CM का ऐलान… राजनीति में नहीं चलने देंगे हिंदू एजेंडा, 50 हजार युवा घर-घर पहुंचाएंगे गांधी का ‘संदेश’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐलान किया है कि वे आने वाले चुनाव में भाजपा का राजनीतिक हिंदुत्व एजेंडा (Hindutva Agenda) नहीं चलने देंगे।

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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐलान किया है कि वे आने वाले चुनाव में भाजपा का राजनीतिक हिंदुत्व एजेंडा (Hindutva Agenda) नहीं चलने देंगे। गहलोत ने बुधवार को जालोर में प्रेसवार्ता में कहा कि भाजपा आरएसएस धर्म के नाम पर दंगे करवाते हैं। हमारी आस्था हिंदू धर्म में उनसे ज्यादा है। हम गाय के नाम पर वोट की बात नहीं करते हैं। कुछ लोग राम मंदिर की राजनीति के लिए ही हिंदू बने हैं।

गहलोत के इस बयान के चंद घंटों बाद ही उन्होंने प्रदेश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शांति एवं सद्भाव का संदेश घर-घर पहुंचाने के लिए प्रदेश के 50 हजार युवा महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती करने का भी ऐलान कर दिया और इसकी मंजूरी भी जारी कर दी। गहलोत का यह कदम प्रदेश में भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे के खिलाफ बड़ा कदम माना जा रहा है।

BJP-RSS आलोचना बर्दाश्त करना सीखें सीएम ने कहा कि राजस्थान में भाजपा के हिदं त्व के एजें ु डे को हम नहीं पनपने देंगे। यहां सर्व धर्म का सम्मान है। गो माता को लेकर भाजपा राजनीति करती है, जबकि गायों की सेवा में हमेशा कांग्स आगे रही है। रे देश में राजस्थान एकमात्र राज्य है, जहां शांति और अहिंसा का विभाग बन गया है।

संघ और भाजपा को आलोचना बर्दाश्त करना सीखनी चाहिए।आलोचना आभूषण है। सीएम ने कहा विपक्ष नहीं होगा तो पक्ष कहां होगा। आलोचना सुनने का मादा होना चाहिए। देशहित की बात करते हो तो आलोचना वाले आर्टिकल पढ़ना शुरू कर दो।

विचारधारा के साथ यूथ पर भी फोकस

मुख्यमंत्री गहलोत ने पचास हजार युवाओं को प्रेरक लगाने की स्वीकृति दी है। यह युवा सरकारी योजनाओ से अवगत कराने ं के साथ महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं संविधान कें द्रों का संचालन भी करेंगे। गहलोत ने सेवा प्रेरकों की चयन प्रक्रिया एवं नियमों के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। प्रेरकों को प्रतिमाह 4500 रुपए मानदेय मिलेगा। इनकी ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड स्तर पर नियुक्ति होगी। आवेदन के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता कक्षा 12वीं अथवा समकक्ष रखी गई है।

आवेदन के लिए आयु न्यूनतम 21 वर्ष रखी गई है। ये वे यूथ होंगे जो आने वाले चुनाव में पहली बार वोट डालने और माहौल बनाने का काम करेंगे। इनका कार्यकाल 1 वर्ष का रहेगा। चयन के लिए उपखंड स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। प्रत्येक जिले में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चयन प्रक्रिया के नोडल अधिकारी होंगे। चयन के लिए उपखंड स्तर पर उपखंड अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा। जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति प्रेरकों का अंतिम अनुमोदन कर चयनितों की सूची शांति एवं अंहिसा निदेशालय को भेजेगी।

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