1 हजार शिकायतें…70 FIR, अलवर के मेवात में जोधपुर पुलिस की कार्रवाई, 2 साइबर ठग गिरफ्तार

जोधपुर पुलिस ने बुधवार को फोन पर गलत पहचान बताकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। पुलिस ने इस गिरोह को अलवर के मेवात से गिरफ्तार किया है।

ashok gehlot 79 | Sach Bedhadak

Jodhpur Police’s Big Action On Cyber Fraud: जोधपुर पुलिस ने बुधवार को फोन पर गलत पहचान बताकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। पुलिस ने इस गिरोह को अलवर के मेवात से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जब उनका रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि उनके खिलाफ देशभर के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में 1 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज हैं और इनमें से 70 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।

8 महीने में 310 सिमों का इस्तेमाल

आरोपियों ने 8 महीने में 310 अलग-अलग सिम का इस्तेमाल कर लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। इनमें से एक पीड़िता जोधपुर की भी था। पीड़ित ने 14 अगस्त को एयरपोर्ट थाने में शिकायत दी थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो मेवात गैंग का कनेक्शन सामने आया।

14 अगस्त को दर्ज हुई शिकायत

डीएसपी अमृता दुहन ने ने पत्रकार वार्ता में जानकारी साझा करते हुए बताया कि 14 अगस्त को एयरपोर्ट थाना क्षेत्र निवासी सुरेश मीना ने रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि किसी ने परिचित बन कर बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने की बात करने की बात कह कर 94 हजार रुपये उड़ा ले गए। बातचीत के दौरान पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी हो गई है।

डीएसपी ने बताया कि इस पर एडीसीपी नाजिम अली और एयरपोर्ट पुलिस अधिकारी शेफाली सांखला के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। सामने आया कि ये सभी गिरोह मेवात से संचालित हो रहे थे। इस मामले में अजरुद्दीन (24) पुत्र फजरू खां मेव और मनीष कुमार (20) पुत्र रामस्वरूप ओड को मेवात अलवर से गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पुलिस दोनो को मेवात से पकड़कर जोधपुर ले आई।

एक लिंक और खाते से पैसे गायब

डीसीपी ने बताया कि जब आरोपियों से ठगी के तरीके के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे सीरीज में से कोई भी फोन नंबर चुन लेते थे और फोन करते थे। नाम जानने के बाद वह फोन करके सीधे कॉल करने वाले को नाम से बुलाता था।

इसके बाद परिचित बताते थे और कहते थे कि उनके खाते से किसी को पैसे ट्रांसफर करने हैं और ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं। इसलिए, हम आपको फोन पर पैसे ट्रांसफर करते हैं और आप पैसे आगे ट्रांसफर कर देना। अगर आप पैसे मांगने की बजाय पैसे देने की बात करें तो हर कोई इस पर विश्वास करेगा। लेकिन, इसके लिए वह एक मैसेज शेयर करते थे और इस लिंक के जरिए ठगी करते थे। जैसे ही वह इस लिंक पर क्लिक करता, उसके खाते से पैसे खाली हो जाते।

ओडिशा और असम से लाते है फर्जी सिम

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि धोखाधड़ी करने के लिए वे ओडिशा, असम और नॉर्थ ईस्ट से फर्जी सिम लाते थे। इनका रेट करीब 1500 रुपये था। इसके अलावा ऐसे सिम भी है जिन पर पहले से ही PhonePe या Paytm की KYC हो चुकी थी। इस सिम की कीमत करीब 3 से 5 हजार रुपये होती थी। वे इन सिम के जरिए लोगों को निशाना बनाते थे।