करप्शन मामले में ACB-DLB अफसरों में खींचतान, दोषी पाए जाने के बाद भी केस दर्ज नहीं, जानें-पूरा मामला

इसके बाद भी एसीबी के डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने डीएलबी के तत्कालीन उप नगर नियोजक राजपाल चौधरी के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया।

image 2023 10 25T070902.794 | Sach Bedhadak

(ओमप्रकाश शर्मा) : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारी अकसर पद का दुरुपयोग करने वाले अफसर कर्मचारियों के खिलाफ संबंधित विभाग से स्वीकृति मांगते हैं, लेकिन स्वायत्त शासन विभाग (डीएलबी) के अधिकारी करोड़ों रुपए की सरकार को चपत लगाने वाले एक अफसर के खिलाफ खुद पत्र लिखकर मामला दर्ज करके उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिख रहे हैं।

 इसके बाद भी एसीबी के डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने डीएलबी के तत्कालीन उप नगर नियोजक राजपाल चौधरी के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया। चौधरी के खिलाफ विभागीय जांच के बाद डीएलबी के डायरेक्टर हृदेश कुमार शर्मा ने एसीबी डीजी को पहली दफा 16 फरवरी, 2023 को और इसके बाद 21 सितंबर को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन डीएलबी के डायरेक्टर का पत्र फाइलों में ही जांच के नाम पर भटक रहा है।  

क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर दिए पट्टे 

पड़ताल में सामने आया कि राजपाल चौधरी डीएलबी में उप नगर नियोजक के पद पर कार्यरत थे। अजमेर विकास प्राधिकरण, नगर परिषद किशनगढ़ व पुष्कर में नियमन, भू रूपांतरण व पट्‌टे जारी करने अलग-अलग नियम बने हुए हैं। राजपाल चौधरी ने नगर परिषद किशनगढ़ के अफसर-कर्मचारियों से मिलीभगत करके परिधि नियंत्रण की पट्‌टी में मार्बल इकाइयों को पट्‌टे जारी कर दिए। उनकी जमीन का भू रूपांतरण और नियमन कर दिया। 

इसके लिए फाइलें डीएलबी ऑफिस मंगाई गई थी, जबकि परिधि नियंत्रण की पट्‌टी पर क्षेत्राधिकार अजमेर विकास प्राधिकरण था। इससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। नगर परिषद किशनगढ़ यानी स्थानीय निकाय द्वारा परिधि नियंत्रण की पट्‌टी को छोड़कर अन्य कृषि भूमि का भू-रूपांतरण, नियमन व पट्‌टे देने की कार्रवाई की जा सकती थी।

ऐसे खुला था भ्रष्टाचार 

उप नगर नियोजक राजपाल चौधरी के खिलाफ क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर नियमन करने, भू रूपांतरण करने व पट्‌टे जारी करने क शिकायत यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को हुई तो डीएलबी डायरेक्टर ने कमेटी बनाकर प्रकरण की जांच कराई। तब जांच कमेटी ने राजपाल चौधरी को पद का दुरुपयोग करने का दोषी माना।

इसके बाद डायरेक्टर ने एसीबी को जांच करने व केस करने के लिए पत्र लिखे । आरोप है कि श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, टोंक, जयपुर, बाड़मेर व जालोर जिले में भी भू रूपांतरण, नियमन व पट्‌टे जारी करने में भारी अनियमिताएं हुई हैं।

जानें-किसने क्या कहा

एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने कहा कि इस प्रकरण में अचानक कुछ बता नहीं सकता हूं। प्रकरण का पता करके ही बता पाऊंगा कि उप नगर नियाेजक के खिलाफ क्या मामला था। वहीं, डीएलबी के डायरेक्टर हृदेश कुमार शर्मा ने कहा कि एसीबी को जांच करके कार्रवाई के लिए पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पिछले दिनों रिमाइंडर पत्र भी लिखा है। 

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