सात दिन में ही टूटा 7 जन्मों का बंधन, हनीमून पर हुआ कुछ ऐसा, पत्नी ने साथ रहने से किया इंकार

सात दिन में ही टूटा 7 जन्मों का बंधन, हनीमून पर हुआ कुछ ऐसा, पत्नी ने साथ रहने से किया इंकार

Marriage | Sach Bedhadak

जयपुर/आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां शादी के 7 दिन बाद हनीमून से लौटने के बाद पत्नी ने पति से रिश्ता तोड़ दिया है। हनीमून पर कुछ ऐसा हुआ कि वापस लौटने के बाद पत्नी साथ रहने से मना कर दिया। दुल्हन की बात सुनकर घरवाले भी दंग रह गए।

यूपी के आगरा में अपर परिवार न्यायाधीश-3 प्रदीप कुमार मिश्रा ने पति द्वारा प्रस्तुत याचिका स्वीकृत की। याचिका के आधार पर उसके विवाह विच्छेद करने के आदेश पारित कर दिए। इसके साथ ही वादनी के भरण पोषण के लिए वादी से उसे एकमुश्त 6 लाख रुपए दिलाने के भी आदेश दिए।

जानकारी के अनुसार, यह घटना यूपी के आगरा जिले में कमला नगर थाना क्षेत्र के बल्केश्वर की है। यहां के निवासी रेलवेकर्मी ने हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत कोर्ट में विवाह विच्छेद याचिका प्रस्तुत की। उसने शिकायत में बताया कि उसकी शादी जयपुर की एक युवती से हुई थी। शादी के बाद दोनों पति पत्नी हनीमून के लिए शहर से बाहर चले गए। वहां पति ने पत्नी को खूब घुमाया फिराया और खिलाया। हनीमून पर ही दोनों में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया।

हनीमून से वापस लौटने के बाद पत्नी दसई की रस्म के लिए अपने मामा के लड़के के साथ अपने घर जयपुर आ गई। कुछ दिनों के बाद पति अपनी पत्नी को लेने ससुराल जयपुर गया। लेकिन, पत्नी ने पति के साथ आने से इंकार कर दिया। पत्नी कहा कि ना तुम्हारा घर ना मोहल्ला। जहां तुम रहते वो वह शहर भी पसंद नहीं है। जहां तुम रहते हो, वहां तुम्हारी जैसी छोटी सोच वाले लोग रहते हैं। अब वह दोबारा आगरा नहीं जाएगी।

पति ने पति से कहा कि अगर तुम्हें मेरे साथ रहना हैं, तो जयपुर में ही रहना होगा। वह अपने माता-पिता को छोड़कर यहीं रहे। पत्नी की इस जिद को लेकर उसके माता-पिता उसे समझाया तो वह पति के साथ आगरा आने को तैयार हो गई। लेकिन, ससुराल में आने के बाद पत्नी का व्यवहार और बदल गया। वह ससुराल में सबसे लड़ने झगड़ने लगी।

वह हमेशा फोन पर किसी युवक से बात करती रहती थी। कुछ दिनों बाद पत्नी घर में रखे हुए जेवर लेकर पीहर चली गई। जयपुर में जाकर अपने पति व अन्य ससुरालीजन के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा भी दर्ज करा दिया। पीड़ित पति ने वकील शैलेंद्र पाल सिंह और शुभम पाल सिंह के जरिए याचिका प्रस्तुत करने पर अपर परिवार न्यायाधीश प्रदीप कुमार मिश्रा ने वादी का वाद स्वीकृत कर विवाह विच्छेद के आदेश पारित कर दिए।

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