‘मां के जाने पर पापा करते थे गंदा काम…’11 साल की मासूम का दर्द कलेजा चीर देगा, अब बच्चे को देगी जन्म

जयपुर। राजधानी जयपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 11 साल की मासूम बच्ची से उसी के पिता ने ही…

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जयपुर। राजधानी जयपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 11 साल की मासूम बच्ची से उसी के पिता ने ही दुष्कर्म किया। बार-बार देहशोषण के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई। पीड़िता ने हाईकोर्ट ने गुहार लगाकर गर्भपात की अनुमति मांगी है, लेकिन हाईकोर्ट ने ऐसा करने से इंकार कर दिया है। क्योंकि मेडिकल बोर्ड के अनुसार, अगर गर्भपात करवाते तो बच्ची की जान को खतरा हो सकता है। वहीं इस पूरे मामले में पीड़ित बच्ची का कहना है कि अब सब कह रहे हैं कि मैं मां बनने वाली हूं, लेकिन मुझे इसका मतलब ही नहीं पता।

पढ़िए-पीड़िता की दर्दभरी दास्तां…

जयपुर में 11 साल की एक नाबालिग लड़की ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। नाबलिग लड़की ने शिकायत में बताया कि उसके परिवार में मानसिक रूप से बीमार मां और 5 साल का छोटा भाई है। मां अक्सर भाई को लेकर मामा के घर जाती थी। वहीं पिता बच्ची को रोक लेते थे और गलत काम करते थे। जब पीड़िता अपने पिता की हैवानियत के बारे में मां को बताने की कहती तो बिल्कुल नहीं डरते थे। पीड़िता कई बार चीख-चीख रोई भी, लेकिन पिता उसे डांट-फटकार कर चुप कर देते थे। पिता अपनी बेटी का करीब एक साल तक देहशोषण करता रहा।

कुछ दिन पहले जब पीड़िता की तबीयत बिगड़ने लगी और कमजोरी दिखने लगी तो पिता को इसका पता चल गया। वो उसे मामा के घर छोड़ आए। मामा के घर जाने पर पीड़िता गुमसुम रहने लगी। मामा ने दुलारते हुए पूछा तो पीड़िता ने रोते हुए पिता ने जो किया सब बता दिया। इसके बाद मामा ने आरोपी पिता के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पीड़िता ने पुलिस को भी पिता की करतूतों के बारे में बताया। अब पीड़िता 11 साल की उम्र में मां बनने वाली है। बच्ची 31 सप्ताह से गर्भवती है। पीड़िता ने हाईकोर्ट ने गर्भपात की इजाजत मांगी है। ऐसे में पीड़िता ने रोते हुए कहा-सब कह रहे हैं मैं मां बनने वाली हूं, लेकिन मैं कुछ समझ ही नहीं पा रही हूं।

हाईकोर्ट अधिवक्ता फतेहचंद सैनी और अरुण टांक ने बताया कि पीड़ित बच्ची की उम्र, वजन और भ्रूण की स्थिति देख हाईकोर्ट ने गर्भपात की अनुमति नहीं दी। डॉक्टरों के अनुसार अगर गर्भपात करते हैं तो बच्ची को खतरा है। पिता द्वारा मामा के घर छोड़ने के अगले दिन ही मामा ने एफआईआर कराई थी। 16 जनवरी को पिटीशन फाइल की। हम मेडिकल बोर्ड से भी मिले, ताकि समझ सके कि इस उम्र में मां बनने और पूर्ण विकसित भ्रूण का गर्भपात करने में क्या नुकसान हो सकता है।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट भी दे चुके हैं ऐसा ही फैसला…

बता दें कि एमटीपी एक्ट के 2021 संशोधन के अनुसार, दुष्कर्म पीड़ितों के मामले में हाईकोर्ट 24 सप्ताह तक गर्भपात की अनुमति दे सकता है। इसके लिए मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट जरूरी है। इसमें बोर्ड को बताना होता है कि भ्रूण में पर्याप्त असामान्यताओं के मामलों में 24 सप्ताह के बाद गर्भावस्था को समाप्त किया जा सकता है या नहीं। पंजाब और हरियाणा में ऐसे ही केस कोर्ट में आए थे, जहां दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की मंजूरी नहीं दी गई।

18 की उम्र तक मासूम बालिका गृह में और नवजात बाल कल्याण समिति के पास रहेगा

बच्ची को बालिका गृह में रखा गया है। यहां नर्स देखरेख करेगी। डिलीवरी के बाद नवजात को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया जाएगा। बच्ची 18 साल तक बालिका गृह में रहेगी।