढ़ गया है. वहीं विशेष रूप से राज्य आर्थिक रूप से भी अधिक स्वतंत्र हो गया है यानी, इसका अपना कर राजस्व और अपना गैर कर राजस्व (केंद्र सरकार से बिना किसी मदद के यह जो पैसा कमाता है) दोनों सभी राज्यों के औसत से अधिक रहे हैं और दोनों लगातार बढ़ भी रहे हैं.

स्वास्थ्य और शिक्षा पर बढ़ा खर्च

वहीं रिपोर्ट में आगे खर्चे को लेकर बताया गया है कि राजस्थान सभी राज्यों के औसत की तुलना में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे सामाजिक क्षेत्रों पर अपने समग्र खर्च से अधिकतम खर्च कर रहा है. हालांकि, जहां राज्य का प्रदर्शन खराब है वो पूंजीगत व्यय है और जहां कुछ समय के लिए इसका खर्च औसत से भी कम रहा है, लेकिन यह भी हाल के कुछ सालों में बढ़ा है तो, सब्सिडी के मोर्चे पर भी राजस्थान का खर्च औसत से अधिक रहा है.

PM मोदी ने बताया था रेवड़ी कल्चर

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों कुछ राजनीतिक दलों द्वारा रेवड़ी कल्चर को बढ़ावा देने का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा था. मोदी ने कहा था कि इस तरह की योजनाओं से विकास बाधित होता है. वहीं पीएम की इस टिप्पणी के बाद गहलोत ने भी पलटवार किया था. हालांकि गहलोत सरकार की योजनाएं राज्य सरकार की एक ठोस रणनीति का हिस्सा है, ताकि लोगों को खर्च करने के लिए अधिक पैसे देकर मांग पक्ष को बढ़ावा दिया जा सके.

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