20 घंटे बाद भी नहीं मिला प्रेमी जोड़े का शव, नहर में दूसरे दिन फिर शुरु हुआ सर्च ऑपरेशन

नर्मदा मुख्य कैनाल में छलांग लगाने वाले प्रेमी जोड़े की तलाश में रविवार को फिर से सर्च ऑपरेशन शुरु हुआ।

Narmada main canal | Sach Bedhadak

जालोर। नर्मदा मुख्य कैनाल में छलांग लगाने वाले प्रेमी जोड़े की तलाश में रविवार को फिर से सर्च ऑपरेशन शुरु हुआ। एसडीआरएफ की टीम सुबह सांचौर क्षेत्र में स्थित नर्मदा मुख्य कैनाल पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरु किया। पुलिस और खोताखोरों के साथ-साथ ग्रामीण भी नहर में प्रेमी जोड़े की तलाश में जुटे हुए है। बता दें कि शनिवार को ग्रामीणों ने अपने स्तर पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी थी। इससे बाद पुलिस ने आज फिर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है।

जानकारी के मुताबिक घटना सांचौर क्षेत्र में चितलवाना थाना क्षेत्र के मीठी बेरी सरहद की है। जहां शनिवार दोपहर करीब 3 बजे युवक-युवती ने नर्मदा मुख्य कैनाल में खुदकुशी करने के लिए छलांग लगा दी। घटना की सूचना मिलते ही सांचौर एडिशनल एसपी दशरथ सिंह, डीवाईएसपी रूप सिंह, चितलवाना तहसीलदार रायमल राम चौधरी सहित चितलवाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से सर्च ऑपरेशन शुरू किया। लेकिन, देर शाम तक दोनों के शव बाहर नहीं निकाले जा सके। इसके बाद प्रशासन ने सुबह एक बार फिर युवक-युवती की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन शुरु किया। फिलहाल, दोनों के शवों को तलाशने का कार्य जारी है।

पुलिस के मुताबिक पोपट राम पुत्र पारसा राम भील निवासी हरियाली का एक नाबालिक युवती के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। शनिवार सुबह दोनों घर से गायब थे। दोनों के परिजनों ने युवक-युवती की काफी तलाश की। परिजन दोनों को तलाश करते-करते मीठी बेरी नर्मदा नहर पर पहुंचा। तभी परिजनों को देख प्रेमी जोड़े ने नहर में छलांग लगा दी। यह देख परिजन चिल्लाए तो मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। एक युवक ने प्रेमी जोड़े को बचाने के लिए लहर में छलांग लगा दी और लड़के को बचाने का काफी प्रयास भी किया। लेकिन, जब वो खुद ही डूबने लगा तो लड़के को छोड़ दिया। ऐसे में वह खुद तो नहर से बाहर आ गया। लेकिन, प्रेमी जोड़ा नहर में डूब गया।

एक सप्ताह ने हुई दूसरी घटना

बता दें कि इसी सप्ताह पैर फिसलने के कारण एक अधेड़ नर्मदा मुख्य कैनाल में डूब गया था। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया गया। लेकिन, नहर में ऊपर तक पानी भरा होने के कारण खोताखोरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। आखिरकार एसडीआरएफ की टीम ने काफी मशक्कत कर 3 दिन बाद अधेड़ का शव नहर से बाहर निकाला था।

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