चांदना के बयान पर देवनानी का तंज, कहा- पुष्कर की तरह अब प्रदेश की जनता फेंकेगी जूते

अजमेर। मंत्री अशोक चांदना का लड़कियों की खरीद फरोख्त मामले पर दिया गया बयान अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस बयान पर अब जमकर…

0521 ashok chandna1 | Sach Bedhadak

अजमेर। मंत्री अशोक चांदना का लड़कियों की खरीद फरोख्त मामले पर दिया गया बयान अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस बयान पर अब जमकर सियासत हो रही है। इसी क्रम में राजस्थान के पूर्व मंत्री और अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी ने अशोक चांदना पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना ने गैर जिम्मेदारीपूर्ण बयान देकर अपनी अमानवीय सोच को ही उजागर किया है।

पुष्कर की तरह अब प्रदेश की जनता फेंकेगी जूते

वासुदेव देवनानी ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना ने ग़ैर ज़िम्मेदारीपूर्ण बयान देकर बेटियों पर हो रहे अपराधों की तुलना जुतो से करते हुए ऐसा कहना 10 हज़ार में जूते तक नहीं मिलते इंसान कहाँ से मिलेगा उनकी अमानवीय सोच का परिचायक है। प्रदेश में अपराधियों का बोल बाला हैं, प्रतिदिन बेटियों पर गम्भीर अपराध हो रहे हैं ,सीमा पर बेटियों की तस्करी हो रही हैं और यह सरकार कार्यवाही करने की जगह असंवेदनशील बयान दे रही हैं आपको ऐसे शासन के कारण राजस्थान की जनता जल्दी ही पुष्कर की तरह पूरे प्रदेश में जूते देने को तैयार है।

ये कहा था चांदना ने

दरअसल अशोक चांदना ने स्टांप पेपर पर लड़कियों के खरीद-फरोख्त के सवाल पर कहा कि आप किस दुनिया में है यहां तो 10 हजार रुपए में एक जोड़ी जूते भी नहीं आते तो फिर यहां लड़कियां कहां से मिलेंगी। इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। यह मामले झूठे हैं। लेकिन अगर कोई ऐसा केस जिसमें थोड़ी बहुत भी सच्चाई है, तो उस पर कार्रवाई जरूर होगी।

कर्ज चुकाने के लिए बेचते थे अपनी ही बेटियां

जानकारी के मुताबिक राजस्थान के भीलवाड़ा में स्टांप पेपर पर लड़कियों के बेचने का मामला सामने आया था। यहां पर लड़कियों के परिजनों ने अपना कर्ज चुकाने के लिए लड़कियों को कहीं लाख तो कहीं हजार में बेच देते थे। छोटी-छोटी बच्चियों को भी पंचों के सामने नीलाम किया जा रहा था। यही नहीं जब लड़कियों की खरीद-फरोख्त होती थी तो इसका बकायदा स्टांप पेपर बनवाया जाता था जब लड़कियों के परिजन कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं होते तो वे अपनी बच्चियों को बेच देते थे। जिससे उनका कर्जा चुकता हो जाता था। जानकारी के मुताबिक यहां कंजर समाज और पंच पटेल की बेटियों को देह व्यापार के लिए मजबूर किया जाता है। खासकर भीलवाड़ा के कई गांवों में ऐसे मामले सामने आए। 

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