राजस्थान में अब OBC को 27 फीसदी आरक्षण, चुनाव से पहले CM गहलोत ने फिर खेला बड़ा दांव

प्रदेश में अभी एससी को 16 फीसदी, एसटी को 12 फीसदी, ओबीसी को 21 फीसदी, ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी और एमबीसी को 5 फीसदी आरक्षण है।

CM Gehlot

OBC reservation in Rajasthan : जयपुर। मानगढ़ में बुधवार को हुई बड़ी सभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जातिगत आरक्षण का बड़ा दांव खेल दिया है। गहलोत का यह दांव विधानसभा चुनाव में हलचल मचाने वाला होगा। प्रदेश में अभी एससी को 16 फीसदी, एसटी को 12 फीसदी, ओबीसी को 21 फीसदी, ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी और एमबीसी को 5 फीसदी आरक्षण है। ओबीसी का आरक्षण छह फीसदी और बढ़ाकर 27 फीसदी करने के बाद राजस्थान में 70 फीसदी आरक्षण हो जाएगा। गहलोत का यह ऐलान मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। 

राजस्थान में 55 प्रतिशत से ज्यादा आबादी ओबीसी वर्ग की है, जो एक पक्ष में हो जाए तो विधानसभा की नैया तो पार हो सकती है। लोकसभा की 12 से ज्यादा सीटों पर भी इसका दबदबा है। इतना ही नहीं एससी- एसटी के लिए रिजर्व ज्यादातर सीटों पर भी ओबीसी निर्णायक भूमिका में है। उदयपुर दौरे के दौरान भी गहलोत ने इशारा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में रिपीट करती है तो ओबीसी का आरक्षण बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में पहले आरक्षण के मामले में 50 फीसदी का बैरियर था, लेकिन केन्द्र के ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण देने के बाद ये बैरियर भी हट गया है, लेकिन आरक्षण का यह फार्मूला संविधान के खिलाफ मानते हुए हर बार कोर्ट में रोक दिया जाता है।

वहीं जातिगत जनगणना के मामले में 24 से 26 फरवरी को छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में प्रस्ताव पारित हुआ था। विधानसभा में भी सरकार ने यह प्रस्ताव पारित किया है। कांग्रेस की ओर से जातिगत जनगणना की मांग तेज हो गई है। हालही में गहलोत ने पीएम मोदी को चिट्‌ठी लिखकर प्रदेश में जातिगत जनगणना कराने की मांग की है।

आठ जिलों में ओबीसी को आरक्षण देने का किया था ऐलान 

आदिवासी बहुल्य इलाके के 8 जिले डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, पाली और सिरोही ट्राइबल सब-प्लान (टीएसपी) में शामिल है। टीएसपी क्षेत्र की जनसंख्या करीब एक करोड़ के आस-पास है। इन क्षेत्रों में सरकारी नौकरियों के लिए अलग से आरक्षण व्यवस्था लागू है। यहां एसटी को सबसे ज्यादा 45 प्रतिशत और एससी वर्गको 5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इन इलाकों में ओबीसी वर्गके लोग भी रहते हैं, लेकिन उनको आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। भाजपा ने इन क्षेत्रों में सरकार में आने के बाद ओबीसी आरक्षण लागू करने का ऐलान किया था।

अन्य पिछड़े वर्ग के लिए 21% आरक्षण के साथ 6% अतिरिक्त आरक्षण

अति पिछड़ी जातियों का आयोग करेगा सर्वे मुख्यमंत्री ने देर रात सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया कि राजस्थान में वर्तमान में जारी अन्य पिछड़े वर्ग के लिए 21% आरक्षण के साथ 6% अतिरिक्त आरक्षण दिया जाएगा, जो ओबीसी वर्ग की अति पिछड़ी जातियों के लिए रिजर्व होगा। अति पिछड़ी जातियों के लिए ओबीसी आयोग द्वारा सर्वे किया जाएगा एवं आयोग समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट देगा।अजा-जजा के जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग का भी परीक्षण करवा रहे हैं। ईडब्ल्यूएस के 10% आरक्षण में राज्य सरकार ने अचल संपत्ति की शर्त को हटाया था।

राज्य सरकार राजस्थान में जातिगत जनगणना करवाने के पक्ष में 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण संबंधी विसंगतियों को दूर करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग की अतिरिक्त आरक्षण संबंधी मांग लंबे समय से की जा रही है। इसका परीक्षण करवाया जाएगा। साथ ही गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान में जातिगत जनगणना करवाने के पक्ष में है। सरकार की यह मंशा है कि जिसका जितना हक है, उसको उतना हक मिले। 

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